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मोक्ष्य का वास्तविक मार्ग : Yogesh Mishra

बंधन का कारण पूंछने पर अष्टावक्र ने अपने पहले प्रवचन में ही राजा जनक से कहा कि “हे राजा आप तो पहले से ही मुक्त हैं ! आपने तो मात्र इस संसार को पकड़ रखा है !” यह एक वाक्य…

एकलव्य का सत्य : Yogesh Mishra

प्राय: सुनने में आता है कि द्रोणाचार्य ने एक गरीब आदिवासी बालक एकलव्य का अंगूठा कटवा लिया था ! इस कथा का प्रयोग फिलहाल राजनीतिक वोट बैंक के लिए ब्राह्मणों के विरुद्ध सर्वाधिक किया जाता है ! अब यहां पर…

रूस की क्रांति से भारत सबक ले : Yogesh Mishra

उस समय 18 वीं शताब्दी में साम्राज्यवादी ताकतों ने पूरी पृथ्वी पर अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे ! विश्व के हर देश के प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक से अधिक कब्जा करने की होड़ यूरोप के सभी देशों के…

भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का कब्जा : Yogesh Mishra

आज कल भारतीय शेयर बाजार में पुन: गिरावट के साथ क्लोजिंग हो रही है ! आज जहां सेंसेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ ! वहीं निफ्टी भी गिरावट के साथ ही बंद हुई है ! इसके अलावा बी.एस.ई. में कुल…

काम और यौन-आनन्द में अंतर : Yogesh Mishra

काम और यौन आनंद दोनों अलग अलग विषय हैं किन्तु ज्ञान के अभाव में समाज ने अज्ञानता वश यौन आनंद को ही काम ऊर्जा मान लिया है ! यहीं से सारे विकार और विकृतियां समाज में फैलती चली गई !…

काम को लेकर गलत दृष्टिकोण : Yogesh Mishra

शैव जीवन शैली में काम और क्रोध को एक ऊर्जा माना गया है जबकि वैष्णव जीवन शैली में काम और क्रोध को एक विकार माना गया है और काम को लेकर सारी गलती यही से शुरू हुई ! अपने को…

शिक्षा ही हमारे विनाश का कारण है : Yogesh Mishra

मनोवैज्ञानिकों की अवधारणा है कि कोई भी व्यक्ति यदि निरंतर एक ही समय पर 40 दिन तक कोई भी क्रिया करता है, तो उस मनुष्य के अंदर उस क्रिया को निरंतर करते रहने का अभ्यास हो जाता है ! जिसे…

शिव सहस्त्रार ज्ञान क्या है : Yogesh Mishra

आत्म कल्याण की इच्छा से अपने पितामह ब्रह्मा जी का अनन्य तप करने के बाद भी जब रावण को वेदों का ज्ञान तो प्राप्त हो गया किन्तु आत्म संतुष्टि नहीं हुई ! तब रावण ने भगवान शिव की आराधना करने…

ध्यानी होने का भ्रम : Yogesh Mishra

उचित ज्ञान के अभाव में प्राय: व्यक्ति अपने संस्कारों की हठधर्मिता को नहीं पहचान पाता है और किसी अयोग्य गुरु के मार्गदर्शन में फंस कर प्रतिदिन जीवन के डेढ़ 2 घंटे ध्यान के नाम पर बर्बाद करने लगता है !…

क्रोध ही आध्यात्मिक व्यक्ति की पहचान है : Yogesh Mishra

क्रोध और आध्यात्मिक व्यक्ति के मध्य चोली दामन का साथ होता है ! अर्थात कहने का तात्पर्य है कि यदि आध्यात्मिक व्यक्ति यदि क्रोधी नहीं है तो इसका तात्पर्य यह है कि उसके आध्यात्मिक व्यक्ति ने अभी पूर्णता को प्राप्त…