Dharmik Mahtav

भगवन शिव और चिलम जानिए किया है सच : Yogesh Mishra

शिव पुराण, लिंग पुराण, सहित किसी भी शैव ग्रंथ में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान शिव भांग, गंजा, चरस आदि का सेवन किया करते थे ! किन्तु फिर भी बहुत से लोगों ने भगवान शिव के ऐसे ‍चित्र बना लिए, जिसमें भगवान शिव चिलम पीते हुए नजर आते हैं …

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आयुर्वेद में स्वर्ण बनाने की कला भगवान शिव ने बतलाई थी : Yogesh Mishra

भारत पर लगभग 1200 वर्षों तक आक्रमण करने वाले यूनानी, फ़ारसी, मंगोल, मुग़ल, फ़्रांसिसी, डच, पुर्तगाली, अंग्रेज आदि अनेक लुटेरे ने भारत से लगभग तीन लाख टन सोना लूट कर ले गये ! अब भी भारत के खजाने में लगभग 558 टन सोना मौजूद है ! वही दूसरी तरफ भारत …

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जानिए क्या है धर्म का अर्थ चक्र महत्वपूर्ण जानकारी: Yogesh Mishra

क्या आप जानते हैं कि प्राचीन काल में धर्म का अर्थ चक्र किस तरह भ्रमण करता था ! आखिर वह क्या वजह थी कि पूरी दुनिया का सोना भारत में इकट्ठा होता था और भारत पूरी दुनिया का पेट भरता था ! भारत का ज्ञान विज्ञान और समाज सभी कुछ …

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लिंग पुराण ही सर्वश्रेष्ठ क्यों है : Yogesh Mishra

अदृश्य शिव दृष्य प्रपंच (लिंग) का मूल कारण है ! इसीलिये अव्यक्त पुरुष को शिव तथा अव्यक्त प्रकृति को लिंग कहा जाता है ! वहाँ इस गंध वर्ण तथा शब्द, स्पर्श, रूप आदि से रहित रहते हुए भी शिव ब्रह्माण्ड के निर्गुण ध्रुव तथा अक्षय ही हैं । उसी अलिंग …

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महाभारत की अज्ञानत महत्वपूर्ण नदी हिरण्यवती : Yogesh Mishra

हिरण्यवती नदी का प्राचीन संस्कृत नाम उज्जयिनी है ! इसे गण्डकी, इरावती, ‘बुद्धचरित’ के वर्णन के अनुसार यह नदी राप्ती की सहयोगी नदी जान पड़ती है ! किन्तु हिरण्यवती वामनपुराण के वर्णन के अनुसार सरस्वती नदी के समान ही पुण्य प्रदान करने वाली तथा वैतरणी नदी है ! हिरण्यवती नदी …

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शिवलिंग उर्ध्वगामी बेलनाकार क्यों होता है : Yogesh Mishra

सावन में रुद्राभिषेक क्यों अवश्य करना चाहिये वर्तमान भौतिक वैज्ञानिक कहते है कि आज से लगभग 13.7 खरब वर्ष पूर्व एक अत्यंत गर्म और घनी अवस्था से ब्रह्मांड का जन्म हुआ ! उनके अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति किसी एक बिंदु से हुई थी ! जिसमें ऊर्जा का अनंत प्रवाह हुआ …

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हमारे इष्ट शिव ही हैं : Yogesh Mishra

जो अभीष्ट को प्राप्त करावा दे, वही इष्ट है ! हमारे इष्ट भगवान शिव हैं ! उन्होंने ही सामान्य मनुष्यों को देवता बना दिया ! इस प्रकृति के क्रोध से सदैव हमारी रक्षा की है ! चाहे हलाहल विष पीना हो या स्वर्ग की देवी गंगा को पृथ्वी पर अवतरित …

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नाग कुल का तात्पर्य सर्प नहीं मनुष्य है : Yogesh Mishra

लोग नाग का तात्पर्य किसी बड़े आकर के सांप से लगते हैं ! जबकि ऐसा नहीं है ! नाग जाति का इतिहास भारत में प्राचीन गौरव का प्रतीक है ! नागों का नाम उसकी नाग पूजा के कारण नही, अपितु नाग को अपना कुल देवता तथा रक्षक मानने के कारण …

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नशेड़ियों की शिव भक्ति : Yogesh Mishra

यह जो माथे पर टीका लगाकर उल्टे सीधे कपड़े पहनकर गले मे रुद्राक्ष जैसी परम पवित्र माला डालकर और नाम के आगे भक्त, महा भक्त, परमभक्त, शिव भक्त लगाकर लोग बैठ जाते हैं ! उन्हें गलती से कभी किसी भूत-प्रेत के भी दर्शन हो गया ! तो वह नकली शिव …

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महामृत्युंजय मंत्र की रचना का रहस्य : Yogesh Mishra

शिवजी के अनन्य भक्त मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुखी थे ! विधाता ने उन्हें संतान योग नहीं दिया था ! मृकण्ड ने सोचा कि महादेव संसार के सारे विधान बदल सकते हैं ! इसलिये क्यों न भोलेनाथ को प्रसन्नकर यह विधान बदलवाया जाये ! मृकण्ड ने घोर तप …

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