निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए देश के क्षेत्रों शहरी के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के ठेके देने का प्रस्ताव दिया है ! जो वैश्विक गुलामी को भारत के गाँव गाँव तक ले जायेगा ! इसी …
Read More »नवार्ण मंत्र की दिव्य शक्ति का रहस्य : Yogesh Mishra
गुप्त नौरात्रि पर विशेष लेख ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाऐ विच्चे यह शाब्दिक नौ अक्षरा मंत्र है ! इसका अर्थ नवार्ण नव और अर्ण के युग्म से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है नौ अक्षर से बना हुआ ! इसीलिये ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाऐ विच्चे को नवार्ण मंत्र कहा …
Read More »श्रीमद्भागवत गीता के नाम पर फ्राड : Yogesh Mishra
अंग्रेजों द्वारा भारत से असली श्रीमद्भागवत गीता की पाण्डुलिपि चुरा ले जाने के बाद भारत में व्याप्त जन आक्रोश को दबाने के लिये इस दुनियां में पहली बार नकली श्रीमद्भागवत गीता का प्रकाशन भारतीयों के अल्प धार्मिक ज्ञान को देखते हुये कलकत्ता में रहने वाले ईस्ट इण्डिया कंपनी से मान्यता …
Read More »नंदी का तात्पर्य बैल नहीं है : Yogesh Mishra
सुमेरियन, बेबीलोनिया, असीरिया और सिंधु घाटी की खुदाई में भी बैल की मूर्ति पाई जाती है जिसे शिव भक्त प्राय: नंदी कह देते हैं ! जबकि नंदी बैलों में एक ब्राण्ड मात्र है ! जिसके नश्ल सुधार का काम बनारस के शिलाद ऋषि के पुत्र नंदी ने भुवन नदी के …
Read More »बुढ़ापे से मूल्यवान कुछ भी नहीं है : Yogesh Mishra
पश्चिम के विकृत जगत ने पूरी शिद्दत से हमें यह बताने की चेष्टा की है कि बूढ़ा व्यक्ति किसी योग्य नहीं होता है, लेकिन सनातन जीवन शैली में बूढ़े व्यक्ति को परिवार ही नहीं समाज और राष्ट्र का आधार माना गया है ! हमारे सभी ऋषि, मुनि, मनीषी, धर्मगुरु, विचारक, …
Read More »क्या थी ओशो की बड़ी चूक : Yogesh Mishra
ओशो एक महान चिंतक थे ! उन्होंने जीवन को कई आयामों से महसूस किया था ! वह यह चाहते थे कि मनुष्य जीवन के बोझ को न ढ़ोते हुए सीधा-सीधा आनंद को भोगते हुये मोक्ष को प्राप्ति करे ! जिस हेतु उन्होंने मोक्ष प्राप्ति की एक नई अवधारणा, संपूर्ण भोग …
Read More »क्या गरीबी उन्मूलन की सभी योजनाएँ हमें और भी गरीब बनती हैं : Yogesh Mishra
वैश्विक तानाशाहों से निडर होकर श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा था कि भारत गरीबों का देश हो सकता है किंतु भारत स्वयं में गरीब नहीं है, क्योंकि श्रीमती इंदिरा गांधी का यह मत था कि भारत के अंदर व्याप्त सभी प्राकृतिक संसाधनों का यदि सही तरह से प्रयोग किया जाये …
Read More »ब्रह्मा भी शिव के आधीन कैसे हैं : Yogesh Mishra
चित् वह है जो अपने को सब आवरणों से ढककर भी सदा अनावृत बना रहता है, सब परिवर्तनों के भीतर भी सदा परिवर्तनरहित बना रहता है ! उसमें प्रमाता प्रमेय, वेदक वेद्य का द्वैत भाव नहीं रहता, क्योंकि उसके अतिरिक्त दूसरा कुछ है ही नहीं ! इसका स्वरूप प्रकाशविमर्शमय है …
Read More »मानव मस्तिष्क पर नियंत्रण की दौड़ : Yogesh Mishra
दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क का दिमागी चिप बनाने वाला स्टार्टअप न्यूरालिंक जल्द ही इसका इंसानी परीक्षण शुरू करने की तैयारी कर रहा है ! मस्क का वादा है कि इस चिप की मदद से पैरालसिस का शिकार इंसान अपने दिमाग से उंगलियों से ज्यादा तेज गति से …
Read More »ओशो की नग्न चिकित्सा : Yogesh Mishra
ओशो मनुष्य की सभी समस्याओं का कारण मनुष्य को वैष्णव द्वारा बनाए गए वस्त्रों को मानते थे ! उनका यह कहना था कि वस्त्र हमें बेईमान बनाते हैं, क्योंकि इस सृष्टि में मनुष्य के अतिरिक्त 84 लाख योनियों में कोई भी ऐसा जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वनस्पति आदि नहीं है, जो कृत्रिम …
Read More »