Category Untold Facts

आधुनिक शिक्षा जगत में डिजिटल एजुकेशन का षड्यंत्र : Yogesh Mishra

आज भारत में नई शिक्षा नीति लागू हो जाने के साथ ही शिक्षा जगत में यह अनिवार्य कर दिया गया है कि अब बच्चों को 40% शिक्षा आधुनिक डिजिटल संसाधनों से दी जायेगी, जो धीरे-धीरे आगामी 10 वर्षों में शत…

ओशो भविष्य का धर्म गुरु : Yogesh Mishra

हर महापुरुष वक्त से पहले पैदा हुआ इंसान होता है ! यह किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं बनाया जा सकता है ! जिन व्यक्तियों में ईश्वर द्वारा भविष्य देखने का सामर्थ होता है और उस भविष्य को सरल शब्दों में…

चीन के राष्ट्रवादी की कम्युनिस्ट यात्रा : Yogesh Mishra

1911 में चीन में एक राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक क्रांति हुई और किंग राजवंश को उखाड़ फेंका गया और उसके स्थान पर चीन एक गणतंत्र के रूप में जाना गया ! शिन्हाई विकास, जैसा कि इसे कहा जाता था ! चीन में…

आत्मविकास से कतराता समाज : Yogesh Mishra

शोषण का नाम लेते ही आरक्षण भोगी वर्ग तत्काल कटोरा लेकर खड़ा हो जाता है और जन्म जन्मांतर की कपोल कल्पित कहानियां सुनाने लगता है ! पिछले 75 सालों से तीन पीढ़ियों से आरक्षण का लाभ उठाने वाले इन राजनैतिक…

आंदोलन सदैव प्रायोजित होते हैं : Yogesh Mishra

सामाजिक आंदोलन सदैव प्रायोजित और साम्राज्यवाद के विस्तारवादी षडयंत्र का हिस्सा होते हैं ! यह कभी भी स्वस्फूर्त नहीं होते हैं ! फिर चाहे वह गांधी का आंदोलन हो या जयप्रकाश का ! इन सभी आंदोलनों के सूत्र विश्व सत्ता…

कॉम्युनिस्ट अफ़ीम का घातक जहर : Yogesh Mishra

“दो क्लास के बीच पहले अंतर दिखाना, फ़िर इस अंतर की वजह से झगड़ा करवाना और फ़िर दोनों ही क्लास को ख़त्म कर देना ! जिससे किसी भी देश का आर्थिक विकास रुक जाता है ! यह साम्राज्यवादी शक्तियों का…

हिन्दुओं को सही नेतृत्व की तलाश : Yogesh Mishra

यूपी में समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों के 90% मतों को प्राप्त किया ! बहुत से मुसलमान तो विदेशों से लाखों रुपये खर्च करके अपने काम का नुकसान करके मात्र समाजवादी पार्टी को वोट देने के लिये भारत आये ! समाजवादी…

बीजेपी का हिंदुत्व द्रोह : Yogesh Mishra

एक तरफ 19 जनवरी 1990 को जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों नरसंहार शुरू कर दिया था, जिससे कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से सामूहिक पलायन शुरू हो गया था, तो दूसरी तरफ सवर्ण परिवारों के बच्चे आरक्षण के…

मोटीवेशनल स्पीच, धंधा है जो गंदा है : Yogesh Mishra

प्राय: मोटीवेशनल स्पीच सुनता कौन है जो दुनियांदारी से अनभिज्ञ है और मोटीवेशनल स्पीच देता कौन है ? जो खुद कभी किसी धंधे में नहीं रहा है ! अर्थात मोटीवेशनल स्पीच का धंधा ठीक उस धार्मिक वैष्णव कथा वाचन जैसा…

गाँधी का स्त्रियोचित आन्दोलन : Yogesh Mishra

गांधी स्वयं को कष्ट देकर दूसरे पर दबाव बने की स्त्रियोचित आन्दोलन व्यवस्था की कला के आविष्कारक नहीं थे बल्कि यह उनके गुजराती परिवार महिलाओं द्वारा सदियों से इस्तेमाल की जाने वाले संस्कार की अभिव्यक्ति मात्र थी ! गुजरात कभी…