यह एक व्यावहारिक सत्य है कि व्यक्ति के न रहने के बाद भी उसके विचार जीवित बने रहते हैं ! यही विचार समाज में बड़े परिवर्तन लाते हैं ! और जो लोग समाज को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं ! उनकी हमेशा यह कोशिश होती है कि उनके विचारों …
Read More »किसी कुंड से नहीं बल्कि धृतराष्ट्र की 12 पत्नियों से प्राप्त हुये थे सौ कौरव : Yogesh Mishra
एक बार धृतराष्ट्र के नियोग पिता महर्षि वेदव्यास हस्तिनापुर आये ! गांधारी ने उनकी बहुत सेवा की ! जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने गांधारी को वरदान मांगने को कहा ! गांधारी ने अपने पति के समान ही बलवान सौ पुत्र होने का वर मांगा ! कुछ समय बाद गांधारी को गर्भ …
Read More »महामृत्युंजय मंत्र की रचना का रहस्य : Yogesh Mishra
शिवजी के अनन्य भक्त मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुखी थे ! विधाता ने उन्हें संतान योग नहीं दिया था ! मृकण्ड ने सोचा कि महादेव संसार के सारे विधान बदल सकते हैं ! इसलिये क्यों न भोलेनाथ को प्रसन्नकर यह विधान बदलवाया जाये ! मृकण्ड ने घोर तप …
Read More »विभिन्न धर्म का धंधा ही आज सभी समस्याओं की जड़ है : Yogesh Mishra
किसी विशेष धर्म का अनुपालन व्यक्ति को संसार में मात्र एक धार्मिक आइडेंटिटी दे सकता है बस ! पर व्यक्ति का वास्तव में धार्मिक होना तो इंसान के भीतर की प्रक्रिया है ! भारतीय समाज से बड़ा धार्मिक दुनियाँ का कोई समाज नहीं रहा है ! आज भारत में विभिन्न …
Read More »आज भी उपलब्ध हैं सरस्वती नदी के प्रमाण : Yogesh Mishra
सनातन संस्कृति से घ्रणा करने वालों के द्वारा यह झूठ प्रचारित किया जाता है कि वैदिक कालीन सरस्वती नदी का कभी अस्तित्व नहीं रहा है ! वेदों में उल्लेखीत सरस्वती नदी का कभी कोई अस्तित्व नहीं रहा यह बात पिछले कुछ वर्षों तक मान्य थी ! इस धारणा की सत्यता …
Read More »भारतीय मानसिक गुलामों की विशेष प्रजाति : Yogesh Mishra
यह लेख मोदी की तारीफ में नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी जी के माध्यम से पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित भारतीय मानसिक गुलामों की विशेष प्रजाति के मानसिक स्थिती का वैचारिक विश्लेषण है ! जो मोदी ही नहीं कोई भी सनातन राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति के विरोधी वर्ग के लोग हैं ! …
Read More »हिंदुत्व की रक्षा के लिये अवतारवाद के षड्यंत्र से बचिये : Yogesh Mishra
वैष्णव धर्म शास्त्रों में भगवान विष्णु के अनेकों अवतारों का वर्णन मिलता है ! यह सभी अवतारों की कल्पना वैष्णव धर्म शास्त्र लिखने वाले रचनाकारों ने भगवान विष्णु के महत्व को बताने के लिये समय-समय पर की है ! किन्तु कुटिल अंग्रेजों ने इसी अवतारवाद की अवधारणा को कथावाचकों के …
Read More »हिन्दू धर्म का सर्वनाश कौन कर रहा है : Yogesh Mishra
आपने देखा होगा कि मैंने शास्त्रों को प्रमाण मानते हुये कुछ लेख अपने फेसबुक पर डाले ! तो लोगों ने मुझे धर्म विरोधी, मुल्लों का दलाल, विधर्मी आदि न जाने क्या-क्या कह डाला ! लेकिन मैंने जो लिखा पढ़ा वह अक्षरस: शास्त्रों पर आधारित मेरे शोध का निष्कर्ष है और …
Read More »कर्म का ग्रह ऊर्जा से सम्बन्ध : Yogesh Mishra
भारतीय दर्शन के अनुसार कर्म तीन प्रकार के होते हैं,- 1. संचित कर्म, 2. प्राब्ध कर्म,3. क्रियमाण कर्म ! वर्तमान तक किया गया कर्म संचित कर्म कहलाता है, वर्तमान में जो कर्म हो रहा है, वह क्रियमाण है, संचित कर्म का जो भाग हम भोगते है, वह प्रारब्ध कहलाता है …
Read More »ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या का रहस्य : Yogesh Mishra
शंकाराचार्य के इस सूत्र ‘ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या, जीवो ब्रह्मेव नापराह’ का क्या मतलब है ? जब से यह सिद्धांत आया है तबसे इस विषय में कोई स्पष्टता से कुछ नहीं कह सका है ! कुछ विद्वानों और आचार्यों ने तो इसके “जगत मिथ्या” के विषय में अनेकों तार्किक संशोधन …
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