Tag Archives: havan and yagya

जानिए: दैनिक यज्ञ के लाभ क्या क्या है ?

वनौषधियों के पंचांग को कूटकर खाने में उसे बडी़ मात्रा में निगलना कठिन पड़ता हैं ! यही स्थिति ताजी स्थिति में कल्क बनाकर पीने में उत्पन्न होती है ! इससे तो गोली या वाटिका बना कर सेवन करने में मनुष्य को कम कठिनाई अनुभव होती है ! सूखी स्थिति से …

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जानिए : विशिष्ट ग्रह योग क्या है !

किसी भी ग्रह की या ग्रहों की विशेष प्रकार की स्थिति को ज्योतिष में योग कहा जाता है ! योग का शाब्दिक अर्थ जोड़ या मिलना होता है ! इन योगों में भी ग्रह की स्थान विशेषगत राशि से युति या योग होता है ! योग में निर्दिष्ट ग्रह उस …

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जानिए कैसे निकाला जाये विवाह का मुहूर्त !

सही विवाह नही मिलान होने से वर ने आत्महत्या कर ली आज कम्पयूटर का जमाना है जिसे देखो अपने अपने कम्पयूटर में कोई न कोई सोफ़्टवेयर ज्योतिष वाला डालकर बैठा है,जैसे ही किसी भी वर कन्या की विवाह वाली बात की जाती है सीधे से वर और कन्या की जन्म …

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इस शहर के जीवन ने तो हमको ठग लिया !!

हरिकिशन तिवारी आज से 25 साल पहले अपने दो बच्चों के साथ लखनऊ आया था ! निहायत ही ईमानदार कार्य में समर्पित राष्ट्र भक्त और स्वाभिमानी था ! तनख्वाह बस इतनी ही थी कि घर खर्च आराम से चल रहा था ! आज जब बेटा बीटेक कर रहा है बेटी …

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कुण्डली से जानिये आयु का रहस्य !

महर्षि पराशर रचित एक सूत्र से आयु निर्णय की स्थिति स्पष्ट होती है- बालारिष्ट योगारिष्टमल्यं मध्यंच दीर्घकम् ! दिव्यं चैवामितं चैवं सप्तधायुः प्रकीर्तितम् ! ! सात प्रकार की मृत्यु संसार में जानी जाती है अर्थात् मृत्यु के विषय में ज्ञान होना तो अत्यंत दुर्लभ है, किंतु फिर भी बालारिष्ट, योगारिष्ट, …

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शनि के स्व राशि में प्रवेश पर भारत अभी और सशक्त होगा !!

लार्ड माउंटबेटन ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को 14-15 अगस्त में से किसी दिन अपनी-अपनी आजादी के कार्यक्रम निर्धारित करने को कहा था ! पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा कर दी थी और भारत ने 15 अगस्त 1947 को अपने स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा …

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जानिए : शेयर-मार्किट में लाभ के कुछ विशेष ग्रहयोग !

यदि कुंडली में पंचमेश पंचम भाव में ही स्थित हो तो शेयर मार्किट से जुड़कर लाभ प्राप्त होता है ! यदि पंचमेश (पंचम भाव का स्वामी) स्व या उच्च राशि में होकर शुभ स्थान में हो तो शेयर मार्किट में लाभ प्राप्त होता है ! यदि बली पंचमेश की पंचम …

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जानिए : विदेश यात्रा में बाधा योग क्या है !

कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रह-योग ही हमारे जीवन में विदेश से जुड़कर काम करने या विदेश यात्रा का योग बनाते हैं ! हमारी जन्मकुंडली में बारहवे भाव का सम्बन्ध विदेश और विदेश यात्रा से जोड़ा गया है इसलिए दुःख भाव होने पर भी आज के समय में कुंडली के …

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जानिए कुंडली में बाधक ग्रह का अर्थ !

बाधक जैसा कि शब्द से ही मालूम पड़ता है कि बाधा देने वाला ! जो भी चर लग्न वाले व्यक्ति होते हैं वह हमेशा आराम से बैठना पसंद नहीं करते ! हमेशा कुछ ना कुछ अपने फायदे वाले जुगाड़ में लगे रहते हैं कुल मिलाकर ऐसे लोग जो जिंदगी में …

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ज्योतिष अनुसार प्रेम सम्बन्ध के ग्रह योग !

रति शक्ति का सम्बन्ध व्यक्ति के शारीरिक गठन, नस्ल और देशकाल (जलवायु) से रहता है ! इसका ज्ञान हमें स्नायु संस्थान के कारक व रक्त संचार कारक ग्रह की स्थिति से होता है तथा सप्तम स्थान में स्थित राशि व ग्रह के स्वभाव तथा बल के अनुसार निष्कर्ष निकलना पड़ता …

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