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हिमालय दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र है | Yogesh Mishra

हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान हैं ! जहाँ पूर्व में कभी देवी-देवताओं और तपस्वी आदि रह कर तप किया करते थे ! हिमालय में अनेकों जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफायें हैं !…

शैव साहित्य वैष्णवों से श्रेष्ठ है ! : Yogesh Mishra

मैने पूर्व के एक लेख में लिख दिया था कि रावण ने अपने जीवन काल में 2700 से अधिक ग्रंथों का निर्माण किया था ! भगवान राम ने कितने ग्रंथों का निर्माण किया था ! तो यह बात वैष्णव भक्तों…

राम कथा कैसे विकृत हुई ! : Yogesh Mishra

हिंदुस्तान में राम के कई रूप हैं ! कई भाव हैं ! किसी के लिये राम वृत्ति हैं ! किसी के लिये प्रवृत्ति और किसी के लिये निवृत्ति ! इसीलिये रामायण के दुनिया भर में में 3000 से ज़्यादा वर्ज़न…

तृतीय विश्व युद्ध में राहु सर्वनाश का सूचक कैसे है ! : Yogesh Mishra

शास्त्रीय घटनायें यह बतलाती हैं कि जब भी कभी एक माह में तीन बार ग्रहण एक साथ पड़ते हैं तो पृथ्वी पर बहुत बड़ी उथल-पुथल होती है ! बड़े-बड़े युद्ध होते हैं ! आग अग्नि कांड होते हैं ! बाढ़…

तृतीय विश्व युद्ध कब और कैसा होगा : Yogesh Mishra

सारा विश्व इन दिनों तृतीय विश्व युद्ध की आशंका से डरा हुआ है ! संपूर्ण मानवता पर इन दिनों एक संभावित महायुद्ध के संकट के बादल मडरा रहे हैं ! प्राचीन जगत के कई वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों ने तीसरे युद्ध…

यदि राष्ट्र को बचाना है तो ! Yogesh Mishra

यदि देश को बचाना है तो जनप्रतिनिधि, कार्यपालिका, न्यायपालिका और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो ! त्वरित न्याय व्यवस्था लागू हो ! न्याय प्राप्त करने की अधिकतम समय सीमा प्रथम अदालत में मुकदमा दाखिल करने से अंतिम अदालत के…

विश्व की सबसे बड़ी आवश्यकता क्या है ? Yogesh Mishra

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम सभी इतने ज्यादा व्यस्त है कि स्वंय के लिये भी हमारे पास समय नहीं है ! सुबह से लेकर शाम तक काम के लिये भागना होता है ! न समय पर भोजन, न…

युद्ध से कभी मानवता की रक्षा नहीं हो सकती है ! : Yogesh Mishra

भगवान ने तो मानव बना दिया ! पर हमने खुद को दानव लिया ! उसने सृष्टि में सर्वश्रेष्ठ बना कर हमको भेजा ! पर हमने उसकी सृष्टि को ही खाने की ठान ली ! उसने प्रकृति बनाई नदी, पहाड़, पशु,…

भारत के विनाश की रणनीति : Yogesh Mishra

मैं यह मानता हूं कि आज जो भी समस्यायें हमारे समक्ष खड़ी हैं ! उसका मूल कारण यह है कि हमने अपनी गलत नीतियों के कारण एक व्यवस्थित समाज को भीड़ में बदल दिया ! पूंजीवादी सोचने लोगों को छोटे-छोटे…

मात्र गुरु ही शिष्य को आध्यात्मिक ऊर्जा धारण करने योग्य बना सकता है ! : Yogesh Mishra

यद्यपि आध्यात्मिक ऊर्जा के संचय के लिये गुरु और शिष्य दोनों का प्रयास आवश्यक है ! किन्तु उत्तरदायित्व शिष्य का ही अधिक होता है ! गुरु का कार्य आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह में बाधक तत्वों की पहचान करना और उनका…