जानिये संस्कृत भाषा का अनकहा सत्य | Yogesh Mishra

देव भाषा “संस्कृत” विदेशी भाषा है ! ज्ञान की अनादि देवी कही जाने वाली “माँ सरस्वती” ही एक मात्र ऐसी देवी हैं जिन्होंने ने कोई भी अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं किये हैं और न ही कभी कोई युद्ध किया है !…
देव भाषा “संस्कृत” विदेशी भाषा है ! ज्ञान की अनादि देवी कही जाने वाली “माँ सरस्वती” ही एक मात्र ऐसी देवी हैं जिन्होंने ने कोई भी अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं किये हैं और न ही कभी कोई युद्ध किया है !…
महर्षि गौतम की पत्नी अहल्या के साथ जब इंद्र ने छल किया, तब तक अहल्या को दो संताने प्राप्त हो चुकी थी ! उनमें से एक तो “शतानन्द” माता सीता के पिता राजा जनक के यहां राजपुरोहित घोषित हुये और…
अमेरिका की खुफिया एजेंसी सी0आई0ए0 द्वारा जारी “वर्ल्ड फैक्ट बुक” की रिपोर्ट के अनुसार “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिये प्रयास रह एक “हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन” है ! जिसे आरo एसo एसo भी कहते हैं !…
रावण “वैष्णव संस्कृति” का विरोधी क्यों था ! “यक्ष” बनाम “रक्ष” संस्कृति जैसा कि हमारे पुराण बतलाते हैं कि भगवान सूर्य का विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ ! विवाह के बाद संज्ञा ने वैवस्वत और यम (यमराज) नामक…
आदि गुरू शंकराचार्य का जन्म आठवीं शताब्दी के मध्य में हुआ था ! तब भारतीय जनमानस की धार्मिक दशा और दिशा अच्छी नहीं थी ! भारत की धन संपदा से खिंचे आक्रमणकारी यहाँ से खजाना लूट लूट कर ले जा…
विश्व में जिस तरह “एडोल्फ हिटलर” को आज एक विलेन के रुप में देखा जाता है, उसी तरह भारत की राजनीतिक में राष्ट्रभक्त “नाथूराम गोडसे” को भी एक विलयन के रुप में देखा जाता है | प्रश्न यह है कि…
मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठ पर पहुँचे गाँधी का 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे चित्तपावन ब्राह्मण ने राष्ट्र हित में नई दिल्ली के बिरला भवन में गोली मारकर वध कर दिया ! फिर क्या था गाँधी के अहिंसक गांधीवादी अनुयाईयों…
रावण जैसा श्रेष्ठ ब्राहमण ही अपनी मृत्यु का संकल्प अनुष्ठान अपने शत्रु श्री राम को पूर्ण करवा सकता है ! बाल्मीकि रामायण और तुलसीकतृ रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की…
तंत्र भारत की मूल संस्कृति का आधार है ! इसीलिए भारत के मौलिक आराध्य भगवान शिव के द्वारा जितने प्रकार के तंत्रों का वर्णन किया गया है, तंत्र का उतना वर्णन कहीं नहीं पाया जाता है ! तंत्र का सीधा-सीधा…
भगवान श्री कृष्ण के जीवन परिचय के संदर्भ में दो ही प्रमाणिक ग्रंथ माने जाते हैं, जो कि उनके समकालीन श्री वेदव्यास द्वारा रचित हैं ! पहला प्रमाणिक ग्रंथ श्रीमद्भागवत पुराण है और दूसरा प्रमाणिक ग्रंथ महाभारत है ! इसमें…