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क्या हमारा सर्वनाश “सूचना तंत्र के हमले” से होगा ?(अति विचारणीय लेख) Yogesh Mishra

आत्म उत्थान और आत्मरक्षा के लिए भी व्यक्ति को “चिंतन” की आवश्यकता होती है ! चिंतन करने के लिए “मन का निग्रह” परम आवश्यक है और मन के निग्रह के लिए व्यक्ति को बाहर से आने वाली सूचनाओं के क्रम…

क्या सिर्फ “गाय” क्या सिर्फ राजनैतिक मुद्दा थी ! Yogesh Mishra

अपने ही जन्म स्थान पर “भगवान राम” को “त्रिपाल” में बिठाये रखने के बाद आज गाय से घोषणा पत्र में पल्ला झाड़ लिया गया है ! अब क्या देश का तथाकथित राष्ट्रवादी राजनीतिक दल “गाय” पर राजनीति नहीं करना चाहता…

जानिये “गाय” कैसे मर रही है “तेरी गौरक्षा – मेरी गौरक्षा” में Yogesh Mishra

“गाय” ने तो कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि उसके तथाकथित “गौपुत्र” जो “गौरक्षा” के नाम पर “लाठी, डंडा, बंदूक, तलवार, आदि लेकर रात में खुली जीपों पर “अपनी जान” जोखिम में डालकर “कसाईयों” और “तस्करों” से “गायों”…

“गौ रक्षा” के लिये शास्त्र उठाना धर्म सम्मत है ! Yogesh Mishra

जब इस्लामिक धार्मिक मान्यता के अनुसार किसी भी मुसलमान को भारत के अंदर “भारत माता की जय” कहने या “वंदे मातरम” गीत गाने के लिए बाध्य किया जा सकता है ! तो हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार जो हिंदूओं…

जानिये कि “आन्दोलन” आपकी “आवश्यकता” है या “शौक” ! Yogesh Mishra

किसी भी वस्तु की “आवश्यकता” व्यक्ति को निरंतर उस वस्तु की तरह आकर्षित करती रहती है जैसे मनुष्य के जिंदा रहने के लिए रोटी की जरूरत है ! जिसे व्यक्ति बचपन से लेकर व्रद्धावस्था तक, जब तक जीवित रहता है…

एक “भगवा व्यवसाई” का “राष्ट्रप्रेम” | Yogesh Mishra

“आज भारत की अर्थव्यवस्था पर विदेशी कंपनीयों का बहुत बड़ा कब्जा है, अब समय आ गया है कि विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी अपनाएँ ! इस स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी इस्तेमाल करने का संकल्प लें!“ ऐसा एक “भगवा व्यवसाई”…

कहाँ गये “भगवाधारी” देश के “कर्णधार” Yogesh Mishra

हर गांव में “गुरुकुल” खुलेगा ! “मैकाले” की शिक्षा नीति के तहत चलने वाले सभी शिक्षण संस्थायें स्वतः बंद हो जायेंगी ! अब हिंदुस्तान में हर व्यक्ति “आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां” खाकर के स्वस्थ हो जाएगा “एलोपैथी दवाइयां” बिकनी बंद हो…

आखिर “वैचारिक आंदोलन” करेगा कौन और किसके लिये ? Yogesh Mishra

( राष्ट्र हित में गंभीर चिंतन, कमेंट जरुर करें ) आंदोलन या तो आभाव से पैदा होता है या चिंतन से ! और इन दोनों से अलग हटकर जो आंदोलन पैदा होता है ! वह आंदोलन नहीं आंदोलन का भ्रम…

जानिये राजनीति से अपराधीकरण ख़त्म क्यों नहीं होता है !! Yogesh Mishra

हमारे देश के सांसदों की माली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज दोनों सदनों के सांसदों की घोषित संपत्ति दस हजार करोड़ रुपये (एक खरब) से अधिक है ! चुनाव आयोग के अनुसार, वर्तमान…

राजीव दीक्षित की विचारधारा के अनुरूप राष्ट्र खड़ा क्यों नहीं हो पा रहा है ! Yogesh Mishra

निसंदेह राजीव दीक्षित का चिंतन और उनकी विचारधारा राष्ट्र को एक सशक्त स्वरूप में खड़ा कर सकती है ! राष्ट्र के नागरिकों का आहार-विहार-विचार जो आज दूषित है, यही राष्ट्र के पतन का कारण है ! जिसे निरंतर राजीव दीक्षित…