क्या नयी विश्व सत्ता में अब पुराने नायकों की जरुरत नहीं है !
मुहम्मद साहब की कब्र को मदीना से हटाकर उनके अवशेष को किसी अज्ञात जगह में ले जाने के प्रस्ताव से मुस्लिम जगत दो भागों में बंट गया है ! इंग्लैंड के अखबार द इंडिपेंडेंट ने यह खबर दी है कि इस्लाम के पवित्रतम स्थलों में से एक है मदीना का अल-मस्जिद अल-नबावी और वहीं पर है पैगंबर मुहम्मद साहब की कब्र ! मस्जिद के हरे गुंबद के नीचे पैगंबर के अवशेष हैं !
वहां हर साल लाखों तीर्थ यात्री जाते हैं और अपना सम्मान व्यक्त करते हैं ! अब सऊदी अरब के एक नामी विद्वान ने प्रस्ताव किया है कि इस जगह को तोड़ दिया जाये और उनके अवशेष को किसी अज्ञात जगह ले जाकर दफना दिया जाये ! अब प्रश्न यह है कि अरब में ऐसा प्रस्ताव किसके इशारे पर चल रहा है !
इसी तरह रोमानिया, हंगरी, लातविया, पोलैंड, इथियोपिया और खुद रूस में लगी रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की 500 से अधिक मूर्तियों को गिरा दिया गया और अब उन्हें रूस का क्रांति के नायक नहीं बल्कि तानाशाह घोषित किया जा रहा है !
यहाँ तक कि अमेरिका के बोस्टन में क्रिस्टोफर कोलंबस की एक प्रतिमा का सिर काट दिया गया है। नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनों के चलते कॉलोनाइजर्स और स्लेवर्स की मूर्तियों को पूरे अमेरिका से हटाने के लिये कहा गया है। कभी अमेरिका के नायक रहे क्रिस्टोफर कोलंबस को अब अमेरिका में अश्वेतों पर पूर्व में हुये अत्याचारों का जिम्मेदार माना जाता है ! आज पूरे अमेरिका में कोलंबस की मूर्ति को गिराया जा रहा है !
भारत में भी राम और कृष्ण की कथाओं में अल्लाह-अल्लाह, मौला-मौला का बड़ा जोर चल रहा है और भारत में क्रास हट नहीं बल्कि बढ़ ही रहा है जिससे सनातन धर्म पर नित्य नये आक्रमण जारी हैं ! मन्दिरों में कम मौल में ज्यादा भीड़ हो रही है ! नित्य नये भगवान प्रगट हो रहे हैं ! कई मन्दिरों पर असुरों का कब्ज़ा है ! तो कई पौराणिक मन्दिर खँडहर में बदल चुके हैं ! कहीं विकास के नाम पर बुलडोजर चल रहे हैं तो कहीं नेहरू गाँधी के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं ! आदि आदि !
अब प्रश्न यह है कि यह सब पूरी दुनियां में एक साथ किसके इशारे पर हो रहा है ? तो इसका सीधा सा जबाव है विश्व सत्ता की नयी विश्व व्यवस्था के तहत ! जिन्हें अब पुराने नायकों की जरुरत नहीं है ! बल्कि दूसरे शब्दों में कहें तो यह पुराने नायक नयी विश्व व्यवस्था में अवरोधक हैं !
क्योंकि अब नयी विश्व सत्ता को नायक नहीं गुलाम चाहिये ! जो आधुनिक कंप्यूटर की कृतिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा संचालित हों ! जहाँ हर व्यक्ति के शरीर में एक RFID चिप लगी हो ! जिसके द्वारा उस पर दुनियां के किसी भी कोने से निगाह रखी जा सके !
और उसके मस्तिष्क में एक न्यूरालिंक चिप लगी होगी ! जिससे उसे दुनियां के किसी भी कोने से निर्देश दिये जा सकेंगे ! जिसके अनुरूप वह व्यक्ति विश्व सत्ता के लिये यंत्रवत कार्य करेगा ! इस स्थिती में अब नयी विश्व व्यवस्था में दुनियां चलाने वालों को अब किसी राष्ट्र नायक या विश्व नायक की आवश्यकता ही कहाँ है !
शायद इसीलिये पूरी दुनियां से नायकों के प्रतीक चिन्हों को ही नहीं, बल्कि उनके स्मृति को भी मिटाया जा रहा है ! इस तरह विश्व सत्ता के नये नायक अब हमारे पूर्व महापुरुष नहीं बल्कि आधुनिक तकनिकी के कम्प्युटर होंगे ! जो हमारी आने वाली पीढ़ियों को नियंत्रित करेंगे !!