मंगल दोष से भयभीत मत होईये !! Yogesh Mishra

अनेक प्रकार के शुभ-अशुभ ज्योतिषीय योग गणना में बताये जाते हैं ! जिनमें मंगल दोष को लेकर समाज में भय व्याप्त है ! इस भय के कारण प्राय: बहुत अच्छे-अच्छे संबंधों को छोड़ देना पड़ता है ! इस विषय मे सनातन ज्ञानपीठ ने 15,000 से भी अधिक मांगलिक कुंडलियों पर गंभीर शोध व अध्ययन किये हैं और यह निष्कर्ष निकला है कि 97% मांगलिक कुण्डलियों में यह दोष स्वतः शान्त होते हैं ! आइये विस्तार से चर्चा करते हैं !

कुंडली मे मंगल दोष क्या है और उससे क्या-क्या हानियाँ होती हैं !

जब मंगल कुंडली के 1, 2,4, 7, 8 या 12 वें स्थान पर हो तो वह कुण्डली सामान्यतय: मांगलिक दोष वाली कुण्डली कही जाती है और ऐसे व्यक्ति को “मांगलिक” कहा जाता है ! हमारे समाज में मांगलिक दोष की उपस्थिति को लेकर एक बहुत बड़ा डर या भ्रम बन गया है ! जबकि सत्य यह है कि शास्त्रों में इसका कोई विस्तृत वर्णन नहीं मिलता है !

ज्योतिष की लिखी हुई पुरानी किताबों में भी मंगल दोष के बारे में मतभेद हैं ! इसके कई अपवाद हैं और इस दोष के निवारण के कई सटीक उपाय भी हैं ! इसका अस्तित्व है पर उतना भयानक नहीं जैसा बतलाया जाता है ! जो भी हो मंगल दोष को अनदेखा भी नहीं किया जा सकता है ! यह वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा भी कर सकता है ! इसलिए विवाह से पहले मंगल दोष का कुंडली मिलान के समय ही विश्लेषण अनिवार्य है ! यह पता लगायें कि कुंडली में मंगल दोष हानिप्रद है भी या नहीं !

बतलाया जाता है कि यदि लड़के या लड़की की कुण्डली में मंगल दोष हो तो निम्नलिखित हानि हो सकती है !

1. घर, गाड़ी, अग्नि, रसायन या बिजली से दुर्घटना का योग दर्शाता है !

2. वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की वैचारिक बाधायें आती हैं !

3. दम्पति की भयंकर दुर्घटना हो सकती है !

4. व्यापार, व्यवसाय में तेजी से हानि व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ विवाद पैदा हो सकता है !

5. व्यक्ति अनिद्रा का रोगी हो सकता है तथा माता-पिता से तनाव भी हो सकता है !

6. आर्थिक व प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है या खर्च की अधिकता भी हो सकती है !

7. भाई बहन में तनाव हो सकता है ! यह व्यक्ति को बहुत कठोर और हठी बना देता है !

8. व्यक्ति को हाईपर टेंशन, पेट व खून से जुड़ी हुई बीमारियां भी हो सकती हैं ! इस प्रकार लग्न में मंगल का बैठना अशुभ माना जाता है !

आइये जानते हैं कि मांगलिक दोष किन स्थितियों में स्वतः शांत हो जाता है :-

97% मांगलिक कुण्डलियों में यह दोष स्वतः शान्त होते हैं ! उनमें से कुछ महत्वपूर्ण सूत्र निम्न हैं :-

1: दूसरी कुंडली में भी 1, 4, 7, 8 एवम 12वें भाव में पाप ग्रह शनि, राहु, सूर्य, मंगल हो तो भौम मंगल दोष शांत हो जाता है !

2: मेष का मंगल लग्न में, वृशिचक के चतुर्थ में, वृषभ के सप्तम में, कुंभ के अष्टम एवम धनु के द्वादश में हो तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है !

3: यदि मंगल स्वराशि मेष, वृशिचक या मूल त्रिकोण उच्च या मित्र राशि में हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

4: कर्क एवम सिंह लग्न में लग्नस्थ मंगल का दोष समाप्त हो जाता है !

5: 3, 6, 11 भावों में अशुभ ग्रह, केंद्र, त्रिकोण में शुभ ग्रह हो तथा सप्तमेश सप्तम भाव में हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

6: कन्या की कुंडली में गुरु केंद्र त्रिकोण में हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

7: पुरुष की कुंडली में शुक्र केंद्र त्रिकोण में हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

8: चन्द्र, गुरु या बुध से मंगल युति कर रहा हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

9: दूसरे भाव में मिथुन, कन्या का मंगल हो तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है !

10: चतुर्थ भाव में शुक्र की राशि (वृषभ, तुला) का मंगल दोष समाप्त हो जाता है !

11: अष्टम भाव में गुरु राशि (धनु, मीन) का मंगल हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

12: सातवें भाव में मंगल पर यदि शुक्र की दृष्टि हो तो दोष समाप्त हो जाता है !

13: यदि मंगल नीच, अस्त या वक्री हो तथा कुंडली के 1, 4, 8 एवम 12 भाव में हो तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है ! आदि आदि !

उचित है कि मांगलिक दोष देखकर आप घबराइये नहीं बल्कि किसी ज्योतिष के अच्छे जानकार व्यक्ति से परामर्श लीजिये ! बहुत संभावना है कि कुंडली का मांगलिक दोष स्वत: शान्त हो गया हो ! उसी स्थिति में किसी भी उपाय या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है !

किंतु यदि मांगलिक दोष स्पष्ट रूप से दिखलाई दे रहा है, तो उसके लिए हमारे शास्त्रों में कुछ विधान बतलाये गये हैं ! उन विधानों का उपयोग व अनुष्ठान करके मंगल दोष की नकारात्मक ऊर्जा को शांत किया जा सकता है ! इसलिए मांगलिक दोष के नाम पर भयादोहन करने वालों से सावधान रहिये और अनावश्यक भयभीत होकर आप अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद मत कीजिये !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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-090 444 14408
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