कुण्डली में सुदर्शन चक्र का अर्थ जाने । Yogesh Mishra

सुदर्शन चक्र ज्योतिष का मूल आधार है। आत्मा मन तथा शरीर का सही समायोजन जीवन की पूर्णता के लिए परम आवश्यक है। आत्मा जातक की सबसे भीतरी स्थिति है। मन उससे बाहर की तथा शरीर सबसे बाह्य स्थिति है। इसी…
सुदर्शन चक्र ज्योतिष का मूल आधार है। आत्मा मन तथा शरीर का सही समायोजन जीवन की पूर्णता के लिए परम आवश्यक है। आत्मा जातक की सबसे भीतरी स्थिति है। मन उससे बाहर की तथा शरीर सबसे बाह्य स्थिति है। इसी…
भारतीय काल गणना की विकास यात्रा प्रकृति की जिन निश्चित घटनाओं से मनुष्य का आरंभ से ही गहरा सरोकार रहा है वे हैं – 1. रात-दिन का चक्र, 2. चंद्र की घटती-बढ़ती कलाओं का चक्र, और 3. ऋतुओं का…
रोग का कारण ईश्वरीय शक्ति का आभाव मनुष्य ब्रम्हांड की एक अद्भुत रचना है जो ईश्वरीय शक्ति से संचालित है, इसे जितना समझा जाए उतना ही कम है. आधुनिक विज्ञान तो मनुष्य के कुछ ही हिस्सों तक पहुँचा है और…
वैदिक ज्योतिष अनुसार मानव मस्तिष्क को ४२ भागों तथा ८४ प्रवृत्तियों में विभाजित किया गया है। ईश्वर नें इस ब्राह्मंड को पूर्णतय: स्वचालित बनाया है। इसमें विद्यमान समस्त ग्रह अपने निश्चित मार्ग पर निश्चित गति से निरंतर भ्रमणशील रहते हैं…
भगवान विष्णु का माता लक्ष्मी द्वारा चरण दबाने का अर्थ अनेक चित्रों में भगवान विष्णु को बीच समुद्र में शेषनाग के ऊपर लेटे और माता लक्ष्मी को उनके चरण दबाते हुए दिखाया जाता है। इस चित्र के पीछे जीवन प्रबंधन…
भस्म वस्तुतः आयुर्वेद के इन्जेकशन हैं। भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यामित्क कारण भी हैं। भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इसका मुख्य गुण है कि इसको…
स्वाहा का उच्चारण क्यों? किसी भी शुभ कार्य में हवन होते हमने देखा है कि अग्नि में आहूति देते वक्त स्वाहा का उच्चारण किया जाता है। स्वाहा शब्द का अर्थ है सु+आ+हा सु-अर्थात सुरो यानि अच्छे लोगों को आ-अर्थात अग्नि…
आयु निर्णय का एक महत्वपूर्ण सूत्र महर्षि पाराशन ने प्रत्येक ग्रह को निश्चित आयु पिंड दिये है,सूर्य को १८ चन्द्रमा को २५ मंगल को १५ बुध को १२ गुरु को १५ शुक्र को २१ शनि को २० पिंड दिये गये…
*** पूजा-अर्चना में पुष्पों का महत्व*** फूल सुगंध और सौंदर्य के प्रतीक हैं। हम पूजा के दौरान भगवान को इसी भाव से फूल चढ़ाते हैं कि हमारा जीवन भी सुगंध और सौंदर्य से भरा हो। जिस देवता को जो रंग…
क्यों देते हैं ग्रह अशुभ फल? प्रत्येक जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ-अशुभ रहती हैं। साथ ही ग्रहों की दशा-महादशा भी शुभ-अशुभ फल देती है। शनि की साढ़ेसाती भी जातक को शुभ-अशुभ फल देती है। परंतु इन सबके…