आपातकाल व्यवस्था परिवर्तन की एक बड़ी कोशिश : Yogesh Mishra

जो लोग राजनीति की समझ नहीं रखते वह आपातकाल की सौ कमियां गिना देंगे ! लेकिन आपने कभी विचार किया कि आपातकाल के 19 महीनों में देश में जो हुआ ! क्या उसकी वास्तव में आवश्यकता देश को नहीं थी…
जो लोग राजनीति की समझ नहीं रखते वह आपातकाल की सौ कमियां गिना देंगे ! लेकिन आपने कभी विचार किया कि आपातकाल के 19 महीनों में देश में जो हुआ ! क्या उसकी वास्तव में आवश्यकता देश को नहीं थी…
प्रायः लोग अंधभक्त और चमचे को एक ही मान लेते हैं ! लेकिन यह गलत है ! दोनों में ही गुणधर्म, प्रवृत्ति, आचार-विचार और उद्देश्यों के अनुरूप बहुत अंतर होता है ! चमचा वह नायाब जीव है ! जो अपने…
आजकल एक मूर्खतापूर्ण पोस्ट फेसबुक और व्हाट्सएप पर खूब घूम रही है कि धर्म छुट्टी पर है और विज्ञान काम कर रहा है ! यह तर्क ईसाइयों द्वारा लोगों की सनातन हिन्दू धर्म के देवी देवता और भगवान में आस्था…
शास्त्र पढ़ने के कई कारण होते हैं ! कुछ लोग शास्त्रों का अध्ययन अपना समय पास करने के लिये करते हैं ! तो कुछ लोग अपने बौद्धिक मनोरंजन के लिये भी शास्त्रों का अध्ययन करते हैं ! कुछ लोग ईश्वर…
शास्त्र पढ़ने के कई कारण होते हैं ! कुछ लोग शास्त्रों का अध्ययन अपना समय पास करने के लिये करते हैं ! तो कुछ लोग अपने बौद्धिक मनोरंजन के लिये भी शास्त्रों का अध्ययन करते हैं ! कुछ लोग ईश्वर…
यह जीव विज्ञान का बहुत ही सामान्य सा सिद्धांत है कि जो व्यक्ति जिस परिवेश में रहता है या जो भोजन करता है ! शरीर उसी के अनुरूप अपना विकास कर लेता है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये तो…
भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं अर्जुन को उपदेश देते हुये कहा है कि तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया ! उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिन: !! अध्याय 4, श्लोक 34 ज्ञान को तू तत्वदर्शी ज्ञानियों के पास जाकर समझ, उनको भलीभाँति…
उस समय गोस्वामी तुलसीदास को अयोध्या के पंडों ने अयोध्या से अपमानित करके भगा दिया था ! तब गोस्वामी तुलसीदास बनारस में काशी नरेश के दरबार में उपस्थित हुये और उनसे आग्रह किया कि “मैं भगवान श्रीराम पर एक ग्रंथ…
व्यवहार में मन, बुद्धि और चित्त का एक सा ही अर्थ बतला देते हैं ! किन्तु ध्यान से देखें तो इन सब में बहुत बड़ा भेद है ! प्रपञ्चसार तन्त्र के अनुसार मन, इंद्रियों की तन्मात्रा के द्वारा विषयों को…
परस्पर संवाद की अपनी एक ऊर्जा होती है ! संवाद ही वह शक्ति है जो समाज के हर वर्ग को एक दूसरे से जोड़े रखती है ! जिस समाज में संवाद खत्म हो जाता है ! उस समाज में अपराध…