yogeshmishralaw

yogeshmishralaw

शिव सहस्त्रार ज्ञान के अतिरिक्त सृष्टि के सभी धर्म ग्रन्थ अधूरे हैं : Yogesh Mishra

शैव जीवन शैली में भगवान शिव ने रावण की योग्यता, क्षमता, प्रतिभा और पात्रता को देखते हुये, जो संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान रावण को शिव सहस्त्रार ज्ञान के रूप में दिया था ! वह जीव कल्याण के लिये एकमात्र अपने…

शिव सहस्त्रार ग्रन्थ का महत्व : Yogesh Mishra

शिव सहस्त्रार एक तमिल भाषा में श्रुति और स्मृति के आधार पर संग्रहित किया गया ऐसा ग्रंथ है, जो राम रावण युद्ध के बाद विलुप्त हो गया ! लेकिन इसका बहुत बड़ा अंश तमिल लोकगीतों में बहुत समय तक चर्चा…

मैकाले का भारतीय शिक्षा नीति के विनाश से कोई सम्बन्ध नहीं है : Yogesh Mishra

भारतीय शिक्षा नीति का नाम लेते ही लोग राजीव दीक्षित के प्रभावों में मैकाले को गाली देना शुरू कर देते हैं ! किंतु गाली देने वालों में से कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसने कभी भी भारत के शिक्षा…

धूर्त पदाधिकारियों से इंग्लैंड ने अपनी रक्षा कैसे की : Yogesh Mishra

साम्राज्यवाद की दौड़ में भारत को जीत लेने के बाद भारत के मूल चरित्र पर जब इंग्लैंड के समाजवादियों ने चिंतन किया तो यह पाया कि भारत का सामाजिक ढांचा इतना विकृत है कि यहां पर आने के बाद इंग्लैंड…

महाभारत धर्म युद्ध नहीं बल्कि पारिवारिक युद्ध था : Yogesh Mishra

यह एक बहुत बड़ी भ्रांति है कि महाभारत युद्ध में पूरे विश्व के राजा अपनी अपनी सेनाओं के साथ लड़े थे, जबकि सत्यता यह है कि महाभारत युद्ध में भाग लेने वाले राजा मात्र आर्यावर्त अर्थात प्राचीन भारत के ही…

क्या संसार से सभी धर्मों को विदा कर देना चाहिये : Yogesh Mishra

धर्म का निर्माण समाज को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए हुआ था, किन्तु कालांतर में धर्म के मुखिया लोगों की विलासिता को देखकर लोगों ने धर्म की ओट में धन कमाने के निर्णय लिया ! धीरे धीरे समाज का…

कथावाचक नरक क्यों जाते हैं : Yogesh Mishra

यह अवधारणा है कि भगवान का नाम लेने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है और इस अवधारणा को प्रचारित प्रसारित करने का कार्य कथावाचक करते हैं, किंतु उनके पास मिथ ग्रंथों के अतिरिक्त एक भी ऐसा प्रमाण नहीं…

क्या विकास के लिये ईश्वर की हत्या जरूरी है : Yogesh Mishra

आज विश्व में दो तरह के दर्शन विकसित हो रहे हैं ! एक यह मानता है कि ईश्वर के सहयोग के बिना किसी भी तरह का विकास संभव नहीं है ! फिर वह चाहे दैहिक, दैविक, भौतिक किसी भी स्तर…

राम को इंसान से भगवान बनाने की कोशिश : Yogesh Mishra

भगवान श्री राम न ही इंसान है और न ही भगवान हैं ! भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व एक ऐसा व्यक्तित्व है जिसे आप इंसान के दृष्टिकोण से देखें तो वह एक मर्यादा पुरुषोत्तम इंसान के रूप में नजर आते हैं…

ईश्वर की प्राप्ति के लिये किसी भक्ति की आवश्यकता नहीं है : Yogesh Mishra

वैष्णव ढोंगीयों ने ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम भगवान की भक्ति को बतलाया है ! इसीलिए वैष्णव लोग ईश्वर की प्राप्ति के लिए भगवान भजन पर बहुत दबाव बनाते हैं ! जबकि सच्चाई यह है कि ईश्वर की प्राप्ति के…