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जानिए राजनीति के काल्पनिक शत्रु कौन है : Yogesh Mishra

एडोल्फ हिटलर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है: अगर तुम्हें किसी भी कौम से कोई काम करवाना हो, तो उसे किसी काल्पनिक शत्रु के नाम से भयभीत कर दो, फिर वह कौम कुछ भी करने को राजी हो जायहगी !…

ईसाई बाहुल्य क्षेत्र में इस्कॉन मंदिर क्यों नहीं बनता है ? Yogesh Mishra

इस्कॉन अर्थात अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (अंग्रेज़ी: International Society for Krishna Consciousness – ISKCON;), को “हरे कृष्ण आन्दोलन” के नाम से भी जाना जाता है ! इसे 1966 में न्यूयॉर्क नगर में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने प्रारंभ किया था ! इस्कॉन…

बैंक कैसे हमें कंगाल करते हैं ! (बहुत ही गहरा लेख) : Yogesh Mishra

संघर्ष की उत्पत्ति इस पृथ्वी पर मनुष्य के जन्म के साथ ही शुरू हुई है ! प्राचीन काल में व्यक्ति अपने विचारों को मनवाने के लिये शारीरिक शक्ति का प्रयोग करते थे ! कालांतर में जब व्यक्ति का ज्ञान विकसित…

भारतीय समाज में सकारात्मक ऊर्जा वाले संगठन असफल क्यों हो जाते हैं ! Yogesh Mishra

प्रायः देखा गया है कि समाज में जो संगठन सकारात्मक उर्जा से कार्य कर रहे हैं, वह बहुत अधिक समय तक अपने अस्तित्व को बनाये नहीं रख पाते हैं या उन्हें समाज में अपना अस्तित्व बनाने में बहुत लंबा समय…

आरक्षण के कारण हो रहा है प्रतिभा पलायन : Yogesh Mishra

भारत प्रतिभा से संपन्न राष्ट्र है पूरे विश्व को इसने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है और विश्व का हर राष्ट्र भारत के प्रतिभावान व्यक्तियों का, उनकी क्षमताओं का लोहा मानता है ! आज कोई राष्ट्र अगर भारत के साथ…

मैकाले ने नहीं विलियम विलसन हन्टर ने नष्ट की थी भारत की गुरुकुल व्यवस्था : Yogesh Mishra

1857 की क्रांति के बाद भारत में पुन क्रांति न हो इसलिये भारत की गुरुकुल व्यवस्था नष्ट करने के लिये ब्रिटिश सरकार ने विलियम विलसन हन्टर को लगाया था !! 15 जुलाई 1840 को जन्मे हंटर ने ग्लासगो, पेरिस तथा…

महाभारत काल के प्राचीन नगर और आधुनिक भारत ! !

महाभारत काल में जिन नगर, शहर, गांव और जनपदों के जो नाम थे उनमें से वर्तमान में कुछ ही के नाम मिलते हैं ! समय के साथ उन नामों में बदलाव होता गया ! हालांकि बहुत से ऐसे शहर हैं…

साहस है तो ब्राह्मण विरोध से पहले ब्राह्मण जैसा जी कर देखो !

ब्राह्मण शब्द पहले ज्ञान साधना, शील, सदाचार, त्याग और आध्यात्मिक जीवन-वृत्ति के आधार पर अपना जीवन जीने वाले लोगों के लिए एक सम्मानित संबोधन सरीखा था ! बाद के समय में ब्राह्मणत्व ज्ञान और साहित्य के अध्ययन-अध्यापन का पेशा बन…

सम्पूर्ण 745 श्लोकी श्रीमद्भगवद्गीता विश्व में कहाँ-कहाँ है !

गीता के बारे में सबसे विचारणीय बात यह है कि वर्तमान में ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की जो प्रचलित प्रतियां हैं, उसमें गीता के केवल 700 श्लोक हैं ! जबकि महाभारत में स्वयं 745 श्लोकी गीता का वर्णन करते हुए एक स्थान पर…

शैव कृषि पध्यति और वैष्णव कृषि पध्यति में अंतर जानिए !

कृषि दो तरह की होती है ! एक स्वाभाविक कृषि, दूसरा जिसे मनुष्य उत्पन्न करता है ! जब कृषि स्वाभाविक रूप से होती है अर्थात हवा, जल, वर्षा आदि के प्रवाह से या जीव, जंतुओं के कारण जो वृक्ष स्वाभाविक…