श्रीमद्भागवत गीता की छीछालेदर : Yogesh Mishra

भक्त भी भगवान द्वारा बनाया गया एक नायाव जीव है ! जो भगवान को भी धोखा देकर मोक्ष की कामना करता है ! उसे अगर भगवान स्वयं भी आकर साक्षात् ज्ञान देना चाहें तो भक्त उस ज्ञान की भी छीछालेदर…
भक्त भी भगवान द्वारा बनाया गया एक नायाव जीव है ! जो भगवान को भी धोखा देकर मोक्ष की कामना करता है ! उसे अगर भगवान स्वयं भी आकर साक्षात् ज्ञान देना चाहें तो भक्त उस ज्ञान की भी छीछालेदर…
भारत पर लगभग 1200 वर्षों तक आक्रमण करने वाले यूनानी, फ़ारसी, मंगोल, मुग़ल, फ़्रांसिसी, डच, पुर्तगाली, अंग्रेज आदि अनेक लुटेरे ने भारत से लगभग तीन लाख टन सोना लूट कर ले गये ! अब भी भारत के खजाने में लगभग…
हम आये दिन देखते हैं कि सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए पूरी दुनिया में तरह-तरह के षडयंत्र पिछले ढाई हजार वर्षों से किये जा रहे हैं ! विश्व की कई संस्कृतियों को इन षड्यंत्रकार्यों ने ख़त्म कर दिया…
इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्म तत्व और ब्रह्म ऊर्जा में व्याप्त तरंगों से हुई है ! यह संसार भी उसी ब्रह्म तत्व और ब्रह्म ऊर्जा का प्रतिबिंब है ! इससे परे इस सृष्टि में कुछ भी नहीं है !…
क्या आप जानते हैं कि प्राचीन काल में धर्म का अर्थ चक्र किस तरह भ्रमण करता था ! आखिर वह क्या वजह थी कि पूरी दुनिया का सोना भारत में इकट्ठा होता था और भारत पूरी दुनिया का पेट भरता…
अदृश्य शिव दृष्य प्रपंच (लिंग) का मूल कारण है ! इसीलिये अव्यक्त पुरुष को शिव तथा अव्यक्त प्रकृति को लिंग कहा जाता है ! वहाँ इस गंध वर्ण तथा शब्द, स्पर्श, रूप आदि से रहित रहते हुए भी शिव ब्रह्माण्ड…
ध्यान लिंग साधना शैवों की अति प्राचीन साधना पद्धति है ! इससे संसार में ब्रह्माण्डीय ऊर्जा से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है ! ध्यान लिंग के निर्माण में एक ताँबे के शिव लिंग में ठोस किया हुआ पारा…
हिरण्यवती नदी का प्राचीन संस्कृत नाम उज्जयिनी है ! इसे गण्डकी, इरावती, ‘बुद्धचरित’ के वर्णन के अनुसार यह नदी राप्ती की सहयोगी नदी जान पड़ती है ! किन्तु हिरण्यवती वामनपुराण के वर्णन के अनुसार सरस्वती नदी के समान ही पुण्य…
सनातन ऋषि कहते हैं कि प्रकृति की व्यवस्था के तहत पुरुष आधा ही है और स्त्री भी समग्र नहीं है बल्कि वह भी प्रकृति के आधे अंग की ही स्वामिनी है ! यही मैथुनिक सृष्टि का आधार है ! न…
अमेरिकी सरकार की पेटेंट कानून से आज भी भारत पर निशाना साधकर रखा गया है ! बावजूद इसके, इसको लेकर ज्यादा हो-हल्ला नहीं हो पाता है क्योंकि मामला तकनीकी-कानूनी है जिसे समझना आसान नहीं है ! आईये हम इसे सरल…