भूख लगाने के हेतुः- प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें ! खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें ! रक्तशुद्धि हेतु :- नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें ! दमाः- लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, …
Read More »होली को चैतन्य महाप्रभु ने वृंदावन से पुन: स्थापित किया था ! : Yogesh Mishra
होली शब्द “होला” शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है नई और अच्छी फसल प्राप्त करने के लिये भगवान की पूजा ! वैदिक काल में होली के पर्व को “न्वान्नेष्ठ यज्ञ” कहा जाता था ! इसमें अधपका अन्न (होला) अग्नि को अर्पित करते थे ! होला के कारण त्योहार …
Read More »भारत में इस्लाम कैसे फैला, जानिए पूरा इतिहास :Yogesh Mishra
इस्लाम के प्रणेता मोहम्मद साहब का देहांत 632 ईसवी में हुआ ! उस घटना के बाद 20 बरस के भीतर भीतर अरब में उदयीमान दस्युदल ने भारत के पश्चिमी सीमांत तक समस्त राष्ट्रों तथा संस्कृतियों का दलन कर डाला ! इस प्रकार विध्वस्त होने वालों में प्राचीन तथा शक्तिशाली पारसीक …
Read More »वास्तु भी देता है समग्र विकास : Yogesh Mishra
कहने को तो धरती हमारी माता है और हम उसकी संतान हैं ! मनुष्य धरती की छाती से उत्पन्न जल, अन्न तथा उसके वायुमंडल से ऑक्सीजन ग्रहण कर जीवन धारण करता है, लेकिन अपने क्षुद्र स्वार्थों की खातिर उसी धरती माता को विध्वस्त करने पर तुला हुआ है ! हर …
Read More »न्यायालयी सक्रियता और भारत का लोकतंत्र : Yogesh Mishra
न्यायपालिका द्वारा अपनी परम्परागत शक्तियों के क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यपालिका एवं विधायिका के कार्यक्षेत्र में जनहित की दृष्टि से हस्तक्षेप किया जाना न्यायिक सक्रियता कहलाता है ! वस्तुत: यह एक ऐसी प्रवृत्ति है, जिसके अंतर्गत देश की न्यायपालिका, सामाजिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों को नियमित करने में शासन के अन्य …
Read More »भविष्य में विश्व को सुरक्षा भारत ही देगा :Yogesh Mishra
आज शीत युद्ध सारा संसार एक विश्वव्यापी सुरक्षा-नीति के लिए चिंतित हैं ! कुछ वास्तव में चिंतित हैं, कुछ आशंकित हैं और कुछ सुरक्षा के ठेकेदार हैं ! इस चिंता, आशंका एवं ठेकेदारी का आधार है-आणविक क्षमता ! विज्ञान का विकास मानवता के इतिहास में सबसे अधिक आणविक हथियारों में …
Read More »जानिए धर्म और मानवता का संघर्ष का इतिहास :Yogesh Mishra
सृष्टि के प्रारंभ से ही मुट्ठी भर चालाक, धुरंधर, शैतान, लालची स्वभाव के लोग नाम, पैसे, पॉवर तथा अपनी दुकान चलाने के लिए समूची मानव जाति को गुमराह कर उसका शोषण करते आ रहे हैं ! मनुष्य जाति के शोषण का सबसे भयंकरतम माध्यम है धर्म ! सृष्टि ने हमें …
Read More »राजनैतिक विज्ञापन लोकतंत्र के दुश्मन हैं ! : Yogesh Mishra
चुनावों के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों की उपलब्धियों को उजागर करने वाले विज्ञापन हटाने या फिर उन पर पर्दा डालने का निर्देश दोहराया है ! ऐसा हर बार चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किया जाता है ! इसके पीछे निर्वाचन आयोग की मंशा राजनेताओं, पार्टियों और …
Read More »भारतीय भाषाओँ को लेकर दोगलापन क्यों ? : Yogesh Mishra
भाषायी विविधता और विचित्रता के बावजूद भारत एक अनुपम देश है ! यहां 22 मान्यता प्राप्त भाषाएं और 1650 से भी अधिक उप-भाषाएं और बोलियों उपयोग में लाई जाती हैं ! सांस्कृतिक रूप से अनेकता में एकता होते हुए भी भाषा के मुद्दे पर पूरे राष्ट्र में किसी एक देशी …
Read More »क्या हम आधुनिकता के गुलाम हैं : Yogesh Mishra
आधुनिक युग को विद्वान एवं प्रौद्योगिकी का युग कहा जाता है ! नित नये आविष्कार हो रहे हैं और नई प्रौद्योगिकी बाजार में आ रही है है नए-नए मोबाइल, गाडियां, एवं अन्य इलेक्टोनिक वस्तुएं, रसोईघर में प्रयुक्त होने वाले उपकरण आदि इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं ! अनाज हमारा बाजार और …
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