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रावण को वैष्णव लेखकों ने बनाया था खलनायक ! जानिए रावण का वास्तविक चरित्र !

वैष्णव अनुयाई के ब्राह्मण पिता विश्रवा और शैव अनुयाई की राक्षसी माता कैकसी का पुत्र रावण तेजस्वी और तपस्वी पुत्र था ! कालांतर में रावण ने सशक्त सैन्य बल एकत्र करके देवताओं पर आक्रमण कर उन्हें परास्त कर दिया और…

दीपावली में धन प्राप्ति हेतु प्रभावशाली शैव तंत्र को भी अपनाइये !

दीपावली में धन प्राप्ति हेतु की गई देवी लक्ष्मी की आराधना निशा कालीन पूजन है ! इस समय मां लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु गहन निंद्रा में सो रहे हैं ! वह देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागेंगे ! इसीलिए…

पर्यावरण पर ज्योतिष शास्त्रों की राय अवश्य पढ़ें !

महाराजा विक्रमादित्य के नौरत्न राज ज्योतिषी वराहमिहिर कहते हैं कि वापी, कूप, तालाब आदि जलाशयों के किनारे पर बगीचा लगाना चाहिये क्योंकि जलयुक्त स्थल यदि छायारहित हो तो शोभा नहीं पाता ! बगीचे की स्थापना हेतु कोमल भूमि अच्छी होती…

गाय के ख़ुराकी की दर अलग-अलग क्यों ?

उत्तर प्रदेश शासन से गाय यह जानना चाहती है कि उसके ख़ुराकी की दर अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग क्यों है ? जैसे यदि गाय उत्तर प्रदेश कि पंजीकृत गौशाला में रखी जाती है तो उसके भरण पोषण हेतु मात्र 21रुपये…

वैदिक ज्योतिष में राशियों का प्रयोग मात्र कृषि गणना के लिय होता था !

भारत का प्राचीनतम उपलब्ध साहित्य वैदिक साहित्य है ! वैदिक कालीन भारतीय यज्ञ किया करते थे ! यज्ञों के विशिष्ट फल प्राप्त करने के लियह उन्हें निर्धारित समय पर करना आवश्यक था इसलिए वैदिककाल से ही भारतीयों ने वहधों द्वारा…

जानिए ज्योतिषशास्त्र की प्राचीनता और प्रभाव !! Yogesh Mishra

दिए हुए दिन, समय और स्थान के अनुसार ग्रहों की स्थिति की जानकारी और आकाशीय तथा पृथ्वी की घटनाओं के बीच संबंध स्थापित करना ज्योतिष विज्ञान है ! ये विन्यास फिर उस परिप्रेक्ष्य में देखे जाते हैं ! एक विषय…

वैदिक ज्योतिष को पुनः जीवित किया था कृष्णमूर्ति जी ने !

ज्योतिष में राशियों का अपना महत्व है, परंतु हमारे वैदिक ज्योतिष में राशियों से कहीं अधिक महत्ता नक्षत्रों की बताई गई है ! पुरानी परिपाटी के ज्योतिर्विद प्रायः राशियों तथा ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही फलित का विचार…

हजार रोगों का इलाज है गेहूं के जवारे ! Yogesh Mishra

जब गेहूं के बीज को अच्छी उपजाऊ जमीन में बोया जाता है तो कुछ ही दिनों में वह अंकुरित होकर बढ़ने लगता है और उसमें पत्तियां निकलने लगती है ! जब यह अंकुर पांच-छह पत्तों का हो जाता है तो…

धर्म शास्त्रों का कोई औचित्य नहीं है, यदि वह शुद्ध नहीं हैं !

हमारा प्राचीनतम इतिहास राजा परीक्षित के राज्यारोहण तक का पुराणों और थोडा बहुत महाकाव्यों में पाया जाता है ! लेकिन पुराण जैसे कि आज पाये जाते हैं वैसा गुप्त-काल से पहले नहीं पाये जाते थे ! गुप्त-काल के बाद उनमें…

आज धर्म एक मानसिक ज़हर बन गया है ! Yogesh Mishra

विश्व के सभी धर्मों में ‘हिंदूधर्म’ सबसे पुराना है ! इसके बाद इस्लाम और ईसाई धर्म का जन्म हुआ ! चीन में कंफ्यूशियस धर्म का जन्म हुआ ! भारत में जितने धर्म हैं उतने विश्व में कहीं नहीं ! जिन…