Category Untold Facts

हिन्दू शहरों के इस्लामीकरण का मनोविज्ञान : Yogesh Mishra

अकबर ने दीने इलाही धर्म चला कर हिंदू के के मन मस्तिष्क पर ही नहीं हिन्दू शहरों पर भी कब्जा कर लिया और हिंदू शहरों के नाम बदलना शुरू कर दिया जैसे अयोध्या का नाम फैजाबाद, प्रयाग का नाम इलाहाबाद,…

हिंदुत्व की अंत्येष्ठी : Yogesh Mishra

आज हिन्दूओं के पास न तो कोई जीवन दर्शन है और न ही कोई सम्प्रभु राष्ट्र ! अपने को विश्व गुरु कहने वाला हिंदू आज पूरी दुनिया में कटोरा लेकर भीख मांगता नजर आता है ! अपने को संयमी कहने…

सम्राट अशोक के घृणित कार्य : Yogesh Mishra

303 ईसा पूर्व में ग्रीक आक्रमणकारियों को धता दिखाते हुये चन्द्रगुप्त मौर्य ने आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में काबुल, हेरात, कन्धार, बलूचिस्तान, पंजाब, गंगा-यमुना का मैदान, बिहार, बंगाल, गुजरात तक तथा उत्तर में कश्मीर से कर्नाटक तक अपना साम्राज्य स्थापित…

बलात्कार का मनोविज्ञान समझे : Yogesh Mishra

बलात्कारकी घटना हमारे ही सभ्य समाज में क्यों होती है ! यह आदिवासी या तथाकथित अति पिछड़े अविकसित क्षेत्रों में क्यों नहीं होती है ! जहाँ आधुनिकता की मार अभी तक नहीं हुई है ! किसी कामुक साहित्य या कामुक…

राष्ट्रीय प्रतीक अशोक के लाट की रहस्य पूर्ण कथा : Yogesh Mishra

गाँधी भारतीय जनमानस का मनोविज्ञान खूब अच्छी तरह जानते थे ! उन्हें मालूम था कि उनके इस अहिंसा की नौटंकी में पढ़ा लिखा सवर्ण वर्ग शामिल नहीं होगा ! क्योंकि सवर्ण यह जानता था कि आजादी क्रांति से मिलेगी !…

श्रीमद्भागवत गीता के नाम पर फ्राड : Yogesh Mishra

अंग्रेजों द्वारा भारत से असली श्रीमद्भागवत गीता की पाण्डुलिपि चुरा ले जाने के बाद भारत में व्याप्त जन आक्रोश को दबाने के लिये इस दुनियां में पहली बार नकली श्रीमद्भागवत गीता का प्रकाशन भारतीयों के अल्प धार्मिक ज्ञान को देखते…

नंदी का तात्पर्य बैल नहीं है : Yogesh Mishra

सुमेरियन, बेबीलोनिया, असीरिया और सिंधु घाटी की खुदाई में भी बैल की मूर्ति पाई जाती है जिसे शिव भक्त प्राय: नंदी कह देते हैं ! जबकि नंदी बैलों में एक ब्राण्ड मात्र है ! जिसके नश्ल सुधार का काम बनारस…

बुढ़ापे से मूल्यवान कुछ भी नहीं है : Yogesh Mishra

पश्चिम के विकृत जगत ने पूरी शिद्दत से हमें यह बताने की चेष्टा की है कि बूढ़ा व्यक्ति किसी योग्य नहीं होता है, लेकिन सनातन जीवन शैली में बूढ़े व्यक्ति को परिवार ही नहीं समाज और राष्ट्र का आधार माना…

क्या थी ओशो की बड़ी चूक : Yogesh Mishra

ओशो एक महान चिंतक थे ! उन्होंने जीवन को कई आयामों से महसूस किया था ! वह यह चाहते थे कि मनुष्य जीवन के बोझ को न ढ़ोते हुए सीधा-सीधा आनंद को भोगते हुये मोक्ष को प्राप्ति करे ! जिस…

क्या गरीबी उन्मूलन की सभी योजनाएँ हमें और भी गरीब बनती हैं : Yogesh Mishra

वैश्विक तानाशाहों से निडर होकर श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा था कि भारत गरीबों का देश हो सकता है किंतु भारत स्वयं में गरीब नहीं है, क्योंकि श्रीमती इंदिरा गांधी का यह मत था कि भारत के अंदर व्याप्त सभी…