महर्षि दयानन्द ने सत्यार्थ प्रकाश समुल्लास.-4 के पृष्ठ- 96,97 पर लिखा है कि वेदाध्ययन के समाप्त होने पर ही व्यक्ति को गृहस्थ में प्रवेश करना चाहिये ! सोलह से चौबीस वर्ष तक कन्या और पच्चीस से अड़तालीस वर्ष तक पुरुष का विवाह उत्तम है ! विवाह की उत्तम आयु तक …
Read More »दयानन्द की मृत्यु ठण्ड लगने और इंफेक्शन अर्थात संक्रमण से हुई थी ! Yogesh Mishra
सन् 1897 में श्री देवेन्द्र नाथ मुखोपाध्याय ने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम ‘‘दयानन्द चरित’’ था ! यह पुस्तक बंगला भाषा में लिखा था ! इसका अनुवाद सन् 2000 में 103 वर्ष पश्चात् बाबू घासी राम एम.ए., एल.एल.बी. ने हिन्दी में किया ! जिस पुस्तक के सम्पादक हैं डा.(प्रो.) भवानी …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -4 आर्य समाज और दयानंद ने पाखंड और अंध विश्वास का विरोध किया !
सत्यता : कोई अगर अपनी श्रध्दा और विश्वास से सुख पूर्वक जी रहा है और वह पत्थर में भी देवता देख रहा है, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है ? तुम्हें नहीं मानना मत मानो, कोई कहने भी नहीं आ रहा है कि तुम भी मानो ही ! …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -3 (भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में आर्य समाज ने कई क्रान्तिकारी दिये थे !) : Yogesh Mishra
सत्यता : पूरा आर्य समाज नही बल्कि साठ लाख स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलनकारियों में आर्य समाज के कुछ इक्का दुक्का लोग जो आर्य समाज से पूर्व में कभी संबद्ध रहते थे बाद में इनकी हरकतों से उन्होंने भी छोड़ दिया था सिर्फ वही स्वतंत्रता आन्दोलन में उतरे थे ! यदि आर्य …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -2 (दयानंद सरस्वती ने “सत्यार्थ प्रकाश” इस्लाम और ईसाईयत के विरोध में लिखा था !) : Yogesh Mishra
.सत्यता : दयानंद सरस्वती ने “सत्यार्थ प्रकाश” में इस्लाम और ईसाईयत से ज्यादा विरोध हिंदुत्व का किया था ! सत्यार्थ प्रकाश में 14 में से 11 अध्याय हिंदुत्व के खिलाफ हैं ! दयानंद सरस्वती जब जीवित थे ! तब सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम प्रकाशन में पूरा का पूरा ग्रंथ ही …
Read More »आर्य समाज का पाखण्ड -1 आर्य समाज ने समाज सुधार हेतु काफी काम किये हैं : Yogesh Mishra
आर्य समाज का पाखण्ड -1 आर्य समाज ने समाज सुधार हेतु काफी काम किये हैं ! . सत्यता : आर्य समाज ने सिर्फ वही कार्य किये हैं, जो अंग्रजों ने उन्हें सौंपे थे ! जब भारतीय समाज में कोई बुराई थी ही नहीं तो इन आर्य समाजियों ने कौन से …
Read More »महात्मा गाँधी की सत्यार्थ प्रकाश के बारे में राय : Yogesh Mishra
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने अपने अखब़ार ‘यंग इंडिया’ में 29 मई 1920 में लिखा है, “मेरे दिल में दयानंद सरस्वती के लिए भारी सम्मान है ! मुझे ऐसा लगता है कि उन्होंने हिन्दू समाज की बहुत भारी सेवा की है लेकिन उन्होंने धर्म को बेहद तंग बना दिया है …
Read More »क्या स्वामी दयानंद सरस्वती ईसाई एजेंट था ! Yogesh Mishra
स्वामी दयानंद न केवल ईसाई संस्था थियोसोफिकल सोसायटी के अहम सदस्य थे बल्कि थियोसोफिकल सोसायटी के संस्थापकों को पत्र लिखकर उसे भारत में लाने वाले भी दयानंद ही थे ! 1878 से लेकर अपनी मृत्यु 1883 तक स्वामी जी ने ईसाई मिशनरीओं के साथ मिलकर न केवल काम किया ! …
Read More »दयानन्द सरस्वती की जहर से नहीं हुई थी मौत : Yogesh Mishra
कहा जाता है कि वर्ष 1883 में वे जोधपुर नरेश महाराजा जसवन्त सिंह के निमन्त्रण पर जोधपुर आये हुये थे ! वहां पर उन्होंने नन्ही नामक वेश्या का अनावश्यक हस्तक्षेप और महाराजा जसवन्त सिंह पर उसका अत्यधिक प्रभाव देखा ! स्वामी दयानंद को यह बहुत बुरा लगा ! उन्होंने महाराजा …
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