प्राय: कामसूत्र का नाम सुनते ही व्यक्ति घृणा और हीनता के भाव से भर जाता है, जबकि कि काम ही इस मैथुनिक सृष्टि का आधार है ! काम को विकृत, घृणा और हीनता के भाव से देखने की शुरुआत वैष्णव आक्रान्ताओं ने अपनी सेना के निर्माण के लिये युवाओं को …
Read More »दिव्य शास्त्रों पर शोध क्यों करें : Yogesh Mishra
प्रायः दिखाया जाता है कि भगवान राम, कृष्ण आदि जैसे महान योद्धा सामान्य तीर-कमान, चक्र, गदा, तलवार, आदि से बड़े-बड़े युद्ध किया करते थे ! जबकि दूसरी तरफ यह भी बतलाया जाता है कि जिन तीर कमानों से वह युद्ध करते थे ! उसी से वह समुद्र का पानी खौला …
Read More »क्या संसार से सभी धर्मों को विदा कर देना चाहिये : Yogesh Mishra
धर्म का निर्माण समाज को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए हुआ था, किन्तु कालांतर में धर्म के मुखिया लोगों की विलासिता को देखकर लोगों ने धर्म की ओट में धन कमाने के निर्णय लिया ! धीरे धीरे समाज का चालाक व्यक्ति किसी न किसी महापुरुष के नाम पर धर्म …
Read More »हिमालय का रहस्य भोटिया कुत्ता : Yogesh Mishra
भगवान शिव का नाम लेते ही शिव के विश्वसनीय गण भैरव जी महाराज का नाम स्वत: ही जवान पर आ जाता है ! भैरव का पर्याय एक विशेष नस्ल का हिमालय का भोटिया कुत्ता माना जाता है ! जो कैलाश मानसरोवर क्षेत्र से लेकर तिब्बत, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश आदि पर्वतीय …
Read More »आखिर भारत विश्व गुरु कैसे बनेगा ? : Yogesh Mishra
हमारे बहुत से साथी आज भारत को पुनः विश्वगुरु बनाना चाहते हैं, लेकिन अपने अपने तरीके से ! कोई गोबर और गोमूत्र बेचकर भारत को विश्वगुरु बनाना चाहता है, तो कोई वेद, पुराण, उपनिषद आदि का ज्ञान देकर भारत को विश्वगुरु बनाना चाहता है ! जो पढ़ा लिखा वर्ग है, …
Read More »ओशो की मृत्यु या हत्या : Yogesh Mishra
बीसवीं सदी के सबसे बड़े दार्शनिक, विचारक, चिंतक, बुद्धत्व को प्राप्त, गहन मनोचिकित्सक चंद्र मोहन जैन उर्फ़ भगवान रजनीश उर्फ़ ओशो के पुणे स्थित रजनीशपुरम आश्रम एवं उनकी सभी बौद्धिक संपदा के ऊपर अधिकार जमाने हेतु एक बहुत बड़ा विवाद मुंबई उच्च न्यायालय में विचाराधीन है ! यह विवाद यह …
Read More »ज्ञान ही सभी समस्याओं का कारण है : Yogesh Mishra
ज्ञान और अनुभूति यह दोनों ही अलग-अलग विषय हैं ! प्रायः व्यक्ति ज्ञान को ही महत्व देता है अनुभूति को नहीं क्योंकि अंग्रेजों के शासन काल में जब अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन जमाया, तब उन्हें अपनी शासन व्यवस्था को चलाने के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षित बौद्धिक मजदूरों की …
Read More »हिंदुत्व बनाम आर्थिक विकास : Yogesh Mishra
आज भारत के राजनैतिक दलों ने भारत की अनपढ़ जनता को आकर्षित करते हुये. लोकतांत्रिक राजनीति को ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया गया है कि भारत को अपने सर्वनाश के अतिरिक्त अन्य कोई मार्ग नहीं दिखलाई दे रहा है ! देश तेजी से गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा …
Read More »आज मांग नहीं बल्कि ब्राण्ड करता है कीमत को नियंत्रित : Yogesh Mishra
अर्थशास्त्र का सामान्य सिधान्त है कि किसी वस्तु की कीमत मांग और पूर्ति के संतुलन से निर्धारित होती है ! किंतु अब देखने में आ रहा है कि बाजार में वस्तु की कीमत का निर्धारण मांग और पूर्ति के संतुलन से नहीं बल्कि ब्रांड की लोकप्रियता से निर्धारित हो रही …
Read More »एंटी मैटर वास्तव में क्या है ? : Yogesh Mishra
एंटीमैटर केवल एक काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि असली तत्व होता है ! इसकी खोज बीसवीं शताब्दी के पूर्वाद्ध में हुई थी ! तब से यह आज तक वैज्ञानिकों के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है ! जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और स्वयं …
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