जानिए तप का अर्थ क्या है : Yogesh Mishra

तप का तात्पर्य जीवन के शाश्वत मूल्यों की प्राप्ति के लिये किसी गुरु से सानिध्य में प्रशिक्षण लेना ! जिसे श्रीमद् भगवद्गीता में इस प्रकार बतलाया गया है कि तप के शरीरिक, वाचिक और मानसिक पक्ष हैं ! शारीरिक तप…
तप का तात्पर्य जीवन के शाश्वत मूल्यों की प्राप्ति के लिये किसी गुरु से सानिध्य में प्रशिक्षण लेना ! जिसे श्रीमद् भगवद्गीता में इस प्रकार बतलाया गया है कि तप के शरीरिक, वाचिक और मानसिक पक्ष हैं ! शारीरिक तप…
जो अभीष्ट को प्राप्त करावा दे, वही इष्ट है ! हमारे इष्ट भगवान शिव हैं ! उन्होंने ही सामान्य मनुष्यों को देवता बना दिया ! इस प्रकृति के क्रोध से सदैव हमारी रक्षा की है ! चाहे हलाहल विष पीना…
जब पूरी पृथ्वी पर मात्र एक शैव धर्म ही था और वैष्णव लोगों ने पूरी दुनिया पर आक्रमण करके युद्ध के द्वारा अपनी नगरीय वैष्णव संस्कृति को बढ़ावा देना शुरू किया था ! तब उस समय बहुत बड़े पैमाने पर…
विषय बड़ा अजीब सा है ! लेकिन अब हमें चिंतन करना होगा कि क्या “वसुधैव कुटुम्बकम्” या “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की संस्कृति वाले देश में अब नर पिशाचों ने कब्जा कर लिया है ! जैसा कि क रोना काल में…
करो ना की दूसरी लहर से व्यथित जब पूरा भारत त्राहि-त्राहि कर रहा था ! तब एक दिन राहुल द्विवेदी का बनारस से मेरे पास फोन आया और कहा गुरुजी मैं तो अघोर शमशान साधना करता हूं ! शमशान पर…
मुझे यह बात कभी समझ में नहीं आयी कि एक परिवार के आपसी संपत्ति के झगड़े ने कैसे विश्वयुद्ध का स्वरूप ले लिया ! मैंने इस पर बहुत गहराई से अनेक ग्रंथों का अध्ययन किया और यह निष्कर्ष निकाला कि…
किसी भी षड्यंत्र को असफल करने के लिए सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि वह षड्यंत्र रचा कैसे गया है ! उसका क्रियान्वयन कौन कर रहा है और उस क्रियान्वयन की प्रक्रिया क्या है ! उसमें कौन-कौन से लोग…
वानर अर्थात “वने भवं वानम्, राति (रा आदाने) गृह्णाति ददाति वा ! वानं वन सम्बन्धिनं फलादिकं गृह णाति ददाति वा !! दूसरे शब्दों में जो वन में उत्पन्न होने वाले फलादि को खा कर जीवन निर्वाह करता है ! वह…
महाभारत की कथा में दुर्योधन एक खलनायक है ! लेकिन क्या आपको पता है कि दुर्योधन बहुत बड़ा शिव भक्त था और वह पूरे कुरु साम्राज्य में शैव जीवन शैली की पुनः स्थापना करना चाहता था ! जिस शुभ कार्य…
देश के हर कोनों से ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि इस गंभीर महामारी के काल में जो लोग अपना पैसा लगाकर अपना घर, मकान, जेवर आदि बेचकर दूसरों की सेवा कर रहे हैं या दूसरों को जिंदा रखने…