धर्म समाज की कमजोरी भी है और आवश्यकता भी !! Yogesh Mishra

धर्म और समाज का संबंध बहुत गहरा है ! साथ में पुराना भी ! गहरा इतना कि कुछ लोग धर्म और समाज को परस्पर पूरक और पर्याय मान लेते हैं ! इतना पुराना भी कि आस्था–प्रवण लोगों के लिए धर्म…
धर्म और समाज का संबंध बहुत गहरा है ! साथ में पुराना भी ! गहरा इतना कि कुछ लोग धर्म और समाज को परस्पर पूरक और पर्याय मान लेते हैं ! इतना पुराना भी कि आस्था–प्रवण लोगों के लिए धर्म…
टाइम पत्रिका के एशिया एडिशन ने भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर लीड स्टोरी प्रकाशित की है ! इस खबर सामने आते ही इस आर्टिकल को…
कहने को तो देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया ! पर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे सैकड़ों क्रांतिकारियों की हत्यारी विदेशी न्याय की देवी आज भी भारतीय न्यायालयों में ससम्मान कब्जा किये हुये है ! अगर आप…
आर. एस. एस. अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या तो संघर्ष करता है या सत्ता सुख भोगता है ! परिवर्तन एक निरंतर प्रक्रिया है ! किसी भी संगठन की उत्पत्ति संघर्ष से होती है, विस्तार सत्ता से होता है और परिणाम…
अनेक प्रकार के शुभ-अशुभ ज्योतिषीय योग गणना में बताये जाते हैं ! जिनमें मंगल दोष को लेकर समाज में भय व्याप्त है ! इस भय के कारण प्राय: बहुत अच्छे-अच्छे संबंधों को छोड़ देना पड़ता है ! इस विषय मे…
पुराणों में देवासुर संग्राम और वैष्णवों का द्वन्द्व है ! सत्ययुग में हिरण्यकश्यपु और प्रहलाद की कथा, त्रेता में रावण और राम की कथा शैव और वैष्णवों के पारस्परिक संघर्ष की सूचक है ! किन्तु पुराणों के अनुसार शिव कैलाश…
रत्नों पर कोई चर्चा करने के पहले “मैं” यह बतला देना चाहता हूं कि रत्नों को धारण करने का कोई भी विधान हमारे ऋषियों-मुनियों ने किसी भी “सनातन ज्योतिष ग्रंथ” में नहीं दिया है ! यह पद्धति “यूनान” से भारत…
प्रायः यह माना जाता है कि शिक्षा सभी समस्याओं का समाधान है ! किन्तु व्यवहारिक जगत में ऐसा नहीं है ! शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य जो व्यावहारिक जगत में नजर आता है, वह यह है कि व्यक्ति को स्वतंत्र…
आधुनिक शिक्षा व्यवस्था भारत के सर्वनाश के लिये अंग्रेजों द्वारा निर्मित की गई थी ! जिसे हम आज भी ढोह रहे हैं ! आइये जानते हैं इसका वास्तविक इतिहास व भविष्य ! भारत में आधुनिक शिक्षा की नींव यूरोपीय ईसाई…
झूठ बोलने वाले शासक से मौन शासक फिर भी अच्छा है, कम से कम वह जनता को गुमराह तो नहीं करता ! लोकतंत्र से राजतंत्र फिर भी अच्छा था ! राजाओ के शासन काल में भारत के लोग ज्यादा सुखी…