इस लेख को पढ़ने के पहले साधु संतों के वेश में भगवा पहन कर कंधे पर ‘क्रॉस’ ले जाते इन धूर्त मिशनरी वालों पर विचार कीजिये ! आजकल के देश भर के ग्रामीण इलाकों में लोगो को इस तरह भ्रम फैला कर धर्मान्तरण करने के लिये आखिर इन्हें भेजता कौन …
Read More »क्या हम वनस्पति जल के डकैत हैं ! : Yogesh Mishra
विश्व के महासागर पृथ्वी का लगभग तीन चौथाई भाग घेरे हुये हैं ! संयुक्त राष्ट्र के आकलन के मुताबिक पृथ्वी पर पानी की कुल मात्रा लगभग 1400 मिलियन घन किलोमीटर है ! जिससे पृथ्वी पर पानी की 3000 मीटर मोटी परत बिछ सकती है ! लेकिन इस बडी मात्रा में …
Read More »क्या भारत का संविधान ही भारतीय लोकतंत्र का हत्यारा है ! : Yogesh Mishra
कहा जाता है कि लोकतंत्र में जनता की सरकार होती है ! जिसमें शासन सत्ता चलाने वाले लोगों का निर्धारण जनता करती है ! लेकिन भारत के संविधान में जो सबसे बड़ी खामी है ! वह यही है कि भारत में लोकतंत्र तो है लेकिन यहां पर संवैधानिक पदों पर …
Read More »आखिर लोन लेकर उच्च शिक्षा की आवश्यकता ही क्या है ? : Yogesh Mishra
वर्तमान भारतीय शिक्षा पद्धति पाइप लाइन की तरह है ! जिसमें बच्चा लोअर के.जी. से डाला जाता है और वह हाई स्कूल में उसी पाइप लाइन में रेंगते-रेंगते बाहर निकलता है ! इसके बाद उसे पुनः किसी भिन्न पाइप लाइन में डाल दिया जाता है जैसे साइंस साइड, आर्ट साइड, …
Read More »एक ही पवित्र नगरी के यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म के आपसी जंग का इतिहास : Yogesh Mishra
येरूशलम यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म, तीनों की पवित्र नगरी है ! इतिहास गवाह है कि येरुशलम प्राचीन यहूदी राज्य का केन्द्र और राजधानी रहा है ! जहाँ से यह तीनों धर्म निकले और विस्तार लिये हैं ! यहीं पर कभी यहूदियों का परम पवित्र “सोलोमन मन्दिर” हुआ …
Read More »गुमनामी बाबा को लेकर आखिर जस्टिस सहाय पर किसका दबाव था : Yogesh Mishra
लखनऊ हाईकोर्ट जस्टिस रहे विष्णु सहाय ने गुमनामी बाबा की असलियत के नाम पर विस्तृत जाँच के बाद फैसला कर दिया कि फैजाबाद के गुमनामी बाबा का नेताजी सुभाष चंद्र बोस से कोई लेना-देना नहीं था ! इसके साथ ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस और गुमनामी बाबा को लेकर सारी अटकलें …
Read More »मोक्ष के प्राप्ति लिये कर्मफल के बंधन से छुटकारा कैसे पा सकते हैं ! : Yogesh Mishra
श्रीमद् भगवत गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है ‘न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् ’ गीता 3/5 अर्थात, कोई भी व्यक्ति कर्म किये बिना क्षण भर भी नहीं रह सकता है ! अर्थात कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग किसी भी मार्ग में साधक कर्म किये बिना नहीं रह सकता है …
Read More »मंदिरों में बैठा हुआ भगवान ईश्वर नहीं है ! : Yogesh Mishra
इन्द्रं मित्रं वरुणमग्निमाहुरथो दिव्य: स सुपर्णो गरुत्मान् ! एकं सद् विप्रा बहुधा वदंत्यग्नि यमं मातरिश्वानमाहु: !! – ऋग्वेद (1/164/46) जिसे लोग इन्द्र, मित्र, वरुण आदि कहते हैं, वह सत्ता केवल एक ही है, ऋषि लोग उसे भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं ! जिसे कोई नेत्रों से भी नहीं देख सकता, …
Read More »मंदिरों में बैठने से भगवान को भी घमंड आ जाता है ! : Yogesh Mishra
भगवान कोई वी.आई.पी. नहीं जिसे मंदिरों में सुरक्षित बैठा दिया जाये ! बल्कि वह प्रकृति का एक सार्वजनिक सेवक है ! जिसका काम ईश्वर द्वारा जो जीव आत्मायें पृथ्वी पर निवास कर रही हैं ! उनके सभी का दुख दर्द को सुने और उनका समाधान करे ! जैसे कोई सामान्य …
Read More »हाँ मैं जातिवादी हूँ ! : Yogesh Mishra
किसी मुर्ख ने फेसबुक पर कल मुझसे कहा कि आपको अपने नाम के आगे से जाति सूचक शब्द हटा देना चाहिये ! जबकि वह स्वयं गुप्ता लगाये हुये थे ! तो मैने सोचा कि मैं उनको ही नहीं पूरी दुनिया को बतला दूँ कि मैं शुद्ध जातिवादी हूँ ! जब …
Read More »