Year 2015

जानिए ! त्राटक साधना से दिव्य दृष्टि कैसे जागृति करें । Yogesh Mishra

त्राटक साधना से दिव्य दृष्टि कैसे जागृति करें मानवी विद्युत का अत्यधिक प्रवाह नेत्रों द्वारा ही होता है, इसलिए जिस प्रकार कल्पनात्मक विचार शक्ति को सीमाबद्ध करने के लिए ध्यान योग की साधना की जाती है, उसी प्रकार मानवी विद्युत…

सही ईष्टदेव की साधना से जल्दी सफलता मिलती है जानिए आपके ईष्टदेव कौन है । Yogesh Mishra

ईष्ट निर्धारण कैसे करें अधिकतर साधकों के मन में ये प्रश्न उठा कि ये कैसे ज्ञात करें की उन्हें किस देवता की साधना में जल्दी सफलता मिलेगी यदि आप किसी भी देवी-देवता की पूजा कर रहे हैं तो इसका मतलब…

जानिए ! मृत्यु के बाद क्या होता है । इस संदर्भ मे क्या कहते है भारतीय शस्त्र । Yogesh Mishra

मौत के बाद क्या होता है? ‘न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के हो। यह शरीर पांच तत्वों से बना है- अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश। एक दिन यह शरीर इन्हीं पांच तत्वों…

जानिए ! विवाह के पूर्व कुंडली मिलान क्यों करना चाहिए । Yogesh Mishra

कुंडली मिलाप क्यों संभावित दूल्हा और दुल्हन के मध्य संवादिता सुनिश्चित करने के लिये उनकी कुडली का मिलान करना ही एक विकल्प है। विवाह के बाद युगल एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। एक बार विवाह हो जाये उसके पश्चात…

जानिए ! शिव आराधना कब और कैसे करें । क्या है इसका महत्व Yogesh Mishra

शिव आराधना कब और कैसे करें राहु सता रहा हो, मारकेश चल रहा हो, मृत्यु तुल्य कष्ट हो,विवाह न हो रहा हो, विवाह हो गया और विवाह में परेशानियां हो, मन अशान्त हो, मानसिक परेशानी हो, आर्थिक दिक्कत हो, समाज…

समझिये । भविष्य जानने के लिए कुंडली मे कारक ग्रहों की क्या भूमिका है । Yogesh Mishra

भविष्य कथन में कारक ग्रहों की भूमिका फलादेश करते समय कौन ग्रह कहाँ बैठा है इसकी मदद से भविष्यवाणियों तो की ही जाती है किन्तु सटीक भविष्य कथन करने के लिये भावों के कारक स्वामियों की स्थिती पर भी विचार…

जानिए ! गुरु मंत्र क्या है और कैसे काम करता है। Yogesh Mishra

प्रत्येक व्यक्ति के जन्म के समय अलग-अलग ग्रहीय ऊर्जायें पृथ्वी पर रहती हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति जीवन भर प्रभावित होता है | इन ग्रहीय ऊर्जाओं का असंतुलन व्यक्ति के ओरा को क्षति पहुँचाते रहते हैं , जिससे व्यक्ति को…

वैदिक ‘पंचांग’ को विस्तार से समझें , क्यों केवल वैदिक ‘पंचांग’ ही सही है ? Yogesh Mishra

वैदिक ‘पंचांग’ ही सही है हिंदू पंचांग की उत्पत्ति वैदिक काल में ही हो चुकी थी। सूर्य को जगत की आत्मा मानकर उक्त काल में सूर्य व नक्षत्र सिद्धांत पर आधारित पंचांग होता था। वैदिक काल के पश्चात् आर्यभट, वराहमिहिर,…

जानिए ! मंत्रो की शक्ति का वैज्ञानिक आधार पर विशलेषण कितना सटीक है । Yogesh Mishra

मंत्र शक्ति का वैज्ञानिक विशलेषण मंत्र ध्वनि-विज्ञान का सूक्ष्मतम विज्ञान है मंत्र-शरीर के अन्दर से सूक्ष्म ध्वनि को विशिष्ट तरंगों में बदल कर ब्रह्मांड में प्रवाहित करने की क्रिया है जिससे बड़े-बड़े कार्य किये जा सकते हैं… प्रत्येक अक्षर का…

जानिए ! स्वास्तिक को शुभ का प्रतीक क्यों माना जाता है क्या है स्वस्तिक का अर्थ ?। Yogesh Mishra

स्वास्तिक शुभ का प्रतीक स्वास्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभकार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्व अंकित करके उसका पूजन किया जाताहै। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है।…