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त्याग से नहीं विरक्ति से मोक्ष प्राप्त होता है !! Yogesh Mishra

त्याग और विरक्ति यह मन की दो अलग-अलग स्थिती है ! त्याग मनुष्य बल पूर्वक करता है ! विरक्ति मन की सहज अवस्था है ! त्याग में व्यक्ति चयन करता है क्या छोड़ें क्या न छोड़ें परन्तु विरक्ति में व्यक्ति…

तंत्र की भ्रामक प्रस्तुती से रहें सावधान | Yogesh Mishra

अंग्रेज भारत के तांत्रिको से इतना डरते थे कि उन्होंने इसके प्रभाव को रोकने के लिये अनेक कानून बनाये थे ! जादू-टोना, शकुन, मुहूर्त, मणि, ताबीज आदि अंधविश्वास की संतति हैं ! इन सबके अंतस्तल में कुछ धार्मिक भाव हैं,…

जानिये गौतम बुद्ध के जन्म पर इतिहासकारों में विवाद क्यों ? Yogesh Mishra

वर्ष 2009 में प्रयाग से प्रकाशित भारतीय ऐतिहासिक कालक्रम (क्रोनोलॉजी) पर मेरे शोध-ग्रन्थ “गौतम बुद्ध और उनकी इतिहास सम्मत तिथि” का देशभर में स्वागत हुआ था ! आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर उस पुस्तक का सारांश प्रस्तुत कर रहा…

काल्पनिक मनुवादीयों की ओट में ब्राह्मणों के अस्तित्व पर वास्तविक हमला | Yogesh Mishra

क्या कोई मनुस्मृति विरोधी यह बतला सकता है कि मनुस्मृति के आधार पर कब-कब, किन-किन राजाओं ने शासन चलाया है ! जिन के शासनकाल में दंड व्यवस्था मनुस्मृति के आधार पर निर्धारित की जाती रही हो और मनुस्मृति का सहारा…

जानिये मनुस्मृति में मिलावट के लिये कौन जिम्मेदार है ? Yogesh Mishra

आर.पी. पाठक द्वारा लिखी गई पुस्तक “एजुकेशन इन दा एमर्जिंग इण्डिया” के पृष्ट संख्या 148 के अनुसार तथा मोटवानी के. की पुस्तक मनु धर्म शास्त्र के पृष्ट संख्या 232 के अनुसार चीन की महान दीवार से प्राप्त हुयी पांडुलिपि में…

जब बौद्ध धर्मियों ने भारत को नष्ट किया था ! और ब्राह्मणों ने बचाया | Yogesh Mishra

भारत में बौद्ध धर्म का जन्म ईसा पूर्व 6वी शताब्दी में और विकास सम्राट अशोक के साम्राज्य में राज्यधर्म के रूप में हुआ था ! वह समस्त भारत में ही नहीं चीन, जापान, स्याम, लंका, अफगानिस्तान सिंगापुर और एशिया के…

मानव बलि कभी सम्पूर्ण विश्व में धार्मिक अनुष्ठान का अंग था ! Yogesh Mishra

किसी धार्मिक अनुष्ठान के भाग (अनुष्ठान हत्या) के रूप में किसी मानव की हत्या करने को “मानव बलि” कहते हैं ! महाभारत के अनुसार हिडिंब नामक एक राक्षस था, जो अपनी बहन हिडिंबा के साथ वन में रहा करता था…

भारत की सभ्यता और संस्कृति गंगा के किनारे नहीं बल्कि सरस्वती नदी के किनारे पनपी थी ! | Yogesh Mishra

वैदिक काल में सरस्वती की बड़ी महिमा थी और इसे ‘परम पवित्र’ नदी माना जाता था, क्यों कि इसके तट के पास रह कर तथा इसी नदी के पानी का सेवन करते हुए ऋषियों ने वैदिक ज्ञान का विस्तार किया…

धर्मान्तरण का हिस्सा है “ब्राह्मण विरोध” | Yogesh Mishra

धर्मांतरण करवाने वाले यह अच्छी तरह से जानते हैं कि जब तक भारत में ब्राह्मणों का सम्मान रहेगा, तब तक यह धर्मांतरण करवाने वाले लोगों के षडयंत्र सफल नहीं होंगे ! क्योंकि भारत के अंदर कोई भी ऐसा सनातन हिंदू…

श्रीभागवतानंद ने रचा था “श्रीराम तांडव स्तोत्रम्” : Yogesh Mishra

श्रीराम तांडव स्तोत्रम् कहने को तो “तांडव” शब्द शैव उपासकों का शब्द है ! पर इसे वैष्णव श्री भगवान श्री राम के लिये भी एक भक्त ने प्रयोग किया है ! “राम तांडव स्तोत्र” संस्कृत के राम कथानक पर आधारित…