जैसा कि मैंने अपनी पूर्व के अनेक लेखों में लिखा है कि वर्तमान में प्रचालन में श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिये गये उपदेश से अलग है ! आज प्रचालन में यह ईसाइयों द्वारा लिखवाई गई गीता है ! इसी गीता के प्रचार प्रसार के लिये अंग्रेजों द्वारा …
Read More »श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान कब अव्यवहारिक है : Yogesh Mishra
क्या आपने कभी विचार किया कि भारत के सभी तत्व ज्ञानियों का सबसे अधिक जोर श्रीमद्भगवद्गीता पर ही है ! क्योंकि इसे भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को ऐसे समय पर दिया था, जब अर्जुन अपने जीवन का निर्णायक युद्ध लड़ने जा रहे थे ! यह अवधारणा है कि अर्जुन …
Read More »क्या भगवान भी एक व्यवसायिक आधार है : Yogesh Mishra
भगवान के नाम पर होने वाले 6000 करोड़ से अधिक के व्यवसाय का परिचय बतलाने की जरूरत आज किसी को नहीं है ! भारत के अंदर 12 लाख से अधिक छोटे-बड़े मंदिर, गांव गांव में भगवा लपेटकर और टीका लगाकर कर्मकांड करने वाले पंडित, बड़े-बड़े मंचों पर बैठकर भगवान का …
Read More »संघर्ष एक भ्रम है : Yogesh Mishra
प्रायः लोग सही समय पर सही निर्णय न लेने के कारण अपने आप को एक तनावपूर्ण जीवन में ढकेल लेते हैं और फिर उस तनाव से निकलने के लिए जीवन भर अतिरिक्त ऊर्जा लगाते रहते हैं ! जिसे वह लोग संघर्ष कहते हैं ! जबकि इसे आलस्य या गलत समय …
Read More »वैश्विक आर्थिक मंदी भारतीयों के लिए एक सुनहरा अवसर : Yogesh Mishra
जैसा कि विश्व के सभी अर्थशास्त्री घोषणा कर रहे हैं कि दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 तक पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में आ जाएगी ! इस तरह की घोषणा अपने आप में यह सिद्ध करती है कि आर्थिक मंदी आती नहीं बल्कि प्रायोजित तरीके से लायी जाती है …
Read More »हिंदुत्व खतरे में है की परिभाषा क्या है : Yogesh Mishra
यह बहुत गंभीर बात है की किन विषयों से हिंदुत्व खतरे में आ जाता है और कब हिंदुत्व को खतरा खत्म हो जाता है, इसे आज तक न तो किसी धर्म ग्रंथ में परिभाषित किया गया और न ही किसी विद्वान द्वारा इसे परिभाषित करने का प्रयास किया गया ! …
Read More »मित्रता का मनोविज्ञान : Yogesh Mishra
मित्रता का तात्पर्य किसी से मात्र भावनात्मक या पारस्परिक लगाव नहीं है ! बल्कि मित्र उसे कहा जा सकता है जो आपके बौद्धिक और चेतना के स्तर को विकसित करने में सहायक हो ! आर्थिक मदद के लिये की गई मित्रता स्वार्थ के अतिरिक्त और कुछ नहीं है ! इसीलिए …
Read More »यहां बच्चे का जन्म गीत से होता है : Yogesh Mishra
नामिबिया की रहने वाली हिंबा जनजाति में बच्चे के जन्म को लेकर एकदम अलग परंपरा है ! इस जनजाति में बच्चे के जन्म की तिथि तब नहीं मानी जाती है, जब उसका इस दुनिया में जन्म होता है ! बल्कि बच्चे के जन्म की तिथि तब मानी जाती है, जब …
Read More »संबंधों के बंधन का यथार्थ : Yogesh Mishra
सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते करते मनुष्य कब संबंधों के बंधन में बंध जाता है ! उसे पता ही नहीं चलता है ! प्रायः देखा जाता है कि आपके जन्म लेते ही आपके दर्जनों संबंध समाज में स्वत: विकसित हो जाते हैं ! आप किसी के भाई बन जाते हैं, …
Read More »शिक्षित गरीबी से कैसे निपटें : Yogesh Mishra
अंग्रेजों द्वारा स्थापित किये गये स्कूलों का एक मात्र उद्देश्य था कि अंग्रेज सरकार के लिए बौद्धिक मजदूर पैदा करना ! जिनसे अंग्रेज कानून, तकनीक, प्रशासन सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में अपने लाभ के लिये कार्य ले सकें ! अंग्रेजों द्वारा स्थापित की गई इस शिक्षा व्यवस्था का उद्देश्य …
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