मर्डर ऑफ गॉड : Yogesh Mishra

भारतीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया जो कि एक प्रबल दार्शनिक ही नहीं, अच्छे चिंतक और विचारक भी हैं ! इन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि हिंदू समाज के विनाश का कारण हिंदुओं के अवतारवाद की अवधारणा है ! ऐसा ही…
भारतीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया जो कि एक प्रबल दार्शनिक ही नहीं, अच्छे चिंतक और विचारक भी हैं ! इन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि हिंदू समाज के विनाश का कारण हिंदुओं के अवतारवाद की अवधारणा है ! ऐसा ही…
एक्टोलाइफ प्रजनन कम्पनी कृतिम पध्यति से प्रति वर्ष 30,000 मन चाहे बच्चे पैदा कर सकती है ! इस समय कंपनी के पास 75 लैब हैं जिन्हें जल्द ही 200 से अधिक बना लिया जायेगा ! इस पूरे कॉन्सेप्ट की शुरुआत…
नॉलेज का सामान्य अर्थ सूचना की जानकारी होना है और विजडम का तात्पर्य सूचना के संदर्भ में विवेक पूर्ण अनुभूति होना है ! नॉलेज सामान्य सूचना प्राप्ति और मस्तिष्क का विषय है ! जबकि विजडम आंख, नाक, कान, मस्तिष्क, के…
समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं कि जिनका काम ही दूसरों की आलोचना करना होता है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाए कि चाहे कोई सामाजिक कार्यकर्ता हो, उद्योगपति हो, धार्मिक व्यक्ति हो, या अपने जीवन निर्वाह के लिए…
रामचरितमानस का निर्माण भारतीय सनातन संस्कृति के विकट संघर्ष काल में हुआ है ! उस समय लंबे समय तक भारत में मुगलों का शासन था ! जिन्होंने छल और बल दोनों तरीके से भारतीय संस्कृति को नष्ट करके अपनी इस्लामिक…
हनुमान ने अपने पराक्रम से एक लाख किंकर, अकंपान, जंबुमाली, अक्षय, देवांतक, तृषिरा, ध्रुमराक्स, कालनेमि, अहिरावण, महिरावण, सिम्हिका का वध और रावण, इंद्रजीत, लंकिनी को परास्त करने के साथ साथ कुंभकरण को घायल कर दिया था ! पर उन्होंने बाल्मीकि…
मानवता के इतिहास की शुरुआत बन्दर से नहीं बल्कि कैलाश पर्वत से होती है ! जो कि शैवों का पवित्र स्थल है ! कैलाश पर्वत का ग्लेशियर ही एशिया में अनादि काल से सभी महत्वपूर्ण नदियों का स्रोत रहा है…
न्याय दर्शन कहते हैं कि वेदों की रचना ईश्वर ने की है ! क्योंकि यह मानवीय नहीं हो सकते हैं ! सांख्य दर्शन कहा कि वेदों की रचना ईश्वर ने भी नहीं की है ! वेद प्राकृतिक हैं ! प्रकृति…
स्वयं से संवाद सनातन जीवन शैली का मूल आधार है ! जो व्यक्ति स्वयं से संवाद करना नहीं जानता वह कभी भी न तो संसार में सफल हो सकता है और न ही मृत्यु के उपरांत मुक्ति को प्राप्त कर…
शरीर के दो हिस्से है एक दिल और दूसरा दिमाग ! इन्हीं दोनों के सामंजस्य से शरीर चलता है ! यदि इनका सामंजस्य बिगाड़ जाये तो पहले तो शरीर बीमार पड़ता है, फिर नष्ट हो जाता है ! अर्थात मनुष्य…