मंत्र अनेक प्रकार के होते हैं ! वैदिक, तंत्रोक्त, पौराणिक, लौकिक, अलौकिक मंत्र आदि आदि ! इसी तरह देव, दानव, यक्ष, किन्नर, सुर, असुर, रक्ष, अरक्ष, भक्ष, दैत्य, दानव, पिशाच आदि हर जीवन शैली के भी मंत्र अलग-अलग होते हैं ! इन सभी पद्धति और संस्कृति में भी मनुष्य के …
Read More »भारत के आर्थिक आधार को नष्ट करने का षडयंत्र : Yogesh Mishra
वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भारत में केंद्र सरकार में कुल 33 लाख सरकारी कर्मचारी हैं ! जिसमें लगभग 6,500 आई.ए.एस. अधिकारी हैं ! इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बाद भी भारत सरकार के लगभग सभी उपक्रम घाटे में चलते हैं अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है …
Read More »अल्लोपनिषद् अरब के मय ब्राह्मणों ने लिखा था : Yogesh Mishra
पुरी पीठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी ने अभी हाल में अपना मत दिया है कि अल्ल और अल्ला शब्द कई बार आर्ष आदि ग्रंथों में मिला है ! जिसपर मेरे मन में भी इस विषय पर कुछ विचार रखने की इच्छा हुई ! मेरा मत है कि “ल्ल” …
Read More »भगवान मूर्ख नहीं है : Yogesh Mishra
जैसा कि हम सभी जानते हैं की घटना और शब्दों की ऊर्जा सदैव ब्रह्मांड में तैरती रहती है ! यदि किसी व्यक्ति ने किसी व्यक्ति के विषय में कोई ऐसी बात कही है, जो घटना की ऊर्जा से तालमेल नहीं खाती है ! तो प्रकृति स्वत: ही उस बात को …
Read More »आधुनिक विज्ञान ही प्रकृति का बलात्कारी है : Yogesh Mishra
इसमें कोई शक नहीं कि प्रकृति ने मनुष्य को प्रगट ही नहीं किया बल्कि उसे पोषित और उन्नत भी किया है ! यदि प्रकृति का सहयोग न होता तो मनुष्य प्रगट होने के बाद भी कीट पतंगों की तरह जीवन जी का मर जाता ! हो सकता है कि मनुष्य …
Read More »स्वघोषित संत ही धर्म के सर्वनाश का कारण हैं : Yogesh Mishra
बहुत से लोग बड़े-बड़े संतों का नाम लेकर मुझसे राय पूंछते हैं कि इन लोगों ने अपना पूरा जीवन राम और कृष्ण को ईश्वर मानते हुये समर्पित कर दिया और आप राम और कृष्ण को मात्र महापुरुष मानते हैं ! ईश्वर नहीं ऐसा क्यों है ? अब यहां पर दो …
Read More »सोशल मीडिया के लिये सख्त कानून की जरूरत क्यों है : Yogesh Mishra
आज भारत के अंदर 30 करोड़ लोग फेसबुक, व्हाट्सएप आदि सोशल मिडिया से जुड़े हुए हैं ! जो दुर्भाग्यवश अपने को परम ज्ञानी समझते हैं ! लेकिन इसके बाद भी वह लोग सुबह से शाम तक आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं ! किसी के पास खाने को सम्मानजनक तरीके …
Read More »समपन्नता के लिये मात्र सोच बदलीये बस ! : Yogesh Mishra
“गरीबी बहुत-सी आर्थिक परिस्थितियों का परिणाम है इसलिए अपनी गरीबी की समस्या को हल करने के लिए स्वयं की सोच पर सर्वाधिक कार्य करने की जरूरत है ! भारत में गरीबी सदैव से एक बड़ी चुनौती बनी रही है ! गरीबी का सम्बन्ध केवल आय या कैलोरी से जोड़कर करना …
Read More »रामायण या रामचरित मानस के उत्तर कांड अलग-अलग क्यों है : Yogesh Mishra
रामायण या रामचरित मानस के उत्तर कांड के संबंध में बहुत लोगों को इस बात का संशय है कि इसमें घटनाओं का वर्णन एक जैसा नहीं है! शायद इसीलिये शोधकर्ता यह मानते हैं इन दोनों ग्रन्थों में उत्तर कांड को बाद में जोड़ा गया है ! जो कि गलत है …
Read More »ध्यान का जीवन में महत्व : Yogesh Mishra
एक सच्चा ध्यान करने वाला व्यक्ति, तभी ध्यान में स्थित कहा जा सकता है, जब उसका मन कामनाओं और वासनाओं के द्वारा विक्षुब्ध होकर, इधर- उधर न भटक रहा हो ! जब तक किसी व्यक्ति की विषयभोग की इच्छाएँ हैं, कामनाएँ हैं, वासनायें हैं, तब तक साधक का चित्त ध्यान …
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