समाधि से मोक्ष की यात्रा कैसे करें | Yogesh Mishra

मोक्ष हर जीव का प्राकृतिक अधिकार है ! समाधि की समयातीत अवस्था ही मोक्ष है ! इस मोक्ष को ही जैन धर्म में कैवल्य ज्ञान और बौद्ध धर्म में निर्वाण कहा गया है ! योग में इसे समाधि कहा गया…
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मोक्ष हर जीव का प्राकृतिक अधिकार है ! समाधि की समयातीत अवस्था ही मोक्ष है ! इस मोक्ष को ही जैन धर्म में कैवल्य ज्ञान और बौद्ध धर्म में निर्वाण कहा गया है ! योग में इसे समाधि कहा गया…
अक्षरों में ज्ञान नहीं होता है ! अक्षरों में ज्ञान नहीं होता है ! ज्ञान एक ऊर्जा है जिसे किसी भी अक्षर उच्चारण वाक्य या पुस्तक में नहीं समझा जा सकता है बल्कि अक्षर या शब्द ज्ञान की अभिव्यक्ति मात्र…
मौत के आठ प्रकार माने गये है। केवल शरीर से प्राण निकलना ही मौत की श्रेणी में नही आता है अन्य प्रकार के कारण भी मौत की श्रेणी में आते है। इन आठ प्रकार की मौत का विवरण इस प्रकार…
गुरू जी के आध्यात्मिक वर्कशॉप के करने से आपको क्या-क्या लाभ प्राप्त होगा ? 1. ईश्वरीय ऊर्जा के सिद्धान्त, वैज्ञानिक आधार तथा इसके अद्भुत लाभों की जानकारी । 2. शक्तिपात द्वारा ईश्वरीय ऊर्जा का जागरण का जीवन में यादगार अनुभव…
ग्रहों का शरीर में स्थान सौर मंडल में जिस तरह नौ ग्रहों का अस्तित्व है, ठीक उसी प्रकार मानव शरीर में भी नौ ग्रह मौजूद हैं। ये ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों में मौजूद हैं। ग्रहों का संबंध मानवीय चिंतन…
मृत्यु का पूर्वाभास कई लोगोँ को मृत्यु पूर्वाभास होता हैँ। पराविज्ञान के अनुसार मृत्यु से पहले ही कुछ संकेतोँ की सहायता से व्यक्ति पहले ही यह जान सकता है कि उसकी मृत्यु होने वाली है। सामान्यत: मृत्यु से नौ महीने…
मानव शरीर का वास्तु के पंच-तत्वों से संबंध नाड़ी शास्त्र के अनुसार, मानव शरीर में स्थित चक्र, जिनमें मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपूरक चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र एवं सहस्त्रार चक्र विद्यमान है। इन चक्रों का संबंध वास्तु…
सामान्य व्यक्ति जैसे ही शरीर छोड़ता है, सर्वप्रथम तो उसकी आंखों के सामने गहरा अंधेरा छा जाता है, जहां उसे कुछ भी अनुभव नहीं होता। कुछ समय तक कुछ आवाजें सुनाई देती है कुछ दृश्य दिखाई देते हैं जैसा कि…
मौत के बाद क्या होता है? ‘न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के हो। यह शरीर पांच तत्वों से बना है- अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश। एक दिन यह शरीर इन्हीं पांच तत्वों…
समय की माप समान नहीं है ऐसा माना जाता है कि काल (समय) की गति सभी स्थनों पर समान है किन्तु हमारे शास्त्र बतलाते हैं कि काल की गति गुरुत्व और गति के सापेक्ष चलती है अर्थात एक साथ जन्मे…