इल्युमिनाटी द्वारा लोकतंत्र का अपरहण !! Yogesh Mishra

मात्र खुले दिमाग के चिन्तक ही इस लेख को पढ़ें ! लगभग विश्व की प्रत्येक सरकार में इल्युमिनाटी के लोग होते हैं ! जिन्हें कोई भी अलग नहीं कर सकता है ! विश्व की दशा और दिशा यही लोग निर्धारित…

मात्र खुले दिमाग के चिन्तक ही इस लेख को पढ़ें ! लगभग विश्व की प्रत्येक सरकार में इल्युमिनाटी के लोग होते हैं ! जिन्हें कोई भी अलग नहीं कर सकता है ! विश्व की दशा और दिशा यही लोग निर्धारित…

ब्रह्मास्मि क्रिया योग में सफलता वैसे तो २ दिन में मिल जाती है ! पहले और दूसरे दिन 6-6 घंटे अभ्यास कराया जाता है ! इसके बाद इसका फॉलोअप दो घंटे हर हफ्ते करवाया जाता है ! करीब डेढ़ माह…

सभी नेत्र रोगियों के लिए चाक्षुषोपनिषद् प्राचीन ऋषि मुनियों का अमूल्य उपहार है ! इस गुप्त धन का स्वतंत्र रूप से उपयोग करके अपना कल्याण करें ! शुभ तिथि के शुभ नक्षत्रवाले रविवार को इस उपनिषद् का पठन करना प्रारंभ…

भारत की राजनैतिक व्यवस्था में कही कुछ गंभीर कमी है, यदि इसे समय रहते सुधारा नही गया तो पूरी से भी ज्यादा संभावना है कि भारत फिर से कुछ ही वर्षो में या तो गुलाम बन जाएगा या भिखारी !…

आज हम आपको सुलेमानी तंत्र और हिन्दू तंत्र की उन साधनाओं के बारे में बता रहे है जिनके बारे में कहा जाता है कि जो इन साधनाओं को साध लेता है उनकी बातें भूत, प्रेत, जिन्न, बेताल और पिशाच भी…

मेक्सिकॊ का सबसे बड़ा शिव मंदिर है ! सनातन भारत में “यक्ष”, उदार आत्माओं या अलौकिक शक्तियों के एक वर्ग के लोग थे जो पृथ्वी में और पेड़ों की जड़ों में छिपे हुए खजाने के संरक्षक हुआ करते थे !…

तांत्रिको और अघोरियों के गढ़ माने जाने वाले कामाख्या पीठ तंत्र क्षेत्र का तीर्थ माना जाता है ! असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7-8 किलोमीटर दूर स्थित है ! वहां से 10-11 किलोमीटर दूर नीलाचंल पर्वत है ! जहां…

भारत में बहुत सारें प्राचीन मंदिर है जो कुछ खास वजय से अपनी पहचान बनाये हुये हैं, ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के लखीमपुर खीरी के अंतर्गत ओयल नामक कस्बे में स्थित है जिसका शिवलिंग स्वयं ही रंग…

सनातन धर्म शास्त्रों के मुताबिक़ भगवान शिव अजन्मे है, अनंत है ! पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महादेव शिवशंकर जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है ! शास्त्रों एवं पुराणों…

भगवान शिव की पूजा या आराधना एक गोलाकार खड़े पत्थर के रूप में की जाती है ! जिसे पूजा स्थल के गर्भगृह में रखा जाता है ! सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही नहीं, भारत के बाहर विश्व के अनेक…