क्या अब हमें कथावाचकों के भगवान नहीं चाहिये : Yogesh Mishra

आज हमें कथावाचकों के भगवान की नहीं बल्कि उनके चरित्र विश्लेषण और कार्य शैली को जानने की आवश्यकता है ! भगवान के जीवन गाथा के दो पक्ष होते हैं पहला वह जिसे कथावाचक ढोलक मजीरा के साथ गा गा कर…
आज हमें कथावाचकों के भगवान की नहीं बल्कि उनके चरित्र विश्लेषण और कार्य शैली को जानने की आवश्यकता है ! भगवान के जीवन गाथा के दो पक्ष होते हैं पहला वह जिसे कथावाचक ढोलक मजीरा के साथ गा गा कर…
इन दिनों पूरी दुनियां “क्रिश्चियन योगा” प्रोपगंडा के तहत भारत का सनातन योग विज्ञान निशाने पर है और योग की दुकान चलने वाले भारत के तथाकथित योग गुरु टी.वी. पर अपना आक्सीजन लेबिल चेक कर रहे हैं ! जबकि योग…
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत हमें जबरजस्ती मास्क पहना दिया गया ! नहीं पहनने पर जुर्माना लगा दिया गया ! घरों से निकलने पर लाकडाउन के नाम पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया ! जो नहीं माने…
कभी युवा विश्व विजेता बनने के लिए तलवार लेकर पूरी दुनिया में निकला करता था ! बाद में बारूद की खोज हुई तो वह बंदूक और तोपें लेकर निकलने लगा ! किंतु आज दौर बदल चुका है ! अब तकनीकी…
सामान्यतया जब कभी क्षेष्ठ शासन व्यवस्था की बात चलती है तो कहा जाता है कि समाज को राम राज्य चाहिए क्योंकि भगवान श्री राम के शासन नीतियों को इतना आदर्श माना गया है कि आज तक उन नीतियों की असहजता…
इतिहासकारों के अनुसार उत्तर कौशल प्रदेश की प्राचीन राजधानी अवध को कालांतर में अयोध्या और बौद्धकाल में साकेत कहा जाने लगा ! अयोध्या मूल रूप से मंदिरों का शहर था ! हालांकि यहां आज भी हिन्दू, बौद्ध एवं जैन धर्म…
आजादी के पश्चात भारत ने 18 मई 1969 को 8 बजकर 5 मिनट सुबह भारतीय वैज्ञानिकों के सहयोग से राजस्थान के पोखरण नामक स्थान पर सौ मीटर से भी अधिक गहराई में पहला भूमिगत परमाणु-विस्फोट किया था ! इस भूमिगत…
भारत को वित्तीय आत्मनिर्भर बनाने का पहला सूत्र यह है कि भारत में शिक्षा के साथ-साथ कम से कम एक अनिवार्य व्यवहारिक कौशल ज्ञान जरूर होना चाहिए ! जिससे व्यक्ति अक्षर ज्ञान के साथ-साथ जीविकोपार्जन के लिए भी प्रशिक्षण प्राप्त…
रावण एक ऐसा ज्ञानी व्यक्तित्व था ! जिसने स्वयं साक्षात भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे शैव तंत्र विज्ञान की दीक्षा ली थी ! उसी दीक्षा के प्रभाव के कारण उसने अपनी नाभि में अमृत स्थापित कर लिया था और…
मैने अपने निजी संज्ञान में वर्ष 2011 जनवरी से फेसबुक प्रयोग कर रहा हूं ! उस समय भारत में गिने-चुने बुद्धजीवी लोग ही फेसबुक का प्रयोग किया करते थे और जो लोग प्रयोग किया करते थे ! वह सामान्यतया समाज…