आर्य समाज का पाखण्ड -4 आर्य समाज और दयानंद ने पाखंड और अंध विश्वास का विरोध किया !

सत्यता : कोई अगर अपनी श्रध्दा और विश्वास से सुख पूर्वक जी रहा है और वह पत्थर में भी देवता देख रहा है, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है ? तुम्हें नहीं मानना मत मानो, कोई कहने भी…