ब्राह्मण किसी से डरता क्यों नहीं , ब्राह्मण के कटोरे का रहस्य Yogesh Mishra

ब्राह्मण जाति का इतिहास प्राचीन भारत से भी पुराना माना जाता है, ब्राह्मण जाति की जड़े वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं ! प्राचीन काल से ही ब्राह्मण जाति के लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, उस समय ब्राह्मण जाति के लोग सबसे ज्ञानी माने जाते थे ! इस जाति के लोगों को प्राचीन काल से ही उच्च एवं बड़े लोगों की श्रेणी में देखा जाता रहा है !

प्राचीनकाल से वर्तमान काल तक ब्राह्मण समाज के लोगों ने कला, साहित्य, विज्ञान, राजनीति, संस्कृति और संगीत जैसी प्रमुख क्षेत्रों में अपना अहम योगदान दिया ! प्राचीन भारत से आधुनिक भारत तक ब्राह्मण समाज में अनेकों महान व्यक्तियों एवं महान आत्माओं ने जन्म लिया जिनमें से परशुराम चाणक्य बाल गंगाधर तिलक आदि प्रमुख थे !

व्यवहारिक दृष्टि से ब्राह्मण काफी सरल होते हैं, वह मांस शराब आदि का सेवन एवं धर्म के विरुद्ध हो वह काम नहीं करते हैं ! ब्राह्मण स्वाभाविक रूप से सकारात्मक होते हैं और वह दूसरों के सुखी और संपन्न होने की कामना करते हैं ! सामान्यतः ब्राह्मण केवल शाकाहारी होते हैं लेकिन वर्तमान समय में ब्राह्मण जाति के लोगों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है ! यही इनके प्रभाव के विनाश का कारण है !

ब्राह्मण समाज के लोगों की जो पारंपरिक दिनचर्या और व्यवहारिक स्थिति थी, वह अपने आप में एक आदर्श दिनचर्या थी ! लेकिन वर्तमान समय में पारंपरिक दिनचर्या में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है ! पारंपरिक दिनचर्या के अनुसार हिंदू ब्राह्मण अपनी धारणा और धर्म आचरण को महत्व देते थे, यह दिनचर्या कुछ इस प्रकार थीं – “सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, संध्या वंदना करना, व्रत एवं उपासना करना आदि !

इसके साथ ही ब्राह्मणों के निडर होने की एक मूल वजह यह भी है कि ब्राह्मण ने ज्ञानी होने के साथ-साथ अपने दूसरे हाथ में स्वेच्छा से भिक्षा का पात्र ही पकड़ रखा है ! यह बतलाता है कि ब्राह्मण का ज्ञान बिकाऊ नहीं है ! वह किसी स्थिती के लिये पहले से ही तैयार है ! यदि वह किसी पर कृपा करने पर आ जाये तो उस व्यक्ति को बहुत ऊंचाई तक पहुंचा सकता है ! ब्राह्मण वह राष्ट्रभक्त नस्ल है ! इसने इतिहास में अनेकों बार भारत के राष्ट्र द्रोहियों का सर्वनाश कर राष्ट्र को बचाया है !

इसके साथ ही एक दूसरा सत्य यह भी है कि जब भी राष्ट्र में ब्राह्मणों का अपमान हुआ है तब राष्ट्र का पतन स्वत: ही आरंभ हो गया है !

ब्राह्मण शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञाता है और सदैव समाज के निम्नतम आर्थिक स्तर पर जीने के लिये तैयार है वह अपना सर्वस्व त्यागने का साहस रखता है ! इसी का परिणाम है कि यदि कभी ज्ञान की आवश्यकता हो तो ब्राह्मण प्रकांड ज्ञानी है और यदि युद्ध की आवश्यकता हो तो ब्राह्मण श्रेष्ठ योद्धा है और इस सब के साथ ही विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में वह पहले से ही हाथ में भिक्षा का कटोरा लिये हुए समाज के निम्नतम स्तर पर जीने के लिये तैयार है !

यह विश्व में एक मात्र नस्ल है जो शस्त्र और शास्त्र के ज्ञान के साथ ही सदैव भिक्षा का कटोरा भी लेकर अपने संपूर्ण व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है ! शायद इसीलिये ब्राह्मण कभी किसी से नहीं डरता है !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Check Also

प्रकृति सभी समस्याओं का समाधान है : Yogesh Mishra

यदि प्रकृति को परिभाषित करना हो तो एक लाइन में कहा जा सकता है कि …