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राष्ट्रद्रोही बनाम राष्ट्रघाती में अंतर : Yogesh Mishra

हिंदी एक बहुत ही अद्भुत भाषा है ! इसमें अलग-अलग शब्दों के अलग-अलग अर्थ होते हैं ! किंतु अज्ञानतावश हम लोग एक स्थान पर जो शब्द प्रयोग किया जाना चाहिये ! उसकी जगह किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर देते…

विश्व धर्म का सनातन इतिहास : Yogesh Mishra

हिन्दू धर्म का इतिहास अति प्राचीन है ! इस धर्म को वेदकाल से भी पूर्व का माना जाता है क्योंकि वैदिक काल और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है ! यहां शताब्दियों से मौखिक (तु वेदस्य मुखं)…

आध्यात्मिक ऊर्जा कैसे नष्ट होती है ! : Yogesh Mishra

मनुष्य के साथ सबसे बड़ी समस्या ही यह है की वह ऊर्जा के नियमो से अवगत नहीं है ! अध्यात्मिक शक्ति अर्थात ऊर्जा का, मंत्र इत्यादि क्रियाओं से आहवाहन तो हो सकता है किन्तु दिव्य ऊर्जा को संचित कर उसका…

तंत्र का रहस्य पूर्ण विवेचन ! Yogesh Mishra

तंत्र विद्या कठिन साधना है ! तंत्र विद्या का मनुष्य के जीवन में अलग ही प्रभाव पड़ता है ! शिव जगत पिता हैं तथा इस संसार की संरचना में उनकी इच्छा को मूर्त रूप देने के लिए उनकी शक्ति ही…

ईश्वर अपनी रक्षा स्वयं करता है ! : Yogesh Mishra

16-17 जून 2013 की मध्य रात्रि से ही निरंतर जलप्रलय के संकेत मिले थे ! लेकिन केदारनाथ धाम में भक्त भक्ति में कम और मस्ती में अधिक व्यस्त थे ! उसी का परिणाम था कि सुबह होते-होते पूरी केदारघाटी तबाह…

हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के समय तक विकसित नहीं हुई थी “संस्कृति भाषा” : Yogesh Mishra

क्या हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की लिपियाँ पढ़ी जा सकती हैं ? हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिले बर्तन समेत अन्य वस्तुओं पर सिंधु घाटी सभ्यता की अंकित चित्रलिपियों को पढ़ने की कोशिशें लगातार जारी हैं ! यह तो निश्चित…

ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य-एंटीमैटर : Yogesh Mishra

खुद को आईने में देखियह ! वहां भी आप ठीक आपने सामने आपने को वैसे ही पाते हैं ? तब आप कहेंगे कि यह मेरा प्रतिबिम्ब है ! ठीक इसी तरह कभी सोंचा है कि जिस पृथ्वी पर आप रहते…

अघोर साधना की तैयारी कैसे करें : Yogesh Mishra

अभी मैंने अघोर साधना पर कुछ दिन पहले एक लेख लिखा था ! कि “अघोर साधना से आत्म दर्शन कैसे करें !” उस लेख को पढ़कर मेरे वरिष्ठ मित्र का मुझे फोन आया और उन्होंने कहा कि मैं अघोर साधना…

वेदों में श्रम व्यवस्था क्या है : Yogesh Mishra

भारतवर्ष की प्राचीन सनातन परम्परा का आदर्श तो विश्व में समाजवाद का सर्वोच्च कीर्तिमान स्थापित करता है ! व्यक्ति की उन्नति और समृद्धि को उसकी आर्थिक संपन्नता, दिखावटी भोगवादी जीवन शैली से नहीं मापा जाता ! एक स्वस्थ मानसिकता, स्वस्थ…

बांग्लादेश के जन्म की पीड़ादायक कथा !! : Yogesh Mishra

14 अगस्त 1947 को धर्म पर आधारित स्वतंत्र पाकिस्तान देश का गठन हुआ था ! तत्कालीन पाकिस्तान के दो भाग थे ! पू्र्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान एवं दोनो ही भाग में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्ष्णिक समानतायें नही थीं ! संसाधनों…