Dharmik Mahtav

सनातन ज्ञान ही सभी संस्कृतियों का मूल है ! : Yogesh Mishra

कुछ लोग हिन्दू संस्कृति की शुरुआत को मात्र सिंधु घाटी की सभ्यता से जोड़कर देखते हैं ! जो गलत है ! वास्तव में संस्कृत और कई प्राचीन भाषाओं के उपलब्ध इतिहास के तथ्यों के अनुसार प्राचीन भारत में सनातन धर्म के इतिहास की शुरुआत ईसा से लगभग 13 हजार पूर्व …

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हमारे पुराण रहस्य पूर्ण एवं ज्ञानवर्धक ग्रन्थ हैं ! : Yogesh Mishra

सामान्यतया ज्ञान मार्गी खासतौर पर आर्य समाजी पुराणों के महत्त्व का वर्णन करने की जगह उसकी सदैव आलोचना ही करते रहते हैं ! मैं यह मानता हूं कि अंग्रेजों के शासन काल में एक षड्यंत्र के तहत बहुत से पुराणों में बहुत से स्थानों पर बहुत कुछ इन षडयंत्रकारियों द्वारा …

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शंकराचार्य के चार मठों का इतिहास : Yogesh Mishra

जब भारत सहित सम्पूर्ण एशिया में बौद्ध का प्रभाव इतना अधिक बढ़ गया कि सनातन धर्म विलुप्त होने लगा तब प्राचीन भारतीय सनातन परम्परा के विकास और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिये आदि गुरु शंकराचार्य का महान योगदान नाकारा नहीं जा सकता है ! उन्होंने भारतीय सनातन परम्परा को …

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नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का इतिहास : Yogesh Mishra

शायद यह बहुत कम लोग जानते हैं कि विश्व में दो पशुपतिनाथ मंदिर प्रसिद्ध है एक नेपाल के काठमांडू का और दूसरा भारत के मंदसौर का ! दोनों ही मंदिर में मुर्तियां समान आकृति वाली है ! नेपाल का मंदिर बागमती नदी के किनारे काठमांडू में स्थित है और इसे …

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हमारा सनातन ज्ञान ही सबसे प्राचीन और श्रेष्ठ है ! : Yogesh Mishra

पृथ्वी से सूर्य की दूरी की सटीक गणना दर्शाती श्री हनुमान चालीसा की जिस पंक्ति का उल्लेख मैंने किया है, उस पर मैंने भी कभी ध्यान नहीं दिया था ! कल रात ट्विटर पर इस सम्बंध में एक सज्जन का ट्वीट देखा तो जिज्ञासावश इसकी जांच करने लगा ! उसी …

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जानिए पूर्वोत्तर का अद्भुद गौरवशाली सनातन इतिहास :Yogesh Mishra

वर्तमान में भारत का यह क्षेत्र बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार और तिब्बत- इन पांच देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा से संलग्न है ! यह क्षेत्र अपने गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति, भाषा, परंपरा, रहन-सहन, पर्व-त्योहार आदि की दृष्टि से इतना वैविध्यपूर्ण है कि इस क्षेत्र को भारत की सांस्कृतिक प्रयोगशाला कहना अतिशयोक्तिपूर्ण …

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विद्यारम्भ भी एक संस्कार है ! : Yogesh Mishra

विद्यारम्भ और अक्षरारम्भ एक ही संस्कार है ! गृह्य सूत्रों में इसका उल्लेख नहीं मिलता ! इस संस्कार को शिशु के पाँच वर्ष के होने पर करते हैं ! इसे उत्तरायण में किया जाता है ! अनध्याय तिथियों को छोड़ कर इसे किया जाता है ! प्राचीन भारत में प्रतिपदा, …

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होली को चैतन्य महाप्रभु ने वृंदावन से पुन: स्थापित किया था ! : Yogesh Mishra

होली शब्द “होला” शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है नई और अच्छी फसल प्राप्त करने के लिये भगवान की पूजा ! वैदिक काल में होली के पर्व को “न्वान्नेष्ठ यज्ञ” कहा जाता था ! इसमें अधपका अन्न (होला) अग्नि को अर्पित करते थे ! होला के कारण त्योहार …

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भगवान श्रीराम वन-गमन यात्रा के प्रमुख स्थान : Yogesh Mishra

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था ! इस काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित कर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया था ! संपूर्ण …

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जानिये नृत्य का रहस्य : Yogesh Mishra

भगवान शिव को नटराज अर्थात नृत्य का राजा माना गया है ! भगवान शिव के दो नृत्य प्रसिद्ध हैं ! एक है तांडव नृत्य और दूसरा है नटराज नृत्य ! तांडव नृत्य भगवान शिव तब करते हैं जब सृष्टि का लय खत्म हो जाता है और सृष्टि में सब कुछ …

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