Tag Archives: rajiv dixit

घृणा का व्यवसायी कौन : Yogesh Mishra

इस महाआपदा के काल में हजारों लोग, जिनमें पत्रकार, बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, राजनेता, साधु-संत, मौलवी, उलेमा, पादरी, किसान, मजदूर, शिक्षक, नौकरशाह आदि सभी शामिल हैं ! अनेक प्रकार से संक्रमित मरीज, उनके परिवार तथा उनसे प्रभावित होने वाले लोगों की जो भी संभव है वह लोग सेवा-सहायता कर रहे हैं ! …

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क्या वैश्वीकरण की इच्छा ही हमारे विनाश का कारण है : Yogesh Mishra

मेरी बात सुनने में आपको अटपटी लग सकती है लेकिन यह सच है कि आज सदियों से जो हम अपने अस्तित्व को बचा कर रख पाये हैं, इसका मूल कारण हमारी आत्म केन्द्रित जीवन शैली ! भारतीय सनातन संस्कृति में सदैव से छोटे-छोटे गांव के निर्माण की व्यवस्था रही है …

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भारत में भुखमरी का तिलिस्म : Yogesh Mishra

क्या आप जानते हैं कि भारत में प्रतिवर्ष इतना अनाज पैदा होता है कि भारत यदि चाहे तो पूरी दुनिया के आठ सौ करोड़ लोगों को 6 माह तक अकेले भोजन उपलब्ध करवा सकता है ! लेकिन फिर भी भारत के अंदर 30% लोग मात्र एक वक्त ही रोटी खा …

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लेख लिखने का महत्व : Yogesh Mishra

सदैव से सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन निरंतर एक वैचारिक क्रम से होता रहा है ! चीजों का विश्लेषण करने की क्षमता एक ईश्वरीय गुण है ! इसे अध्ययन से बढ़ाया तो जा सकता है लेकिन किसी भी विषय के सार और मूल कारण को समझना मात्र ईश्वर की कृपा से …

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दुनिया को खत्म करने की विश्व सत्ता की योजना : Yogesh Mishra

आपने प्राय: चौराहे पर घोड़े के ऊपर सवार महापुरुषों की मूर्तियों को देखा होगा ! पर क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि उनमें से कुछ घोड़े सामान्य खड़े होते हैं तो कुछ एक पैर उठाकर खड़े होते हैं और कुछ दोनों पैर उठाकर खड़े होते हैं …

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दिलीप कुमार से सबक लो : Yogesh Mishra

दिलीप कुमार एक पाकिस्तानी मुस्लमान जिसका वास्तविक नाम मुहम्मद युसुफ खान था ! जिसका जन्म पाकिस्तान के पेशावर में 11 दिसम्बर 1922 को हुआ था ! जिसने फिल्म जगत में नाम बदल कर बेहतर मुसलमान होने का परिचय दिया और आज फिल्म जगत में खान कलाकारों को स्थापित करने में …

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आखिर ज्योतिष की शुरुआत कैसे हुई : Yogesh Mishra

प्राचीन काल में जब आधुनिक सुविधाएं नहीं थी ! मनुष्य गुफाओं में रहता था और वस्त्र के स्थान पर जानवरों की खाल या पेड़ों के पत्रों का प्रयोग किया करता था ! तभी से मनुष्य के मन में प्राकृतिक घटनाओं को देखकर कौतूहल होता था और मनुष्य प्रकृति के परिवर्तनशील …

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सात्विक दुर्घटना भी हमें विद्वान बना सकती है : Yogesh Mishra

लोग व्यर्थ ही अपना संपूर्ण जीवन पढ़ने-लिखने में नष्ट कर देते हैं ! अब विज्ञान भी इस बात को मानने के लिए तैयार हो रहा है कि इस ब्रह्मांड में व्याप्त समस्त ज्ञान मानव मस्तिष्क के अंदर पहले से ही विद्यमान है ! अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए तो …

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चीन से इतना काल्पनिक भय क्यों : Yogesh Mishra

चीन भारत का पड़ोसी देश है ! भारत की सभ्यता, संस्कृति, धर्म, विचारधारा सभी का चीन पर गहरा प्रभाव पड़ा है ! जिसके बदले में चीन ने सदियों से भारत को अधिक से अधिक समझने का प्रयास किया है ! अलग-अलग समय में अलग-अलग चीनी यात्री भारत भ्रमण पर आया …

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अंतरिक्ष वैज्ञानिक कुंभकर्ण : Yogesh Mishra

रावण तीन सगे भाई तथा एक बहन थे और रावण का एक भाई दूसरी मां से था ! दूसरी मां से उत्पन्न भाई का नाम कुबेर था ! कुबेर की मां हविर्भूवा महर्षि भारद्वाज की पुत्री थी ! इस तरह महर्षि भरद्वाज कुबेर के नाना तथा रावण के सौतेली माँ …

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