युद्ध में जीत से बड़ी हार कोई नहीं : Yogesh Mishra

विचार कीजिये कि हम अपने जीवन में कितने तरह के युद्ध लड़ते हैं ! युद्ध का तात्पर्य बस यह नहीं है कि देश की सीमा पर जाकर ही लड़ा जाये ! हम समाज और धर्म के हितार्थ जब किसी भी…
विचार कीजिये कि हम अपने जीवन में कितने तरह के युद्ध लड़ते हैं ! युद्ध का तात्पर्य बस यह नहीं है कि देश की सीमा पर जाकर ही लड़ा जाये ! हम समाज और धर्म के हितार्थ जब किसी भी…
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पूरे विश्व में भगवान शिव द्वारा स्थापित की गई अति प्राचीन नगरी काशी का सनातन संस्कृति में अपना एक विशेष महत्व है ! यह माना जाता है कि भगवान शिव साक्षात रूप में…
मनुस्मृति अध्याय 8 का 15वां श्लोक है ! “हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।“अर्थात: धर्म का लोप कर देने से वह लोप करने वालों का नाश कर देता है और रक्षित किया हुआ धर्म…
तंत्र को लेकर समाज में फैली कुरीतियाँ, अंधविश्वास और अज्ञानता तंत्र साधक वर्ग के लिये कष्टदायी है ! आये दिन ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जिसमें मानसिक रूप से कुंठित लोगों के क्रियाकलापों को कारण तंत्र और तांत्रिक दोनों ही…
स्तम्भन का अर्थ है किसी भी वस्तु या व्यक्ति को किसी विशेष कार्य या उद्देश्य के लिये रोक देना या किसी को मानसिक रूप से बंधन में बांध देना ! तन्त्र में स्तम्भन क्रिया समझने से पहले हमें सृष्टि में…
आज कल बार बार चन्द्रमा रक्त वर्णीय हो रहा है ! इस साल जून और जुलाई के महीने में करीब 30 दिन के अंदर तीन बड़े ग्रहण लगने जा रहे हैं ! ऐसी ही घटना महाभारत युद्ध के पहले भी…
भगवान शिव ने 64 तंत्रों की रचना की है ! जिसका परम ज्ञानता रावण था ! तंत्र असीमित है ! इसका वर्णन अग्नि पुराण में भी मिलता है ! वैसे तो वशीकरण एक असामान्य विद्या है परंतु यह भी एक…
कुछ लोग हिन्दू संस्कृति की शुरुआत को मात्र सिंधु घाटी की सभ्यता से जोड़कर देखते हैं ! जो गलत है ! वास्तव में संस्कृत और कई प्राचीन भाषाओं के उपलब्ध इतिहास के तथ्यों के अनुसार प्राचीन भारत में सनातन धर्म…
सनातन ग्रंथों में अनंत ज्ञान छिपा है ! सनातन ज्ञान के 1-1 ग्रंथों पर यदि अध्ययन किया जाये तो व्यक्ति का संपूर्ण जीवन ही छोटा पड़ सकता है ! लेकिन दुर्भाग्य है कि हमने सनातन ज्ञान के मार्ग को छोड़कर…
शोध लेख प्रायः यह जनप्रवृत्ति रही है कि श्रीराम को सरल , करुणावत्सल और मर्यादारक्षक व्यक्तित्व के रूप में देखा गया जो सदैव सामाजिक और राजनैतिक मर्यादाओं की रक्षा करते हैं ! जबकि श्रीकृष्ण को एक चतुर , कूटनीतिज्ञ और…