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लोकतंत्र के बौद्धिक लठैत | अंधभक्तों पर विशेष | Yogesh Mishra

एडोल्फ हिटलर ने जब जर्मन में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए जन सभाओं का दौर शुरू किया तब उसने कुछ गुण्डे टाईप के लठैतों को पाल रखे थे ! इन लठैतों का कार्य यह था कि जब हिटलर जन सभाओं…

अवश्य पढ़ें क्या ”क्लैट” न्याय व्यवस्था को ही निगल जायेगा ! Yogesh Mishra

सभी जानते हैं कि विधि व्यवसाय में आने के लिए व्यक्ति को एल.एल.बी. (बैचलर इन लॉ एंड लॉजिक) करना आवश्यक है ! पहले तो शिक्षा में परंपरागत तरीके से एल.एल.बी. हुआ करती थी ! जिसमें सभी वर्ग के सभी छात्र…

शैव और वैष्णव मंदिरों की निर्माण शैली अलग-अलग है ! Yogesh Mishra

tभारतीय स्थापत्य कला व शिल्पशास्त्रों के अनुसार मंदिरों विशेषत: हिंदू मंदिरों की तीन मुख्य शैलियाँ हैं – नागर शैली : मुख्यत: उत्तर भारतीय शैली द्रविड़ शैली : मुख्यत: दक्षिण भारतीय शैली वेसर शैली : नागर-द्रविड़ मिश्रित मुख्यत: दक्षिण-पश्चिमी भारतीय शैली…

मंदिरों के विशेष वास्तु और स्वरूप | बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख | Yogesh Mishra

मंदिरों के विशेष वास्तु और स्वरूप मंदिरों को उनकी विशिष्ट विशेषताओं के आधार पर पांच आदेशों में वर्गीकृत करते हैं: नागारा, द्रविड़, वेसर, अंडाकार और आयताकार ! प्रत्येक के लिए वर्णित योजना वर्ग, अष्टकोणीय और apsidal शामिल हैं ! उनकी…

जानिये किस प्रकार हमारा संविधान मंदिरों की धार्मिक व्यवस्था पर हमला करता है | Yogesh Mishra

वैसे तो ब्राह्मणों को सभी शूद्र गली देते हैं लेकिन यदि मौका मिले तो ब्राह्मण बनने में शूद्र पीछे नहीं हैं ! राजनैतिक दलों ने अपने राजनैतिक लाभ के लिये तिरुमला तिरुपति बोर्ड ने 447 दलितों को मंदिर का ब्राह्मण…

“बगलामुखी” के सत्य स्वरूप को जानिये ! Yogesh Mishra

लोक सभा चुनाव आ गया है आज कल बगलामुखी अनुष्ठान के नाम पर खूब ठगी हो रही है ! प्रायः चुनाव के समय इसके अनुष्ठान चुनाव जीतने के लिये खूब होते हैं ! पर चुनाव जीतता तो कोई एक ही…

त्याग से नहीं विरक्ति से मोक्ष प्राप्त होता है !! Yogesh Mishra

त्याग और विरक्ति यह मन की दो अलग-अलग स्थिती है ! त्याग मनुष्य बल पूर्वक करता है ! विरक्ति मन की सहज अवस्था है ! त्याग में व्यक्ति चयन करता है क्या छोड़ें क्या न छोड़ें परन्तु विरक्ति में व्यक्ति…

तंत्र की भ्रामक प्रस्तुती से रहें सावधान | Yogesh Mishra

अंग्रेज भारत के तांत्रिको से इतना डरते थे कि उन्होंने इसके प्रभाव को रोकने के लिये अनेक कानून बनाये थे ! जादू-टोना, शकुन, मुहूर्त, मणि, ताबीज आदि अंधविश्वास की संतति हैं ! इन सबके अंतस्तल में कुछ धार्मिक भाव हैं,…

जानिये सद्गुरु से सुदीक्षा लेनी क्यों अवश्यक है ! Yogesh Mishra

गणना से परिवर्तन को समझने की उत्पत्ति हुई है ! हम जिस किसी भी वस्तु या पदार्थ की गणना कर सकते हैं वहां पर परिवर्तन किया जाना निश्चित रूप से अवश्य शंभावी है या हो सकता है अर्थात दूसरे शब्दों…

भारत की मूल शैव संस्कृति की उत्पत्ति कश्यप ऋषि से हुई थी ! Yogesh Mishra

महर्षि कश्यप ब्रम्हा के मानस पुत्र मरीचि के पुत्र थे ! इस प्रकार वे ब्रम्हा के पोते हुए ! महर्षि कश्यप ने ब्रम्हा के पुत्र प्रजापति दक्ष की 17 कन्याओं से विवाह किया ! संसार की सारी जातियां महर्षि कश्यप…