Shaivism & Vaishnavism

राम रावण युद्ध में हमने क्या खोया : Yogesh Mishra

बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि आज से 7500 साल पहले जब विश्व की आबादी मात्र डेढ़ करोड़ थी ! तब उसमें भी अधिकांश लोग अपनी सुविधाओं के लिए रावण के साम्राज्य “रक्ष प्रदेश” में निवास करते थे ! रावण का साम्राज्य कर्क रेखा के नीचे संपूर्ण …

Read More »

वैष्णव लेखकों ने समाज को कैसे विकास विरोधी बना : Yogesh Mishra

सभी कथावाचक बतलाते हैं कि रामायण समाज के हर वर्ग को जोड़ने का दिव्य ग्रंथ है ! यह कोई भी कथावाचक नहीं बतलाता है कि रामायण ने ही व्यक्ति के स्वतन्त्र चिंतन करने और अपनी राय प्रकट करने के संदर्भ में प्रतिबंध लगाने की शुरुआत की थी ! जिसकी पूरी …

Read More »

क्या ब्रह्मचर्य की अवधारणा एक भ्रम है : Yogesh Mishra

ब्रह्मचर्य को वैष्णव जीवन शैली में बहुत महत्व दिया गया है ! न जाने कितने कपोल कल्पित उदाहरणों से वैष्णव द्वारा मनुष्य को यह समझाने की कोशिश की जाती रही है कि जीवन में ब्रह्मचर्य से अद्भुत शक्तियां प्राप्त की जा सकती हैं ! प्राय: ब्रह्मचर्य के लाभ को बतलाते …

Read More »

आपका संस्कार ही आपका भगवान है : Yogesh Mishra

वैष्णव जीवन शैली में एक अवधारणा यह भी है कि “होई है वही जो राम रचि राखा” अर्थात इस दुनिया में आपके साथ जो कुछ भी होना है, उसे ईश्वर ने पहले से ही लिख रखा है या दूसरे शब्दों में कहा जाए कि आप इस दुनिया में जो भी …

Read More »

क्या सभी के लिये वैष्णव राजाओं की पूजा अनिवार्य है : Yogesh Mishra

जैसा की मैंने अपने पूर्व के अनेकों लिखो में लिखा है कि भारत अनादि काल से शैव संस्कृति का अनुयायी रहा है ! भारत की उपजाऊ जमीन और प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने के लिए कृषि प्रधान वैष्णव संस्कृति के लोगों ने भारत पर आज से 10,000 वर्ष पूर्व छल …

Read More »

रावण नीति के 10 अध्याय : Yogesh Mishra

रक्ष संस्कृति का राजा रावण जिसने इस पृथ्वी पर एक नई जीवन शैली की स्थापना की थी, जिसे कालांतर में “रक्ष संस्कृति” कहा गया ! ऐसे ही विद्वान नीतिकार रावण ने इस समस्त पृथ्वी पर अपने साम्राज्य को चलाने के लिए 10 नीतियों का सहारा लिया था ! यह दसों …

Read More »

कभी इस पृथ्वी पर बस सिर्फ शैवों का शासन था : Yogesh Mishra

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि आज से 10,000 साल पहले भारत पर वैष्णव आक्रांताओं ने छल पूर्वक अपना नियंत्रण करना शुरू कर दिया था ! जिसे भारत के इतिहास में आर्यों का आगमन कहा गया ! जिससे भारत की शैव संस्कृति को अत्यधिक क्षति हुई ! कालांतर …

Read More »

राम की निगाह में सीता का अस्तित्व : Yogesh Mishra

( अध्ययन हीन व्यक्ति इस लेख को न पढ़ें) गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा बलपूर्वक राम को मर्यादा पुरुषोत्तम घोषित किया गया था ! क्योंकि गोस्वामी तुलसीदास एक राम भक्त कथावाचक कवि थे ! यही इनका पैतृक व्यवसाय था ! और रामकथा ही उनके जीविकोपार्जन का साधन भी था ! वह …

Read More »

रावण द्वारा ग्रहों को तहखाने में कैद करने का रहस्य : Yogesh Mishra

जैसा कि आज का विज्ञान भी अब स्वीकार करने लगा है कि प्रत्येक ग्रह के ब्रह्मांड में गोचर करने के कारण एक विशेष तरह की तरंग उत्पन्न होती है, जो तरंग पृथ्वी से टकरा कर पृथ्वी पर पंचतत्व में असंतुलन की स्थिति पैदा करती है ! जिससे इस पृथ्वी पर …

Read More »

वैष्णव दो तरह के होते हैं : Yogesh Mishra

वैष्णव दो तरह के होते हैं ! एक अर्ध वैष्णव, दूसरे पूर्ण वैष्णव ! अर्ध वैष्णव से तात्पर्य ऐसे वैष्णव लोगों से है, जो मठ मंदिरों के मुखिया हैं ! कथावाचक हैं या महंगे कर्मकांडी ब्राह्मण हैं ! प्राय: यह लो पूरी दुनिया को ईश्वर के महत्व को बताते हुए …

Read More »