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रावण नीति के 10 अध्याय : Yogesh Mishra

रक्ष संस्कृति का राजा रावण जिसने इस पृथ्वी पर एक नई जीवन शैली की स्थापना की थी, जिसे कालांतर में “रक्ष संस्कृति” कहा गया ! ऐसे ही विद्वान नीतिकार रावण ने इस समस्त पृथ्वी पर अपने साम्राज्य को चलाने के…

कभी इस पृथ्वी पर बस सिर्फ शैवों का शासन था : Yogesh Mishra

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि आज से 10,000 साल पहले भारत पर वैष्णव आक्रांताओं ने छल पूर्वक अपना नियंत्रण करना शुरू कर दिया था ! जिसे भारत के इतिहास में आर्यों का आगमन कहा गया ! जिससे…

हिन्दू धर्म के आधारहीन व्याख्याकार : Yogesh Mishra

आज हिंदू समाज में सबसे बड़ी दिक्कत यह हो रही है कि हिंदू धर्म के नये व्याख्याकार परंपरागत हिंदू धर्म के प्रवक्ताओं के लिये आधुनिक विज्ञान का सहारा लेकर चुनौती बनते जा रहे हैं ! और हिंदू धर्म के परंपरागत…

धनवान होना है, तो धर्म के आडंबर छोड़िये : Yogesh Mishra

आजकल की युवा पीढ़ी बहुत दुविधा में फंसी है ! एक तरफ तो शिक्षक कहते हैं कि परिश्रम से धन मिलता है और दूसरी तरफ धर्मगुरु कहते हैं कि गणेश लक्ष्मी की पूजा से धन मिलता है ! और इसके…

राम की निगाह में सीता का अस्तित्व : Yogesh Mishra

( अध्ययन हीन व्यक्ति इस लेख को न पढ़ें) गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा बलपूर्वक राम को मर्यादा पुरुषोत्तम घोषित किया गया था ! क्योंकि गोस्वामी तुलसीदास एक राम भक्त कथावाचक कवि थे ! यही इनका पैतृक व्यवसाय था ! और…

पौराणिक शब्दों के मोह ने हिंदुत्व के विकास को रोक रखा है : Yogesh Mishra

हिंदू धर्म में बहुत से ऐसे शब्द हैं, जिनके विषय में हिंदू यह मानकर चलता है कि यह अंतिम निष्कर्ष का शब्द है ! अब इसमें किसी भी पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है ! जैसे सत्य, तप, त्याग, प्रारब्ध, सुर,…

शनि देव कैसे खुश होते हैं : Yogesh Mishra

(शोध परक लेख) प्राय: समाज में शनि की महादशा अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा बड़े भय से देखी जाती है ! साथ ही नव उदित ज्योतिष के अनुसार अब शनि की ढैया और साढ़ेसाती को भी भय से देखे जाने का…

अज्ञात भय आप के विकास में बाधक है : Yogesh Mishra

प्रायः देखा जाता है कि कुछ व्यक्तियों में जन्मजात अज्ञात भय की शिकायत मिलती है ! जिसका कोई कारण नहीं होता है लेकिन व्यक्ति फिर भी लोगों से, समाज से, रिश्तेदारों से, मित्रों से, अपने टीचर या माता-पिता से अनावश्यक…

हिन्दू धर्म में दो राजकुमारों की कहानी : Yogesh Mishra

यह हिंदुओं का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि कभी विश्व को आध्यात्मिक ज्ञान का संदेश देने वाला हिन्दू समाज अब मात्र दो राजकुमारों की आधी अधूरी, कपोल कल्पित कहानियों में उलझ कर रह गया है ! एक राम और दूसरा…

अति धार्मिकता ही हमारे सर्वनाश का कारण है : Yogesh Mishra

यह एक कठोर सत्य है कि जब भी समाज में धर्म और भौतिकता का असंतुलन हुआ है, तब समाज अपने विनाश की ओर बढ़ गया है ! इसे दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी…