Untold Facts

अब भारत को उठना होगा : Yogesh Mishra

भारतीय समाज में 3 वर्ग हैं ! पहला उद्यमी वर्ग, दूसरा नाकारा वर्ग, तीसरा भटका हुआ वर्ग ! जो उद्यमी वर्ग है वह निरंतर अपने लक्ष्य को निर्धारित करके अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिये उस दिशा में बराबर बढ़ता रहता है ! उनका एक मात्र उद्देश्य निरंतर अपना विकास …

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वैष्णव द्वारा केदारनाथ हड़पने का असफल प्रयास : Yogesh Mishra

बद्रीनाथ को वैष्णव ने कैसे हड़पा इस पर मैं पहले ही अपना शोध लेख लिख चुका हूँ जो मेरी वेबसाईट पर मौजूद है ! आज बात करता हूँ वैष्णव द्वारा केदार नाथ हड़पने के असफल प्रयास की ! महाभारत के युद्ध में कृष्ण द्वारा एक एक शैव परम्परा के पोषक …

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सरस्वती को लक्ष्मी की दासता से मुक्त करना होगा : Yogesh Mishra

पश्चिम की पैशाचिक संस्कृत ने ज्ञान का आर्थिक मूल्यांकन करके सरस्वती को लक्ष्मी के अधीन कर दिया अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि आज यदि आपके पास धन नहीं है, तो आप उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकते हैं ! शिक्षा जगत में इस कार्पोरेट धंधे का असर …

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धर्म के लाशों को ढ़ोते धार्मिक गिरोह : Yogesh Mishra

अनादि काल से सृष्टि में एक ही धर्म रहा है ! वह प्रकृति का धर्म ! जो निरंतर मानव कल्याण के अनुरूप प्रकृति की तरह परिवर्तनशील रहा है ! किंतु दुर्भाग्य यह रहा कि मनुष्य ने प्राकृतिक धर्म को छोड़ कर मानव निर्मित धर्मों को प्राकृतिक धर्म के विकल्प रूप …

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क्या हमारा मस्तिष्क वैचारिक कूड़ा घर है : Yogesh Mishra

पूरी दुनिया का उपभोक्तावादी बाजार अब मानव मस्तिष्क को वैचारिक कूड़ा घर समझने लगा है ! इस मानवीय वैचारिक कूड़ा घर में सकारात्मक विचारों के स्थान पर घनघोर निम्न, छिछले, ओछे विचारों का आधुनिक विज्ञान की मदद से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस द्वारा बहुत तेजी से वैचारिक कूड़ा फेंके जा रहा है …

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राधा कामुक और छिनरे कथावाचकों की मानसिक कल्पना है : Yogesh Mishra

शास्त्र विहीन कथा वाचक बतलाते हैं कि संसार की दृष्टि में राधा की माता कीर्ति गर्भवती हुई लेकिन उनके गर्भ में राधा ने प्रवेश नहीं किया ! कीर्ति ने अपने गर्भ में वायु को धारण कर रखा था और योगमाया के सहयोग से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया लेकिन …

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देखना एक दिन सनातन धर्म ही सभी युद्धों को समाप्त करेगा : Yogesh Mishra

वैसे तो मानव संस्कृति पृथ्वी पर शुरुआती दौर में बहुत बिखरी हुई संस्कृति थी ! प्राकृतिक आपदाओं और भय के कारण मनुष्य धीरे धीरे संगठित होने लगा और छोटे-छोटे समूहों में रहने लगा ! और अनेकों तरह की जीवन शैली का उदय देश काल परिस्थिति के अनुसार हुआ ! इन्हीं …

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चार्वाक दर्शन देवताओं द्वारा शैवों को छलने के लिये लिखा गया था : Yogesh Mishra

प्रायः लोग यह मानते हैं कि चार्वाक नाम का कोई व्यक्ति था, जिसने भौतिकवादी जीवन शैली को लेकर कोई दर्शन प्रकट किया था ! जबकि यह नितांत गलत है ! जब पूरी दुनिया पर शुक्राचार्य के मार्गदर्शन में मात्र तपोनिष्ठ शैव जीवन शैली ही थी, तब शैवों को दिग्भ्रमित करने …

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संघ पर अविश्वास अभी उचित नहीं है : Yogesh Mishra

मोहन भागवत जी द्वारा जो मुसलमान समाज को लेकर हाल ही में बयान दिया गया, उसके उपरांत जो विद्वान जनों की राय सोशल मीडिया पर सामने आई वह भावुकता से भरी हुई तथा एक पक्षीय प्रतीत होती है ! निसंदेह संघ पिछले 96 वर्षों से प्रतिवर्ष हिंदू राष्ट्र की स्थापना …

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किसी विकास के विरोध का सुनियोजित षड्यंत्र भी उसी विकास का हिस्सा होता है : Yogesh Mishra

आपको यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि विश्व बैंक जब किसी कार्य योजना के लिये किसी देश को कोई लोन देता है, तो उस कार्य योजना का विरोध करने वाले समूह को भी उस कुल परियोजना के मूल्य का 3% पैसा टुकड़ों-टुकड़ों में दे दिया जाता है ! अर्थात मेरे …

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