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अशांति के देवता शांति कैसे दे सकते हैं : Yogesh Mishra

विचार करो आप शांति के लिये किसकी पूजा कर रहे हो ! जिन्हें वैष्णव भगवान कहकर पूजते हैं, वह सभी तो वैष्णव धर्म प्रचारक, अवसरवादी, कलह प्रिय, आक्रांता, योद्धा या कूटनीतिज्ञ थे ! जिन लोगों ने अपने संपूर्ण जीवन में…

सभी धर्म ग्रन्थ परमात्मा की प्रार्थना से ही क्यों शुरू होते हैं : Yogesh Mishra

जीवन में सत्य को खोजने के दो ही मार्ग हैं ! एक विज्ञान का मार्ग है ! आक्रमण, हिंसा, शोध, छीना-झपटी अर्थात संवेदना और भावना विहीन मार्ग और दूसरा स्वीकार्य और समर्पण का मार्ग ! सनातन धर्म के अनुसार यदि…

शिव सहस्त्रार ज्ञान साधना ही सर्वश्रेष्ठ है : Yogesh Mishra

शिव सहस्त्रार ज्ञान साधना स्वयं में संपूर्ण साधना है ! इस साधना को करने वाले मानव साधक को अपने कल्याण के लिये किसी भी अन्य सहयोगी साधना पद्धति की आवश्यकता नहीं है ! यह ज्ञान परंपरा मनुष्य का कल्याण इस…

राहुकाल की गणना के सिधान्त : Yogesh Mishra

दैनिक ज्योतिष में राहुकाल का विशेष महत्व है ! यह इसे राहुकालम भी कहा जाता है ! यह प्रतिदिन में एक विशेष मुहूर्त लगभग 90 मिनट होता है ! यह नित्य स्थान और तिथि के अनुसार अलग अलग होता है…

ओशो के सचिव आनंद शीला की कथा : Yogesh Mishra

मां आनंद शीला का असली नाम शीला अंबालाल पटेल है ! मूल रूप से गुजरात के बड़ौदा के कुर्मी समाज से ताल्‍लुक रखती हैं ! 18 साल की उम्र में अमेरिका पढ़ने के लिए गईं ! वहीं पर शादी भी…

समाज को अपराध के लिये भटकता बॉलीवुड : Yogesh Mishra

आधुनिकता के नाम पर पिछले बीस सालों में अधनंगी तथाकथित अभिनेत्री जिन्हें आप “छाया वेश्या” भी कह सकते हैं ! उनके स्तन, नितम्ब कटिप्रदेश और नंगी टांगों को दिखा कर धन कमाने वाले दलाल जिन्हें आप फिल्मों के डायरेक्टर और…

वन गमन से चेतना शक्ति का विकास : Yogesh Mishra

आपने बहुत बार यह महसूस किया होगा कि जब आप शहर से दूर कहीं किसी बड़े पार्क में या जंगल की तरफ यात्रा करते हैं, तो आपके अंदर स्वत: ही स्फूर्ति का विकास होने लगता है अर्थात कहने का तात्पर्य…

कालिदास का अहंकार : Yogesh Mishra

कालिदास जी पर माता काली की बड़ी विशेष कृपा थी, इसलिए उनका नाम कालिदास पड़ा था ! अर्थात वह स्वयं को माता काली के दास समझा करते थे ! वह मानते थे कि माता काली की कृपा से कुछ भी…

बिना गृहस्थ भोग के ब्रह्मचारी होना संभव नहीं है : Yogesh Mishra

इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव की तरह मनुष्य भी, एक पशु ही है ! जो निरंतर आनंद के भ्रम में सुख की खोज करता रहता है ! जीवनी ऊर्जा के नाभि चक्र से अधोगामी होने पर मनुष्य को जो सुख…

क्या वैष्णव विपरीत संस्कृति के हैं : Yogesh Mishra

हिंदुओं को सदैव से यह शिकायत रही है कि मुसलमानों की जीवन शैली हिंदुओं के एकदम विपरीत है ! इसी आधार पर मुसलमानों ने मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में पाकिस्तान की मांग की थी ! जिसे तत्कालीन अंग्रेज सरकार…