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विवेक चूड़ामणि ग्रन्थ का आध्यात्मिक रहस्य : Yogesh Mishra

विवेकचूडामणि आदि शंकराचार्य द्वारा संस्कृत भाषा में रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है ! जिसमें अद्वैत वेदान्त का निर्वचन किया गया है ! इसमें ब्रह्मनिष्ठा का महत्त्व, ज्ञानोपलब्धि का उपाय, प्रश्न-निरूपण, आत्मज्ञान का महत्त्व, पंचप्राण, आत्म-निरूपण, मुक्ति कैसे होगी ! आत्मज्ञान का फल आदि तत्त्वज्ञान के विभिन्न विषयों का अत्यन्त सुन्दर निरूपण …

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ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य-एंटीमैटर : Yogesh Mishra

खुद को आईने में देखियह ! वहां भी आप ठीक आपने सामने आपने को वैसे ही पाते हैं ? तब आप कहेंगे कि यह मेरा प्रतिबिम्ब है ! ठीक इसी तरह कभी सोंचा है कि जिस पृथ्वी पर आप रहते हैं ! शास्त्रों के अनुसार उसी पृथ्वी जैसी हू-ब-हू दर्जनों …

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मोक्ष के प्राप्ति लिये कर्मफल के बंधन से छुटकारा कैसे पा सकते हैं ! : Yogesh Mishra

श्रीमद् भगवत गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है ‘न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् ’ गीता 3/5 अर्थात, कोई भी व्यक्ति कर्म किये बिना क्षण भर भी नहीं रह सकता है ! अर्थात कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग किसी भी मार्ग में साधक कर्म किये बिना नहीं रह सकता है …

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मंदिरों में बैठा हुआ भगवान ईश्वर नहीं है ! : Yogesh Mishra

इन्द्रं मित्रं वरुणमग्निमाहुरथो दिव्य: स सुपर्णो गरुत्मान् ! एकं सद् विप्रा बहुधा वदंत्यग्नि यमं मातरिश्वानमाहु: !! – ऋग्वेद (1/164/46) जिसे लोग इन्द्र, मित्र, वरुण आदि कहते हैं, वह सत्ता केवल एक ही है, ऋषि लोग उसे भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं ! जिसे कोई नेत्रों से भी नहीं देख सकता, …

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यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे का रहस्य : Yogesh Mishra

‘यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे’ -चरक संहिता का यह श्लोकांश हमें समझाता है कि जो-जो इस ब्रह्माण्ड में है वही सब हमारे शरीर में भी है ! यह भौतिक संसार पंचमहाभूतों से बना है ! आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी ! उसी प्रकार हमारा हमारा यह शरीर भी इन्हीं पाँचों …

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संस्कारों की ऊर्जा सतत व अनंत चिरजीवी होती है ! : Yogesh Mishra

हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन की 99% दिनचर्या संस्कारों के प्रभाव से स्वत: संचालित होती है ! अब प्रश्न यह है कि यह संस्कार विकसित कैसे होते हैं ! इस संदर्भ को मैं एक उदाहरण से समझता हूँ ! जैसे कोई व्यक्ति जब खिचड़ी खाता है तो खिचड़ी …

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हिमालय दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र है | Yogesh Mishra

हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान हैं ! जहाँ पूर्व में कभी देवी-देवताओं और तपस्वी आदि रह कर तप किया करते थे ! हिमालय में अनेकों जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफायें हैं ! इन गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं ! …

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आध्यात्मिक जीवन में शिव के त्रिशूल का महत्व : Yogesh Mishra

दक्षिण एशिया के इतिहास में देवों के देव महादेव की उपासना सबसे प्राचीन उपासनाओं में से एक है ! महाभारत के ‘द्रोण पर्व’ से ज्ञात होता है कि कृष्ण के परामर्श से अर्जुन ने पाशुपत अस्त्र प्राप्त करने के लिये हिमालय पर जाकर शिव की घोर तपस्या की थी ! …

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आध्यात्मिक शक्ति से अति आधुनिक हथियार कैसे निस प्रयोज्य होंगे : Yogesh Mishra

हम सभी जानते हैं कि अब परंपरागत युद्ध जो कभी बम, बारूद, बंदूक, तोप, टैंक आदि से लड़ा जाता था ! उसका युग खत्म हो गया है ! अब आज के दौर में विज्ञान ने ऐसे आधुनिक हथियार विकसित कर लिये हैं कि जिनका युद्ध में प्रयोग करने के लिये …

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प्रकृति को समझने वाला व्यक्ति ही सर्वज्ञानी है : Yogesh Mishra

सनातन ग्रंथों में अनंत ज्ञान छिपा है ! सनातन ज्ञान के 1-1 ग्रंथों पर यदि अध्ययन किया जाये तो व्यक्ति का संपूर्ण जीवन ही छोटा पड़ सकता है ! लेकिन दुर्भाग्य है कि हमने सनातन ज्ञान के मार्ग को छोड़कर पैशाची संस्कृति के मार्ग को अपना लिया है और आज …

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