जानिए मातृशक्ति के अधिकार और शक्ति !
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त भारत के मौलिक के मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत सभी को अनुच्छेद १४-१८ के अन्तर्गत समानता का अधिकार दिया गया है ! जो कि महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार देता है ! इसके अन्तर्गत यह…
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त भारत के मौलिक के मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत सभी को अनुच्छेद १४-१८ के अन्तर्गत समानता का अधिकार दिया गया है ! जो कि महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार देता है ! इसके अन्तर्गत यह…
मंदिर केवल एक देवस्थान या पूजा-पाठ के केन्द्र के रूप में नहीं रहा है बल्कि मंदिरों में ज्ञान विज्ञान ज्योतिष खगोल आयुर्वेद आदि की शिक्षा भी दी जाती थी, मंदिर एक तरह के बैंक का भी काम करते थे !…
पंचगव्य और मंत्रों की सही आवृत्ति से तैयार किया गया रुद्राक्ष प्रायः सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को निष्प्रभावी करने या सोखने का सामर्थ्य रखता है ! वैज्ञानिक भाषा में कहें तो सही तरह से तैयार किये गये रुद्राक्ष से…
सभी जानते हैं कि ह्रदय स्थान ही अनहद चक्र है ! पहले व्यक्ति बिना सिले कपड़े पहनता था ! अतः उसे हृदय स्थान पर किसी कवच को स्थापित करने में कोई असुविधा नहीं होती थी ! किन्तु पिछले डेढ़ सौ…
दुनिया के अन्य महाद्वीपों के लोग जब वर्षा, बादलों की गड़गड़ाहट के होने पर भयभीत होकर गुफाओं में छुप जाते थे ! जब उन्हें एग्रीकल्चर का ककहरा भी मालूम नहीं था ! उससे भी हजारों वर्ष पूर्व महर्षि पाराशर मौसम…
“गोस्वामी तुलसीदास” ने चित्रकूट, अयोध्या और बनारस में रह कर एक से एक 23 रचनाएँ कीं :- 1- रामचरितमानस , 2- रामललानहछू 3- वैराग्य-संदीपनी 4- बरवै रामायण , 5-पार्वती-मंगल , 6-जानकी-मंगल , 7- रामाज्ञाप्रश्न , 8-दोहावली, 9-कवितावली , 10- गीतावली…
माना जाता है कि जबसे सृष्टि का निर्माण हुआ तभी यह झील भी बनी ! 9,100 फीट की उंचाई पर बनी इस झील में पानी कहां से आता है और कहां जाता है किसी को नहीं पता, लेकिन यह पानी…
योग आसनों द्वारा रोगों का इलाज की पद्धति बहुत पुरानी है ! योग में 84 मुख्य योगासन का अभ्यास संभव है ! महान चिकित्सकों और विद्वानों का कथन है कि जितनी भी अन्य चिकित्सा प्रणालियां संसार में हैं, वह सब…
सनातन ज्ञान अनादि अन्नत है ! उसे शब्दों में बांधना ही सम्भव नहीं है ! किन्तु अगली पीढ़ी के लिये यह लेख लिखा जा रहा है ! जिससे वह भी सनातन ज्ञान को एक दृष्ठि में जान सकें क्योंकि अब…
महाकाली को ही महाकाल पुरुष की शक्ति के रूप में माना जाता है ! महाकाल का कोई लक्षण नहीं, वह तर्क से परे है ! उसी की शक्ति का नाम है महाकाली ! सृष्टि के आरंभ में यही महाविद्या चतुर्दिक…