Category Dharmik Mahtav

सामाजिक और राजनैतिक संगठनों में मिश्रा ब्राह्मण का महत्व : Yogesh Mishra

ब्राह्मणों को ईश्वर ने अलग-अलग सामाजिक दायित्वों के लिये अलग-अलग गुण-धर्म के अनुसार निर्मित किया है ! यदि ब्राह्मणों में आज भी रक्त की शुद्धता है तो वह गुणधर्म आज भी स्पष्ट देखे जा सकते हैं ! जैसे यजुर्वेद के…

विश्व कल्याण बनाम लोक कल्याण : Yogesh Mishra

सनातन धर्म साहित्य में विश्व और लोक में अंतर है ! यहां विश्व का तात्पर्य समस्त भूमंडल के भूभाग से है ! जिसकी एक निश्चित काल पहले उत्पत्ति हुई थी और जो समय-समय पर काल के प्रवाह में अपने स्वरूप…

तैरने वाले पत्थरों से बना रहस्यमयी रामप्पा शिव मंदिर : Yogesh Mishra

सन 1213 में वारंगल, आंध्र प्रदेश के काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव को एक शिव मंदिर बनाने का विचार आया ! उन्होनें अपने शिल्पकार रामप्पा को ऐसा मंदिर बनाने को कहा जो वर्षों तक टिका रहे ! रामप्पा ने…

भारतीय गोवंश ही विश्व में सर्वश्रेष्ठ है : Yogesh Mishra

प्रागैतिहासिक भूविज्ञान के विद्वान हमें अवगत करा चुके हैं कि हमारी पृथ्वी में जीवनस्वरूपों के उद्भव व विकास क्रम के अंतर्गत गोवंश के आदिकालीन पूर्वज ‘औरक्स’ की जन्मस्थली (18 लाख वर्ष पूर्व) भारत है, जहां उसके प्रथम प्रतिनिधि ‘बास प्लैनिफ्रन्स’…

सनातन धर्म कथायें मिथ अर्थात काल्पनिक झूठ नहीं हैं : Yogesh Mishra

मिथकीय नाटक के रूप में प्रस्तुत की जाने वाली धर्म कथा वास्तव में काल्पनिक झूठ नहीं हैं ! असल में मिथ (Myth) एवं मायथोलोजी (Mythology) मूलतः ग्रीक शब्द है ! जो पौराणिक परिकल्पनात्मक कथाओं का बोध करवाता है ! ग्रीक…

तिब्बत में था यमलोक : Yogesh Mishra

प्राचीन काल में तिब्बत को त्रिविष्टप भी कहते थे ! यह अखंड भारत का ही हिस्सा हुआ करता था ! कालांतर में सोने के लालच में तिब्बत को चीन ने अपने कब्जे में ले लिया है ! तिब्बत में दारचेन…

क्यों ब्रह्मचर्य ही सही है ! : Yogesh Mishra

आप जानते हैं कि इंटरनेट पर हमें जो अश्लील फिल्में दिखाई जाती हैं ! इन फिल्मों को बनाने और प्रसारण करने का सारा खर्चा कंडोम, कृत्रिम लिंग, सेक्स डॉल, उत्तेजक औषध आदि बनाने वाली कंपनियां और पूरे विश्व में नशे…

खजुराहो के मंदिर का आध्यात्मिक रहस्य : Yogesh Mishra

आज से 2000 साल पहले जब पूरे के पूरे आर्यावर्त में बौद्ध धर्म का प्रभाव इतना अधिक बढ़ गया था कि सनातन जीवन शैली की आश्रम व्यवस्था का अधिकांश लोग परित्याग करके बौद्ध भिक्षु बन बौद्ध विहारों में रमण करने…

विश्व वैदिक संस्कृति के विकास में सरस्वती नदी का योगदान : Yogesh Mishra

सरस्वती नदी पौराणिक हिन्दु ग्रंथों तथा ऋग्वेद में वर्णित मुख्य नदियों में से एक है ! ऋग्वेद के नदी सूक्त के एक श्लोक (10.75 ) में सरस्वती नदी को यमुना के पूर्व और सतलुज के पश्चिम में बहती हुए बताया…

पुराण वेदों का व्याख्यातिक स्वरूप है ! : Yogesh Mishra

वैसे आर्य समाजी पुराणों की बहुत आलोचना करते हैं ! दयानंद सरस्वती ने तो पुराणों के विषय में यहां तक कहा था कि “पुराणों की रचना लोगों ने भांग के नशे में की थी !” इसलिये आर्य समाजी यह मानते…