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विभिन्न धर्म का धंधा ही आज सभी समस्याओं की जड़ है : Yogesh Mishra

किसी विशेष धर्म का अनुपालन व्यक्ति को संसार में मात्र एक धार्मिक आइडेंटिटी दे सकता है बस ! पर व्यक्ति का वास्तव में धार्मिक होना तो इंसान के भीतर की प्रक्रिया है ! भारतीय समाज से बड़ा धार्मिक दुनियाँ का…

आज भी उपलब्ध हैं सरस्वती नदी के प्रमाण : Yogesh Mishra

सनातन संस्कृति से घ्रणा करने वालों के द्वारा यह झूठ प्रचारित किया जाता है कि वैदिक कालीन सरस्वती नदी का कभी अस्तित्व नहीं रहा है ! वेदों में उल्लेखीत सरस्वती नदी का कभी कोई अस्तित्व नहीं रहा यह बात पिछले…

भारतीय मानसिक गुलामों की विशेष प्रजाति : Yogesh Mishra

यह लेख मोदी की तारीफ में नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी जी के माध्यम से पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित भारतीय मानसिक गुलामों की विशेष प्रजाति के मानसिक स्थिती का वैचारिक विश्लेषण है ! जो मोदी ही नहीं कोई भी सनातन राष्ट्रवादी…

हिंदुत्व की रक्षा के लिये अवतारवाद के षड्यंत्र से बचिये : Yogesh Mishra

वैष्णव धर्म शास्त्रों में भगवान विष्णु के अनेकों अवतारों का वर्णन मिलता है ! यह सभी अवतारों की कल्पना वैष्णव धर्म शास्त्र लिखने वाले रचनाकारों ने भगवान विष्णु के महत्व को बताने के लिये समय-समय पर की है ! किन्तु…

हिन्दू धर्म का सर्वनाश कौन कर रहा है : Yogesh Mishra

आपने देखा होगा कि मैंने शास्त्रों को प्रमाण मानते हुये कुछ लेख अपने फेसबुक पर डाले ! तो लोगों ने मुझे धर्म विरोधी, मुल्लों का दलाल, विधर्मी आदि न जाने क्या-क्या कह डाला ! लेकिन मैंने जो लिखा पढ़ा वह…

भारतीय आरक्षण का ब्रिटिश इतिहास : Yogesh Mishra

420 वर्ष पूर्व जब ईस्ट इंडिया कंपनी के तथाकथित व्यापारी भारत आये तो वे भारत से सूती वस्त्र, छींटज़ के कपड़े, सिल्क के कपड़े आयातित करके ब्रिटेन के रईसों और आम नागरिकों को बेंचकर भारी मुनाफा कमाना शुरू किया !…

सामाजिक और राजनैतिक संगठनों में मिश्रा ब्राह्मण का महत्व : Yogesh Mishra

ब्राह्मणों को ईश्वर ने अलग-अलग सामाजिक दायित्वों के लिये अलग-अलग गुण-धर्म के अनुसार निर्मित किया है ! यदि ब्राह्मणों में आज भी रक्त की शुद्धता है तो वह गुणधर्म आज भी स्पष्ट देखे जा सकते हैं ! जैसे यजुर्वेद के…

हिन्दुओं को किन धर्म ग्रंथों को प्रमाणिक नहीं मानना चाहिये : Yogesh Mishra

चारों वेदों के चार व्याख्या ग्रंथ हैं ! जिनको ब्राह्मण ग्रंथ कहते हैं ! जो हैं ऐतरेय, तैत्तरीय, शतपथ एवम गोपथ ! इन्हीं ब्राह्मण ग्रंथों को पांच नामों से पुकारा जाता है, इतिहास, कल्प, गाथा, नाराशंसी, पुराण ! यही वह…

आखिर भारत कब तक वैचारिक दृष्टि से भूखा नंगा ही रहेगा : Yogesh Mishra

सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारत विदेशी आक्रांताओं के लूटे जाने के बाद भी, आज भारत की जनता के पास विश्व का सबसे अधिक सोना है ! यही नहीं जितना सोना एक सामान्य व्यक्ति अपने जीवन में खरीदता है…

विकास और विनाश में संतुलन आवश्यक है : Yogesh Mishra

प्रकृति ने जब मनुष्य का निर्माण किया तो उसे मास्तिष्क का उपहार दिया ताकि वह अपने जीवन को अधिक परिष्कृत कर सके और इस धरा को और भी सुन्दर बना सके ! मनुष्य ने ज्ञान विज्ञान की सहायता से प्रकृति…