भारत में क्रांति कब और कैसे होगी : Yogesh Mishra

क्रांति के विषय में कोई भी बात करने के पहले दो बिंदुओं को समझ लेना परम आवश्यक है ! पहला क्रांति कभी भी भौतिक रूप में नहीं होती है ! भौतिक रूप से तो बस क्रांति के नाम पर उत्पात…
क्रांति के विषय में कोई भी बात करने के पहले दो बिंदुओं को समझ लेना परम आवश्यक है ! पहला क्रांति कभी भी भौतिक रूप में नहीं होती है ! भौतिक रूप से तो बस क्रांति के नाम पर उत्पात…
महाभारत के सिद्धांतों पर आधारित मनुस्मृति की वह उक्ति जो कि आठवें अध्याय के पन्द्रहवें श्लोक में वर्णित है ! ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ! तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् !’ इस वाक्यांश का अर्थ…
समस्त विश्व प्राचीन काल और मध्यकाल में अकाल मानसून के अनियमित होने के पड़ते थे ! परन्तु उच्च तकनीकी के आगमन के पश्चात अब अकाल प्रायोजित तरीके से डाले जाते हैं ! इस परम्परा की शुरुआत पूरे विश्व में ब्रिटिश…
भारत में किसी भी व्यक्ति या कंपनी को एक सीमा से अधिक खेती खरीदने के लिये सीलिंग कानून प्रतिबंध करता है ! विद्यमान कानून के चलते कार्पोरेट घरानों को खेती पर सीधा कब्जा करना संभव नही है ! इसलिये अब…
किसी को गालियां देने पर मिलने वाले सुख नाम अंग्रेजी भाषा में “LALOCHEZIA” होता है ! इस सुख की प्राप्ति से व्यक्ति की भड़ास निकल जाती है और बड़ी-बड़ी सामाजिक हिंसायें रुक जाती हैं ! यह लोकतंत्र में शांति बनाये…
सूचना है कि सोशल मीडिया के लिये केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन लागू करने के लिये गूगल और फेसबुक जैसी कंपनी तैयार हैं, लेकिन व्हाट्सएप अभी भी पूरी तरह से न मानने के लिये अड़ी हुई है ! दिल्ली हाईकोर्ट…
शायद यह बहुत कम लोग जानते हैं कि ब्राह्मण अनादि काल से लड़ाकू नस्ल रही है इसका शस्त्र और शास्त्र दोनों पर समान अधिकार रहा है ब्राह्मणों ने ही सदैव से क्षत्रियों को शस्त्र विद्या देकर युद्ध के लिये तैयार…
एक लोकप्रिय प्रभावशाली नेता के एक राजनीतिक बयान पर मेरी कई मनोचिकित्सकों से वार्ता हुई ! मुझे अलग-अलग व्यक्ति ने इस वक्तव्य के मनोविज्ञान को अलग-अलग तरह से समझाने की चेष्टा की ! किंतु मैं यह समझ पाया कि जो…
दरिद्रता मानव द्वारा निर्मित एक योजनाबध्य षडयंत्र है ! दरिद्रता को मिटाना हमारे हाथों में है, लेकिन सभी धूर्त लोग इसे अपने-अपने स्वार्थ के लिये हथियार के तौर पर इस्तमाल कर रहे हैं ! खास तौर पर पूंजीपति, राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक…
1971 में भारत की जनसंख्या 55 करोड़ थी ! जो हर दशक में 22% की गति से बढ़ रही थी ! जिसे लेकर विश्व के सारे ईसाई देश परेशान थे ! उनका यह मानना था कि यदि भारत की जनसंख्या…