हां मैं “राष्ट्रवादी वामपंथी” विचारक हूं ! Yogesh Mishra

मुझे अभी लेख लिखते एक महीना भी नहीं बीते हैं कि बीजेपी के अंधभक्तों ने मुझे “वामपंथी विचारक” घोषित कर दिया ! मैं इस आरोप को स्वीकार करता हूं ! मेरे ऊपर आरोप लगाने वालों को शायद यह नहीं पता…

मुझे अभी लेख लिखते एक महीना भी नहीं बीते हैं कि बीजेपी के अंधभक्तों ने मुझे “वामपंथी विचारक” घोषित कर दिया ! मैं इस आरोप को स्वीकार करता हूं ! मेरे ऊपर आरोप लगाने वालों को शायद यह नहीं पता…

लोकतंत्र की समझ न रखने वाले कुछ लोग आज भा.जा.पा. की अप्रत्याशित जीत से अत्यंत प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं ! किन्तु लोकतंत्र को यदि जीवित ही रखना है तो लोकसभा में विरोधी दल का मजबूत होना अति आवश्यक है…

मारकेश बाधक या कष्टकारी ग्रह जब भ्रमण करते हुए संवेदनशील राशियों के अंगों से होकर गुजरता है तो वह उनको नुकसान पहुंचाता है ! नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर आप अपने भविष्य को सुखद बना सकते हैं…

“दान” विशुद्ध “धर्म” का विषय है ! इसका “पाप” के नष्ट होने से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है अर्थात “समाज को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए जिन्हें नियमों को समाज में धारण कर लिया वही धर्म…

जप या अनुष्ठान करने वाला जब कोई व्यक्ति किसी मारे गये पशु का भोजन करता है ! तो वध के पूर्व जो मृत्यु का भय उस पशु के अन्दर पैदा होता है ! उससे मृत्यु के पूर्व उस पशु के…

किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है ! अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति अच्छी है तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति…

ब्राह्मण जाति का इतिहास प्राचीन भारत से भी पुराना माना जाता है, ब्राह्मण जाति की जड़े वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं ! प्राचीन काल से ही ब्राह्मण जाति के लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, उस समय…

हत्या वध और आतंकवाद यह तीन अलग-अलग शब्द हैं और इन तीनो शब्दों के अर्थ भी अलग अलग हैं ! हत्या का तात्पर्य है कि जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से अनुचित लाभ प्राप्त करने की मंशा से या…

प्रायः माना जाता है कि स्वर्ग पृथ्वी से अलग किसी अन्य लोक में स्थित है ! जबकि यह गलत अवधारण है ! हम आपको बताना चाहते है कि त्रिविष्टप तथा स्वर्ग के सम्पूर्ण लक्षण तिब्बत मे ही मिलते हैं अर्थात…

नमक एक ऐसी आवश्यकता है जिसके बिना व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता है ! अंग्रेजों ने मनुष्य की इस कमजोरी को अपने आर्थिक लाभ के लिये प्रयोग किया और मात्र भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जहाँ जहाँ उनका…