जानिये क्या ईश्वर दुखियों की उत्पत्ति है ! Yogesh Mishra

आखिर दुखियों को ही क्यों मिलता है भगवान !! या दूसरे शब्दों में सुख की कमाना ही व्यक्ति को भक्त बनती है !! सुख प्राप्त करना हर व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता है ! वह सुख चाहे शरीर के संबंध में…
आखिर दुखियों को ही क्यों मिलता है भगवान !! या दूसरे शब्दों में सुख की कमाना ही व्यक्ति को भक्त बनती है !! सुख प्राप्त करना हर व्यक्ति की प्रथम आवश्यकता है ! वह सुख चाहे शरीर के संबंध में…
आपने कई बार पढ़ा होगा कि कुछ योगी अपने पुराने वृद्ध शरीर को त्याग कर किसी नवीन युवा आयु के मरे हुये व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते थे या किसी अन्य के मृत व्यक्ति के शरीर में जाकर…
मनुष्य की शारीरिक संरचना शायद इस प्रकृति की सबसे जटिल संरचना है ! प्रकृति ने मनुष्य को इस तरह से निर्मित किया है कि वह अपने शरीर और जीवन की रक्षा के लिये उसे किसी भी वाह्य संसाधन की आवश्यकता…
इस तथ्य के अनेकानेक प्रमाण मिलते हैं कि प्राचीन काल में ज्योतिर्विज्ञान विज्ञान सम्मत था ! भारतीय संस्कृति का अध्ययन करने वाले विदेशी विद्वानों ने इस विद्या से प्रभावित होकर अन्य भाषाओं में अनुवाद कराया ! मुस्लिम ज्योतिषाचार्यों में इब्नबतूता…
सृष्टि का गतिचक्र एक सुनियोजित विधि-व्यवस्था के आधार पर चल रहा है। ब्रह्माण्ड अवस्थित विभिन्न नीहारिकाएं-गृह, नक्षत्रादि परस्पर सहकार सन्तुलन के सहारे निरन्तर परिभ्रमण-विचरण करते रहते हैं। जिस ब्रह्माण्ड में मनुष्य रहता है उसकी अपनी परिधि एक लाख प्रकाश वर्ष…
प्राचीन काल से ज्योतिष का प्रयोग विविध प्रयोजनों के लिए किया जाता रहा है ! आज जैसे भौतिक विज्ञान का विकास न होते हुए भी वह इतना सक्षम है कि उसका अवलम्बन लेकर कितने ही महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न किये जा…
युगद्रष्टा वह व्यक्ति होता है जिसकी युग को देखने व परखने वाली अलग तरह की नज़र रखता है ! ऐसा व्यक्ति युग की नब्ज को पहचानकर समस्याओं से लोगों को अवगत करवाता है ! युगद्रष्टा व्यक्ति दूरगामी सोच रखते हैं…
आपने देखा होगा कि जब कोई संत अपने साधना की पराकाष्ठा पर पहुंच जाता है, तो वह समाज के अन्य व्यक्तियों के साथ मिलना जुलना लगभग बंद कर देता है ! इसका मुख्य कारण क्या है ? गहराई से चिंतन…
“नैमिषारण्य” हुआ करता था “वैष्णव” धर्मांतरण का केन्द्र कहते है नैमिषारण्य में भगवान विष्णु का चक्र गिरा था, तो पाताल तक चला गया और वही पानी निकलता रहता वहां पर ! इस गोलाकार कुऎं रूपी रचना के चारो तरफ़ भी…
ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती की अगुवाई में 3 दिन तक चली धर्म संसद में कहा गया था कि साधू संत प्रयागराज से सीधे अयोध्या जाएंगे और 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम होगा ! कुम्भ…